भीमा-कोरेगांव जीत की सालगिरह पर महाराष्ट्र में भड़की आग अब बुझ गई है. लेकिन जिग्नेश मेवाणी व उमर खालिद के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप के तहत मुक़दमा भी दर्ज हो गया. दोनों पर हिंसा भड़काने का आरोप है. दोनों पर सेक्शन 153(A), 505, 117 के तहत पुणे में एफआईआर दर्ज की गई है. इस बीच इस पूरे मामले को राजनितिक शक्ल देने की कोशिश हो रही है. शुक्रवार (आज) को गुजरात के दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस कर उनपर दर्ज किए गए भड़काऊ भाषण देने के केस पर सफाई दी. मेवाणी ने बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोलते हुए कई बड़े आरोप लागाए... उन्होंने केंद्र सरकार से दलितों पर अपना रुख स्पष्ट करने की मांग करते हुए कहा कि क्या दलितों को शांतिपूर्ण रैली का हक नहीं है. उन्हों ने कहा कि हम पीएम मोदी को चेतावनी देना चाहते हैं कि अगर इस तरह दलितों को दबाया गया, तो हम 2019 में कड़ा संदेश सिखाएंगे. संघ परिवार और बीजेपी पर अपनी छवि खराब करने का आरोप लगाया. उन्हों ने कहा कि गुजरात चुनावों में बीजेपी के 150 सीटों का सपना टूट गया, इसलिए उन्हें 2019 में खतरा दिख रहा है. इसी कारण से मेरे ऊपर एफआईआर दर्ज की गई है. जिग्नेश ने कहा कि हम जातिविहीन समाज चाहते हैं. हम चांद पर पानी ढूंढ़ रहे हैं, लेकिन जमीन पर जातिवाद अपनी जड़ें जमाए हुए है. मैं एक निर्वाचित प्रतिनिधि हूं. मेरे भाषण सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि अगर हमें फासीवाद को खत्म करना है तो जनता के आंदोलनों में सड़क पर उतरना होगा. मेरे खिलाफ जानबूझकर कार्रवाई की जा रही है. मेवाणी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से महाराष्ट्र हिंसा पर बयान देने की मांग की. उन्होंने कहा कि खुद को अंबेडकर का भक्त बताने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी चुप्पी तोड़ें. दलित नेता ने कहा कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद वेमुला, ऊना, सहारनपुर और अब भीमा-कोरेगांव में दलितों को निशाना बनाया गया है. समय आ गया है कि केंद्र अपनी स्थिति साफ करे.
मेवाणी ने कहा कि जिस जगह पर हिंसा हुई, उस जगह पर मैं मौजूद ही नहीं था. न ही महाराष्ट्र बंद में मैं शामिल हुआ, फिर किस बात के कारण मेरे ऊपर केस किया गया.
हम लोग 9 जनवरी को नई दिल्ली में युवा हुंकार रैली करेंगे. उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दफ्तर की ओर बढ़ेंगे. जब हम पीएमओ की तरफ जाएंगे, उस दौरान एक हाथ में मनुस्मृति और दूसरे हाथ में संविधान होगा. मेवाणी ने कहा कि मेरे ऊपर केस करने के साथ ही सरकार देश के लाखों दलितों पर भी केस कर रही है. मैं अपने समर्थकों से कहना चाहता हूं कि किसी भी तरह की हिंसा न फैलाएं. छात्र भारती के कार्यक्रम पर विराम बता दें कि मुंबई पुलिस की ओर से मेवाणी को कार्यक्रम की इजाजत नहीं मिलने के बाद जिग्नेश मेवाणी और जेएनयू के छात्रनेता उमर खालिद के समर्थकों ने जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी की. ये दोनों नेता बतौर वक्ता छात्र भारती के कार्यक्रम में शामिल होने वाले थे.
ताज़ातरीन ख़बरें पढ़ने के लिए आप वतन समाचार की वेबसाइट पर जा सक हैं :
https://www.watansamachar.com/
उर्दू ख़बरों के लिए वतन समाचार उर्दू पर लॉगिन करें :
http://urdu.watansamachar.com/
हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें :
https://www.youtube.com/c/WatanSamachar
ज़माने के साथ चलिए, अब पाइए लेटेस्ट ख़बरें और वीडियो अपने फ़ोन पर :
आप हमसे सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं- ट्विटर :
https://twitter.com/WatanSamachar?s=20
फ़ेसबुक :
यदि आपको यह रिपोर्ट पसंद आई हो तो आप इसे आगे शेयर करें। हमारी पत्रकारिता को आपके सहयोग की जरूरत है, ताकि हम बिना रुके बिना थके, बिना झुके संवैधानिक मूल्यों को आप तक पहुंचाते रहें।
Support Watan Samachar
100 300 500 2100 Donate now
Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.