नई दिल्ली, 22 दिसम्बर,
अतुल कुमार अनजान
प्रधान मंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी जी ने भारतीय जनता पार्टी के संसदीय दल की बैठक में 20 दिसम्बर को बोलते हुए अपनी आदत के मुताबिक सच्चाई से मुंह मोड़ कर गुजरात की जीत पर गलत आंकड़े, अर्धसत्य बातें कही। वह यह कहना भूल गए कि 200 से लेकर 1200 वोटो से बीजेपी ने 15 सीटें जीती। अपने पैतृक शहर बदगाओं जो उंझा विधान सभा में आता है, 19000 वोटों से हार गए। बड़गांव में चुनाव से 25 दिन पहले मोदी जी ने उद्दघाटन का अंबार लगा कर बड़ी जनसभा कर सैंकड़ो करोड़ की योजना दी। फिर भी करारी हार क्यों? फिर यह सिरफिरा तर्क की इंदिरा जी के समय में काँग्रेस के पास सिर्फ 18 राज्यों में कांग्रेस की सरकार थी। आज बीजेपी के पास 19 राज्य हैं।
मोदी जी बीजेपी की अपनी बहुमत की मात्र 9 सरकारें बाकी सब में जम्मू कश्मीर में पीडीपी के साथ सिद्धान्तहीनता की तरह की मिली जुली सरकारें जैसे बिहार में। इंदिरा जी के समय बिहार ,मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में कांग्रेस कि सरकारें थी, उन राज्यों का विभाजन नही था। आज इन्ही राज्यों से झारखंड, छत्तीसगढ़ एवं उत्तराखंड राज्य बने जिनको जोड़कर आप 19 राज्यों का आधारहीन बड़बोला वक्तव्य दे रहे हैं।
मोदी जी आपने प्रधान मंत्री की हैसीयत से 50 देशों में जाकर 2जी पर भारतीय विपक्ष पर आरोप दर आरोप लागए और अब सीबीआई कि अदालत ही आपकी सीबीआई की दलीलों को झूठा तर्कहीन बताकर सभी को बरी कर देती है। मोदी जी अपने को अपने ही झूट की बारिश से बचाने के लिए आपने रेन कोट पहन लिया है।
विश्व से झूठ बोलने के लिए आपको माफी तो मांगनी चाहिए। मुझे यकीन है आप ऐसा करने की हिम्मत तो छोड़िए पछतावा के लिए भी तैयार नही होंगे। वित्त मंत्री जेटली जी कहते हैं कोर्ट का फैसला स्टेटमेंट है। फिर आप लालू यादव जी के संबंध में सीबीआई कोर्ट फैसले को आदेश क्योँ मानते हैं? दोहरा मापदंड बीजेपी का चाल ,चरित्र, चिंतन है क्या?
(लेखक वरिष्ठ सामाजिक एवं सियासी नेता, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव हैं, यह लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं, लेखक के विचारों से ‘वतन समाचार’ की सहमती जरूरी नहीं है।)