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गुजरात: कांग्रेस को हल्के में लेने की कहीं भूल तो नहीं कर रहा मीडिया

गुजरात विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुका है. नतीजे 18 दिसंबर 2017 को आएंगे यानी आज के बाद अभी दो दिन और इन्तेज़ार करना होगा. इस बीच एग्जिट पोल में यह बात सामने आई है कि भारतीय जनता पार्टी गुजरात में जीत रही है. कुछ एग्जिट पोल में जहां भारतीय जनता पार्टी के बंपर जीत की बात कही गई है वहीं कुछ एग्जिट पोल में भारतीय जनता पार्टी के वोट प्रतिशत में गिरावट के साथ भी उसे जीतते हुए दिखाया गया है. इस बीच "वतन समाचार" ने गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर गुजरात के कुछ लोगों से बातचीत की. बातचीत के दरमियान लोगों ने एग्जिट पोल से असहमति जाहिर करते हुए कहा कि गुजरात में कांग्रेस पार्टी 100 सीटों पर जीत सकती है, वहीं कुछ लोगों का यह भी मानना है कि यह आंकड़ा 100 से 120 और 125 के आसपास जा सकता है. ज्ञात रहे कि बिहार विधानसभा चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी के बंपर जीत की बात कही गई थी. एग्जिट पोल के बाद जब नतीजे सामने आए तो भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह बैकफुट पर थी. 2004 में एग्जिट पोल फेल आज तक डाट इन के अनुसार 2004 में जिस वक्त अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार के साए में इंडिया शाइनिंग का नारा बुलंद था, उस वक्त हर एग्जिट पोल ने यही बताया था कि वाजपेयी दोबारा सत्ता पर काबिज होंगे. लेकिन हुआ उल्टा, यूपीए सत्ता में आई. 2009 का इलेक्शन 2009 के लोकसभा चुनाव में आडवाणी के नेतृत्व में जिस वक्त बीजेपी कांग्रेस से लोहा ले रही थी, उस वक्त एग्जिट पोल ने यह तो भांप लिया कि बीजेपी की सरकार नहीं बनेगी, लेकिन सही आंकड़े के करीब कोई नहीं पहुंचा. आलम ये कि एक चैनल के एग्जिट पोल ने सबसे ज्यादा सीटें दी-218, जबकि असल में यूपीए को मिलीं 262 सीटें. 2014 में एग्जिट पोल मोदी की लोकप्रियता के रथ पर सवार बीजेपी का 2014 में जीतना तो तमाम एजेंसियों ने भांप लिया लेकिन सही आंकड़े के करीब सिर्फ चाणक्या एजेंसी पहुंची, जिसने एग्टिल पोल में कहा कि बीजेपी को 340 सीटें मिलेंगी और मिलीं 339. लेकिन लोकसभा चुनाव में एक लहर काम करती है जिसे भांपना अपेक्षाकृत आसान होता है. लेकिन क्या विधानसभा चुनावों के नतीजों के बारे में एग्जिट पोल से जाना जा सकता है? बीते तीन साल में हुए चुनावों के नतीजे एग्जिट पोल से साए में कैसे रहे, इसे समझते हैं. -2014 में हुए महाराष्ट्र चुनाव में एक्जिट पोल सही साबित हुए. -2014 में हुए हरियाणा चुनाव में लगभग आधी एजेंसियों के एग्जिट पोल सही साबित हुए. -जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में एग्जिट पोल किसी को भी बहुमत नहीं दे रहे थे और ऐसा ही हुआ. -झारखंड में एग्जिट पोल के आंकड़ों के मुताबिक बीजेपी को जीत मिली लेकिन बिलकुल सटीक आंकड़ा कोई नहीं बता पाया. -2015 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों में एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी की जीत तो बताई, लेकिन 67 सीटों की कल्पना कोई नहीं कर सका और एक लिहाज से अंडरकरंट लहर को भांपने में हर एग्जिट पोल नाकाम रहा. -बिहार में एक्जिट पोल सिरे से गलत साबित हुए. -पश्चिम बंगाल में आधी एजेंसियों ने इम्तिहान पास किया. उनके एग्जिट पोल के आंकड़े आस-पास रहे और ‘दीदी’ की सरकार फिर पास हो गई. -तमिलनाडु में एग्जिट पोल गलत साबित हुए. डीएमके की जीत का अनुमान लगा रहे एग्जिट पोल को तब झटका लगा जब नतीजे अम्मा के पक्ष में आए. -बीते साल असम विधानसभा चुनावों में ज्यादातर एग्जिट पोल्स ने बीजेपी की बंपर जीत का अनुमान लगाया था, जो सही साबित हुआ. -केरल में ज्यादातर एग्जिट पोल्स में सत्ताधारी यूडीएफ के बेदखल होने का अनुमान जताया गया था और ये अनुमान सही साबित हुए. -पुड्डूचेरी में ज्यादातर एग्जिट पोल्स के लिए अनुमान लगाना आसान साबित हुआ. सभी ने एक स्वर में कांग्रेस-डीएमके की जीत की भविष्यवाणी की थी, जो सही साबित हुई. -उत्तराखंड में दो बड़े एग्जिट पोल ने बीजेपी को जिताया तो दो ने कांग्रेस के साथ बराबर की टक्कर दिखाई. नतीजा बीजेपी के पक्ष में रहा. -पंजाब में हालांकि एग्जिट पोल ने यह तो भांप लिया था कि बीजेपी की सरकार नहीं बन रही लेकिन आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच टक्कर दिखायी गई जो गलत साबित हुआ. -गोवा में एग्जिट पोल गलत साबित हुए. सभी ने बीजेपी को बढ़त दिखायी लेकिन सीटें ज्यादा कांग्रेस की आई. ये अलग बात है कि चुनावी जोड़-तोड़ के खेल में बीजेपी कांग्रेस से 21 साबित हुई और सरकार बीजेपी ने ही बनाई. -मणिपुर में सिर्फ इंडिया टुडे एक्सिस का एग्जिट पोल सटीक साबित हुआ, जिसने कांग्रेस को 30 से 36 सीटों के बीच सीटें दी और कांग्रेस को 31 सीटें मिलीं. ऐसे में एग्जिट पोल को सिरे से खारिज नहीं किया जा सकता, लेकिन यह मान लेना कि एग्जिट पोल बिलकुल सही साबित होते हैं, ये भी गलत है. गुजरात के चुनाव में एग्जिट पोल का इम्तिहान इसलिए ज्यादा है क्योंकि अरसे बाद बीजेपी एकतरफा जीत की तरफ बढ़ती नहीं दिखी और राहुल गांधी जमीन पर मोदी से लोहा लेते दिखे. जाहिर है गुजरात नतीजों की भविष्यवाणी आसान नहीं है लेकिन अगर एग्जिट पोल हवा को भांपने में सही साबित हुए हैं तो कहा जा सकता है कि तगड़ी लड़ाई के बाद बीजेपी सत्ता में आ सकती है. ज्ञात रहे कि जाने-माने विशेषज्ञ और स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने भी गुजरात में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की जीत की उम्मीद जताई है. उन्होंने तीन अलग-अलग तरह के सरवे पेश किए हैं, जिसमें भारतीय जनता पार्टी की हार और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बंपर जीत को दिखाया गया है. अब नतीजे क्या होंगे इसके लिए 18 दिसंबर 2017 दोपहर तक तो इंतजार करना ही होगा.

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