सऊदी अरब में पिछलों कुछ दिनों के घटनाक्रम ने पूरी दुनिया को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर यह सब सऊदी के भले के लिए हो रहा है या फिर यह मुल्क किसी और दिशा में जा रहा है.
क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जो कदम उठाया उसकी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी तारीफ की, हालांकि मुस्लिम दुनिया मे इसे कुछ लोग शक की नजर से देख रहे हैं। कुछ लोगों को लगता है कि क्राउन प्रिंस अपने सभी विरोधियों को ठिकाने लगाने की कोशिश में हैं.
दरअसल, सऊदी में मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में एक नई भ्रष्टाचार निरोधक समिति बनाई गई है. इस समिति के बनने के घंटों बाद ही कई अहम लोगों को हिरासत में लिया गया.
हिरासत में लिए गए लोगों में अरबपति राजकुमार अलवलीद बिन तलल भी शामिल हैं जिन्होंने ट्विटर और एप्पल जैसी कंपनियों में निवेश किया है. मोहम्मद बिन सलमान ने नेशनल गार्ड्स और नेवी के प्रमुखों को भी बर्ख़ास्त कर दिया है.
क्राउन प्रिंस बनने के बाद से मोहम्मद ने सऊदी को आर्थिक और सामाजिक रूप से बदलने के लिए कई अहम कदम उठाए है. वह साफ कर चुके हैं कि सऊदी को उदारवादी इस्लाम की राह पर ले जाना है. कट्टरपंथी शायद उनकी बात को पसंद नहीं करें , लेकिन क्राउन प्रिंस की कोशिश सफल रही तो सऊदी के साथ पूरे दुनिया के मुसलमानों का मुस्तकबिल संवर सकता है.
सऊदी में 500 अरब डॉलर से नियोम नाम से एक नया शहर बनने जा रहा जिसके बारे में क्राउन प्रिंस ने कहा है कि यह पूरी दुनिया के लिए सपनो का शहर होगा.
महिला अधिकारों को लेकर हाल के समय में कई कदम उठाए गए है जिनमे ड्राइविंग की इजाजत देना सबसे अहम है.
यमन में युद्ध, तेल की गिरी कीमत, क़तर संकट और लेबनान का संकट, कुछ ऐसी चुनोतियाँ हैं जिन पर सऊदी की कामयाबी काफी हद तक टिकी हुई है. इन चुनौतियों से निपट लेने पर क्राउन प्रिंस का विजन 2030 निश्चित तौर पर कामयाब होगा.