तनख्वाहों से महरूम मदरसा शिक्षकों ने बढ़ाया मदद के लिए हाथ
इस्लामिक मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक एसोसिएशन (आईमास) ने मदरसा शिक्षको के लिए कोरोना की दूसरी लहर में एक बार फिर चलाई कोरोना हेल्पलाइन
पिछले साल कोरोना की पहली लहर में आईमास एसोसिएशन ने कोरोना हेल्पलाइन चलायी थी। उसी की तर्ज पर दुबारा कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति को देखते हुए आईमास एसोसिएशन ने मदरसा आधुनिकीकरण टीचरों के लिए एक बार फिर दुबारा कोरोना हेल्पलाइन चलायी है। इस हेल्पलाइन के जरिए उन मदरसा आधुनिकीकरण टीचरों की मदद की जाएगी जो किसी संकट में फंसे हुए हैं और उनके परिवार को राशन पानी दवा की दिक्कत है। इस हेल्पलाइन के जरिए एक बार में मदरसा आधुनिकीकरण टीचर को ₹500 की मदद की जाएगी। जिन मदरसा टीचरों को मदद की जरूरत है उनको अपने जिले के आईमास एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष के जरिए अपना नाम मदरसे का नाम ब्लाक व जिला का नाम और लाट संख्या तथा खाता संख्या आई एफ एस सी कोड के साथ हेल्पलाइन नम्बर 9919635242 पर एस एम एस अथवा वाट्सएप करना है अथवा गूगल प्लेस्टोर से आईमास एसोसिएशन का कुटुम्ब ऐप इस लिक से डाउनलोड कर https://kutumb.app/islamic-madarasa-modernization-teachers-association-imass?ref=4066K उस पर जुडकर अपनी रिक्वेस्ट भेजना है।
शिक्षक की आईमास एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष के माध्यम से प्राप्त रिक्वेस्ट पर 24 घंटे में मदद शिक्षक के खाते मे भेज दी जाएगी। एजाज अहमद ने पूरे भारत के मदरसा टीचरों का आह्वान किया कि ऐसे कोरोना महामारी के भयावह संकट के समय आप सभी अपने साथियों की बढ़-चढ़कर मदद करें जो साथी इस लायक है कि दूसरों की मदद कर सकते हैं वह जरूर मदद में आगे आये। उन्होंने कहा कि देश पर आए हुए इस महामारी के भयावह संकट से हर हाल में जीत हासिल करनी है और हर तरह से अपने देश को संकट से बाहर निकालना है। हमें इस महामारी के दौरान देश के एक वालंटियर की तरह काम करना है और देश की जनता की हर सम्भव सहायता करना है। एजाज अहमद ने कहा कि कोरोना महामारी की सबसे ज्यादा मार प्राइवेट स्कूलो के शिक्षकों पर पड़ी है जो शिक्षक प्राइवेट स्कूलों में काम करते थे उनकी ना केवल नौकरी गई है बल्कि ट्यूशन वगैरह जो वह करते थे वह सब भी बंद हो गया है। उनके परिवार पूरी तरह से आर्थिक विपन्नता और भुखमरी के कगार पर हैं कमाई का कोई जरिया नहीं है सरकार ने भी प्राइवेट स्कूलों में काम करने वाले शिक्षकों के लिए कोई पैकेज का ऐलान ना तो पहली लहर में किया था ना तो अब किया है ऐसे में प्राइवेट स्कूलों में काम करने वाले शिक्षकों की दशा बहुत दयनीय है और उनकी हर संभव मदद करने की जरूरत है सरकार को भी प्राइवेट स्कूलों में काम करने वाले शिक्षकों के कल्याण के लिए आगे आना चाहिए।
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