नई दिल्ली, 20 दिसम्बर वतन समाचार डेस्क
राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि सोमवार से लोकसभा- राज्यसभा में गतिरोध बना हुआ है। विपक्ष के लोग चाहते हैं कि माननीय प्रधानमंत्री ने गुजरात के चुनाव में इस देश के वरिष्ठ नेता और वरिष्ठ ऑफिसर पर आरोप लगाए थे। उन पर आरोप लगाया है कि पाकिस्तान के साथ मिलकर पाकिस्तान के हाई कमिश्नर के साथ, पाकिस्तान के भूतपूर्व विदेश मंत्री के साथ गुप्त मीटिंग हुई मणीशंकर अय्यर के घर पर। और जिस गुप्त मीटिंग में देश के भूतपूर्व उप-राष्ट्रपति, देश के भूतपूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, देश के भूतपूर्व विदेश मंत्री, विदेश सेक्रेटरी नटवर सिंह, भूतपूर्व आर्मी चीफ जनरल कपूर और आधा-पौना दर्जन भूतपूर्व Ambassadors और High Commissioners मौजूद थे और उन्होंने एक साजिश रची गुजरात के चुनाव के बारे में।
हम प्रधानमंत्री जी से यह निवेदन करते हैं कि उन तमाम नेताओं और वरिष्ठ ऑफिसर में से एक व्यक्ति राज्यसभा का सदस्य है, माननीय डॉ. मनमोहन सिंह जी और अगर माननीय मनमोहन सिंह जी या कोई भी सदन का सदस्य हो, लोकसभा का या राज्यसभा का और उस पर पब्लिकली कोई साधारण आदमी नहीं, देश के वर्तमान प्रधानमंत्री यह आरोप लगाएँ कि वो विदेशी मुल्क और पाकिस्तान के साथ मिलकर साजिश करते हैं तो, यह बहुत बड़ा गंभीर आरोप है।
माननीय प्रधानमंत्री जी को या तो आरोप सिद्ध करना चाहिए या सदन में आकर प्रधानमंत्री जी को कहना चाहिए था कि गुजरात में भाजपा हार रही थी, उनके पास कोई दूसरा चारा नहीं था कि एक साजिश रचने का एक ढोंग तैयार करें और वो भी पाकिस्तान के साथ और जिसमें वो लोगों की हमदर्दी ले लें और कांग्रेस के नेताओं और कांग्रेस के समर्थकों को वो एक तरीके से anti-national करार दें तो कांग्रेस की बजाए बीजेपी को वोट दें। यह प्रधानमंत्री जी कह दें। और प्रधानमंत्री जी यह कह दें कि मेरा काम हो गया, मैं चुनाव जीत गया, अब मैं अपने शब्द वापस लेता हूं।
वरना यह आरोप तो उन पर जिंदगी भर रहेगा। ये आरोप मैं, आप या जो सरकार की तरफ से कहा जाता है कि, कोई भी मंत्री कहेगा। ये तो वही बात है कि ‘कत्ल मैं करुंगा और फांसी दूसरे को लग जाएगी’। ऐसे कैसे हो सकता है? जिसने आरोप लगाया है वही तो सिद्ध करेगा कि भाई, मैंने क्यों आरोप लगाया है। मैंने गलत लगाया था, ठीक लगाया था, सच था, झूठा था। सच अगर है तो सजा दे दें। हम उसके लिए तैयार हैं, अगर आरोप सच हैं, वो साबित कर दें। और अगर इतने बड़े लोगों पर प्रधानमंत्री जी आरोप लगाएं तो ये जो रोज आरोप लगते हैं, बेचारे किसी को कि, गाय ले गया, भैंस ले गया, उस पर हैं, तो फिर तो हम उनको क्यों दोष देते हैं छोटे-छोटे लोगों को?
उन्हों ने कहा कि भाजपा का सिस्टम है कि आप उसको गाली दे दो और उसको एंटी नेशनल कहो, उसको पीटो, मारो और गोली से मार दो। ये तो एक order of the day बन गया है। इसका फैसला सड़क पर नहीं होगा, इसका पंचायत में फैसला नहीं होगा, इसका न्याय अदालत में नहीं होगा। एक ही फैसला है, लोकतंत्र में है, वो है सदन और जो सदन के माननीय प्रधानमंत्री जी सदस्य हैं और उसी सदन के भूतपूर्व प्रधानमंत्री भी सदस्य हैं, जिन पर यह आरोप लगा। हमारी कोई प्रधानमंत्री जी से लड़ाई नहीं है। हम प्रधानमंत्री जी का आदर करते हैं, हम प्रधानमंत्री जी को यह कहकर किसी किस्म की disrespect नहीं दिखाना चाहते हैं। लेकिन प्रधानमंत्री जी की जिम्मेदारी है कि जो चीज को पब्लिक में कहते हैं, वो कहने की हिम्मत सदन में भी होनी चाहिए।