भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद और धार्मिक गुरु राम विलास वेदांती ने बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद में मध्यस्थता करने को लेकर श्री श्री रविशंकर पर निशाना साधा है। जनसत्ता डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार वेदांती ने कहा है कि श्री श्री रविशंकर मध्यस्ता करने वाले कौन होते हैं, उन्हें अपना एनजीओ चलाते रहना चाहिए। वेदांती ने कहा,उन्हें विदेशी फंड को जमा करना चाहिए। मेरा मानना है कि उन्होंने खूब संपत्ति बना ली है और उसकी जांच से बचने के लिए वे राम मंदिर विवाद में कूद पड़े हैं।’
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Who is Sri Sri Ravi Shankar to mediate? He should continue running his NGO & hoarding foreign funds, I believe he has amassed a lot of wealth & to avoid a probe he has jumped into #RamTemple issue: Former BJP MP Ram Vilas Vedanti
12:01 अपराह्न - 16 नव॰ 2017
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इनके साथ ही मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य एजाज अरशद कासमी ने भी कहा है कि श्री श्री रविशंकर चाहते हैं कि मुस्लिम इस विवादित जमीन पर अपना दावा छोड़ दें। कासमी ने 6 अक्टूबर को बेंगलुरू में श्री श्री रविशंकर से मुलाकात की थी। अब कासमी का कहना है कि अभी तक श्री श्री ने समझौते का कोई भी मॉडल पेश नहीं किया है।
विश्व हिन्दू परिषद भी श्री श्री रविशंकर के मध्यस्थता करने के फैसले के खिलाफ है। वीहीप ने बुधवार को कहा कि पुरातात्विक साक्ष्य मिलने के बाद राम जन्म भूमि को लेकर सुलह-समझौते की रट का अब कोई औचित्य नहीं है,न्यायालय साक्ष्य मांगता है, जो हिन्दुओं के पक्ष में है। फिर बातचीत कैसी और क्यों।
जनसत्ता डट कॉम कि रिपोर्ट के अनुसार परिषद ने कहा कि श्री श्री रविशंकर देश के सम्मानित संत हैं और हम उनका सम्मान करते हैं। उन्हें ज्ञात होना चाहिए कि समझौते के तमाम प्रयास पहले भी हुये लेकिन नतीजा कोई नहीं आया.