नई दिल्ली, वतन समाचार डेस्क:
राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने पत्रकारों से एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि अगर PM को माफी मांगने में दिक्कत आती है, जबकि अटल जी होते तो वह 10 बार माफी मांगते। यह तो प्रधानमंत्री, प्रधानमंत्री पर निर्भर होता है। अगर वह माफ़ी नहीं मांगते हैं तो हमारा प्रधानमंत्री को यह कहना कि मैंने यह गुजरात चुनाव जीतने के लिए स्टंट का गोला फैंका था, गोला ठीक निशाने पर नहीं लगा। अब मैं वापस लेता हूं, यह हमें मंजूर है। हम इतना ही स्वीकार कर लेंगे। वह माफी भी ना मांगे, लेकिन वह सिर्फ इतना कह दें कि यह गुजरात चुनाव जीतने के लिए मैंने ये गोला फैंका था, बाहर से गोला तो नहीं आया, मैंने अंदर से ही फैंका.
आजाद ने कहा कि मैंने चेयरमैन को उनके कमरे में आकर बताया कि ये गलत है। ये सदन के सदस्य के खिलाफ, अगर सदन का सदस्य नहीं होता, सदन का सदस्य शरीफ आदमी है, वरना वो privilege दे सकता है। डॉ. मनमोहन सिंह जी gentle आदमी हैं, अगर किसी A,B,C के खिलाफ ऐसा बताएं, वो माननीय प्रधानमंत्री जी की एक गलत precedent खड़ी हो जाती कि माननीय प्रधानमंत्री जी के खिलाफ privilege हो गई। He is entitled for privilege, लेकिन शरीफ आदमी हैं और हम भी नहीं कहते हैं कि प्रधानमंत्री जी के खिलाफ privilege हो जाए। हम प्रधानमंत्री जी का सम्मान करते हैं और हम नहीं चाहते कि उनके खिलाफ privilege हो जाए। इसलिए हमने साफ रास्ता अपनाया।
एक अन्य प्रश्न पर लोकसभा में कांग्रेस पार्टी ने कहा कि माफी भी मांगे, आजाद ने कहा मैं तो छोटी बात कहता हूं कि वो सदन में आकर कहैं कि मैंने चुनाव को नजर में रखते हुए, गुजरात चुनाव को देखते हुए कहा था और मेरे पास कोई चारा नहीं था, बचने का।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में आजाद ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री को सदन में कहा कि, बाहर तो झूठ बोलने की आदत है आप लोगों को, लेकिन अंदर मत बोला करो। उन्होंने कहा कि हमारे वक्त में ही All India Institute of Medical Sciences (AIIMS) बने थे। मैंने कहा कैबिनेट में हमने पास किया, पैसे रखे, प्लानिंग कमिशन में पास किया, Environment Ministry में मैंने पास करवाया, Foundation stone मैने रखे, inauguration मैंने की है और बने आपके वक्त में।
अभी कल कहेंगे कि हिमालय भी हमारे वक्त में बन गया। तो ये भी चार के चार Government of India के अस्पताल हैं। All India Medical Institute, सफदरजंग, लेडी हार्डिंग, राम मनोहर लोहिया, चारों का मेरे ख्याल में 60 साल के बाद सबसे अधिक विकास हमारे 5 साल में हुआ। बहुत Infrastructure-Infrastructure बहुत बना और सफदरजंग में भी एक अस्पताल मैंने सिर्फ 9 महीने में बनाया था, जो 9 मंजिला है, आज तो पूरे एशिया से वहाँ लोग आते हैं।
1400 करोड़ से 1400 बैड का अस्पताल सफदरजंग में जो बड़ी इमारत बनी है, मेरे वक्त में तकरीबन तैयार था। finally डेढ़ साल पहले तैयार होती है। लेकिन इस सरकार को तो, मैं कहता हूं कि इनको चुनाव कैंपेन से फुरस्त मिले तो अस्पताल को देखेंगे, शिक्षा को देखेंगे। इनकी प्राथमिकता है, 365 दिन कॉरपोरेशन के चुनाव लड़ाना, जिला परिषद के चुनाव लड़ाना, पंचायत के चुनाव लड़ाना, विधानसभाओं के चुनाव लड़ाना, संसद का चुनाव लड़ाना। काम हो गया, अस्पताल inauguration हो, कॉलेज का inauguration हो, सड़कें, वह सब टेलिविजन पर तो बन ही रहे हैं। इसलिए नीचे बनाने की कोई जरुरत नहीं है।