मीडिया ने बताया कि जस्टिस लोया की दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई है. लोया की बहन के मुताबिक़, उनके कालर पर खून के धब्बे थे. उनकी बेल्ट दूसरी तरफ बंधी थी, और पैंट का क्लिप टूटा हुआ था. लोया के पिता ने भी कहा कि कपड़ों पर खून के निशान थे. पोस्ट-मार्टम की रिपोर्ट के सभी कागजों पर किसी संबंधी ने दस्तखत किये गये, जिसे लोया परिवार में कोई नहीं जानता. जस्टिस लोया का फ़ोन कुछ दिन बाद लौटाया गया पर उसमें कोई डाटा नहीं था.लोया की बहन, अनुराधा बियानी धुले महाराष्ट्र में मेडिकल डॉक्टर हैं, उन्होंने निरंजन टकले को बताया कि उनके भाई ने उनसे कहा था कि बॉम्बे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस मोहित शाह ने उन्हें ‘favorable judgment’ देने के एवज़ में 100 करोड़ की रिश्वत की पेशकश की थी. The Caravan में 3 हिस्सों में सामने आई जांच रिपोर्ट कई सवाल खड़े करती है और उस कहानी पर भी ऊँगली उठाती है जो अधिकारियों ने परिवार को और दुनिया को बताया है. · पोस्ट मार्टम रिपोर्ट और परिवार को फ़ोन पर मौत की सुचना देते हुए जो समय बताया उसमें अंतर · परिवार को पोस्ट मार्टम होने के बाद सूचित किया जाना, नाकि लोया के बीमार होने के ठीक बाद या उनकी मौत के बाद · लोया 48 साल के थे, और उन्हें दिल की कोई बिमारी नहीं रही · लोया VIP गेस्ट हाउस में थे, तो उन्हें सीबीआई के एक जज होने के बावजूद वहां से ऑटो रिक्शा में एक अस्पष्ट निजी अस्पताल में ले जाया गया · पोस्ट मार्टम रिपोर्ट के हर पन्ने पर “maiyatacha chulatbhau” के दस्तखत हैं उनके संबंधी के नाते, पर परिवार के अनुसार ऐसा कोई रिश्तेदार है ही नहीं · लोया के मोबाइल फोन से सारा डाटा ख़तम कर परिवार को वापस लौटाया गया · कपड़ों पर खून · आरएसएस के कार्यकर्ता का रोल, जिसने परिवार को उनका मृत शरीर कहाँ है ये बताया, और मोबाइल फ़ोन भी उसी ने परिवार को वापस किया · लोया के मृत शरीर के साथ किसी का न होना, सिवाये एम्बुलेंस ड्राईवर के · अगर नेचुरल मौत थी तो फिर पोस्ट मार्टम क्यों किया गया · कोई पंचनामा क्यों नहीं था · जस्टिस बरदे लोया के साथ नहीं गये थे, तो उन्होंने फ़ोन कॉल क्यों की · आरएसएस कार्यकर्ता को कैसे मालूम हुआ की सरिता मंदधाने किस हॉस्पिटल में थी · पोस्ट मोर्तम रिपोर्ट में कपड़ों को ‘Dry’ लिखा गया, जबकि कपड़ों पर खून के धब्बे थे · क्यों परिवार को दूसरा पोस्ट मार्टम करने के लिए हतोत्साहित किया है हमारी मांग है कि: · फौरी तौर पर एक उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की जाए · लोया परिवार और पत्रकार निरंजन टकले की सुरक्षा की जाए
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