अलीगढ़, 19 दिसम्बर वतन समाचार न्यूज़:
फोरम फॉर मुस्लिम स्टडीज एंड ऐनालिसेस (एफएमएसए) ने हिंदू जागरण मंच द्वारा जारी किए गए इस फरमान की सख्त शब्दों में निंदा की है जिसमें उसने जिले के सभी स्कूलों को गाइड भेजकर कहा है कि 25 दिसंबर को क्रिसमस का त्योहार न मनाएँ.
फोरम का कहना है कि भारत विभिन्न धर्मों के मानने वालों का एक सुंदर गुलदस्ता है. गुलदस्ता को बिखेरने और मसलने की किसी को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. फोरम फॉर मुस्लिम स्टडीज एंड ऐनालिसेस ने हिंदू जागरण मंच के इस फैसले के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की मांग की है।
फोरम फॉर मुस्लिम स्टडीज के निदेशक, जसीम मोहम्मद ने इस सिलसिले में जिला प्रशासन को एक पत्र लिखकर मांग की है कि ऐसे तत्व जो गंगा जमुनी तहजीब को बर्बाद करना चाहते हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. उन्हों ने अपने पत्र में कहा है कि अलीगढ़ पूरे उत्तर प्रदेश में ही नहीं देश में ज्ञान का भण्डार है. यह उत्तर प्रदेश का व्यापार केंद्र भी है. ऐसी स्थिति में जहां इस तरह के शिक्षा के काम हो रहे हैं, यह क़दम व्यापार को प्रभावित करेगा।
उन्हों ने कहा कि स्कूल तो एक ऐसी जगह है जो बच्चे को पूरे जीवन के लिए प्रकाश देता है, और अपने देश की विविध संस्कृति से अवगत करता है, अगर ऐसा प्रतिबंध लगाया जाता है तो इस से बच्चों की नाशो नुमा रुक जायेगी, वह अपने देश की विविधता से अनजान होंगे।
उन्होंने कहा है कि इन स्कूलों में विभिन्न कार्यक्रमों का होना इस लिए जरूरी है ताकि बच्चे अपने देश की तहजीब से माणूस हों, और विदेश जाकर वहां के कल्चर को अडॉप्ट न करैं। बचपन में छात्रों का दूसरे धर्मों से परिचित होना जरूरी है इसलिए ऐसे कार्यक्रमों का होना आवश्यक है अन्यथा विदेश जाकर छात्र वहाँ की संस्कृति से मानूस रहेंगे और फिर वह अपने उद्देश्यों में विफल हो जाएंगे।
उन्होंने प्रशासन से कहा है हिंदू जागरण मंच शहर में लॉ एंड आर्डर की समस्या पैदा कर सकता है और यह संविधान के खिलाफ है, इस लिए तत्काल प्रभाव से कारवाई की जरूरत है. डाक्टर जसीम मोहम्मद ने कहा है कि दरअसल हिंदू जागरण मंच देश की विविधता खत्म करके उसे धार्मिक हिंसा की ओर ले जाना चाहता है। इसलिए जरूरी है कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करके स्कूलों में इस तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम को सुनिश्चित किया जाये.