पोर्ट एलिजाबेथ, 24 दिसंबर: दक्षिण अफ्रीका और जिम्बाब्वे के बीच मंगलवार से शुरू होने वाला एकमात्र दिन रात्रि टेस्ट मैच प्रयोग के तौर पर नये नियमों के तहत खेला जाएगा।
खेल के पहले दोनों सत्र दो घंटे के बजाय दो घंटे 15 मिनट के होंगे। पहले सत्र के बाद लंच ब्रेक के बजाय 20 मिनट का चाय काल होगा। दूसरे सत्र के बाद 40 मिनट का डिनर ब्रेक होगा।
इसमें किसी दिन समय बर्बाद होने के कारण अगले दिन जल्दी मैच करवाने या इस वजह से अधिक ओवर करने का प्रावधान नहीं है।
पांच दिनी मैचों में फालोआन 200 रन की बढ़त पर दिया जाता है लेकिन इसमें 150 रन की बढ़त पर फालोआन दिया जा सकता है।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका को चार दिवसीय टेस्ट मैच के आयोजन की अनुमति दे दी है।
टेस्ट खेलने के लिये जो मानक नियम हैं उनसे यह काफी भिन्न होगा।
मैच चार दिन का होगा जिसमें प्रत्येक दिन साढ़े छह घंटे का खेल होगा जबकि पांच दिन मैचों में खेल छह घंटे का होता है। इसमें 90 के बजाय प्रतिदिन 98 ओवर किये जाएंगे। पांच दिनी मैचों की तरह इसमें भी ओवर पूरे करने के लिये आधा घंटा जोड़ा जा सकता है।
प्रत्येक दिन खेल स्थानीय समयानुसार दोपहर बाद एक बजकर 30 मिनट पर शुरू होगा।
यह 1972-73 के बाद पहला टेस्ट मैच होगा जिसके लिये चार दिन का कार्यक्रम तय किया गया है। उससे पहले तक टेस्ट मैच तीन से छह दिनों तक खेले जाते थे। कुछ टेस्ट मैच में तो समय की कोई पाबंदी नहीं होती थी और उन्हें ‘टाइमलेस’ टेस्ट कहा जाता था।
दक्षिण अफ्रीका - जिम्बाब्वे मैच आठवां दिन रात्रि टेस्ट मैच होगा। यह दक्षिण अफ्रीका में खेला जाने वाला इस तरह का पहला मैच होगा। पिछले सात दिन रात्रि टेस्ट मैचों में से चार आस्ट्रेलिया में खेले गये हैं।
आखिरी टाइमलेस टेस्ट दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के बीच डरबन में 1938-39 में खेला गया था। दिलचस्प बात यह है कि यह मैच दस दिन (इनमें से एक दिन बारिश के कारण खेल नहीं हो पाया था) तक चला और फिर भी ड्रा रहा क्योंकि इंग्लैंड की टीम को स्वदेश लौटने के लिये जहाज पकड़ना था।
सभी टेस्ट मैच 1972-73 से पांच दिन के करवाये जाने लगे। आस्ट्रेलिया और विश्व एकादश के बीच 2005-06 में खेला गया टेस्ट मैच हालांकि छह दिन का था। यह मैच चार दिन में समाप्त हो गया था।
(इनपुट भाषा से)