नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुस्लिम महिलाओं के लिए हज को लेकर 70 वर्षो तक चली 'मेहरम' की पाबंदी की व्यवस्था को 'भेदभाव' और'अन्याय' करार दिया.
उन्होंने कहा कि उनको इस बात की खुशी है कि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने इस पाबन्दी को हटाया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि उन्होंने मेहरम के बिना हज पर जाने का आवेदन करने वाली सभी महिलाओं को लॉटरी सिस्टम से अलग रखकर विशेष श्रेणी में हज पर जाने का अवसर प्रदान करने का सुझाव दिया है.
उधर, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय और भारतीय हज समिति ने प्रधानमंत्री के सुझाव पर अमल करते हुए आवेदन करने वाली सभी महिलाओं को हज पर जाने की व्यवस्था करने का फैसला किया है.
मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा," हमारी जानकारी में एक बात आयी कि यदि कोई मुस्लिम महिला, हज-यात्रा के लिए जाना चाहती है तो वह ‘महरम’ के बिना नहीं जा सकती है। जब मैंने इसके बारे में पहली बार सुना तो मैंने सोचा कि ऐसा कैसे हो सकता है? ऐसे नियम किसने बनाए होंगें? ये भेदभाव क्यों? और मैं जब उसकी गहराई में गया तो मैं हैरान हो गया - आजादी के सत्तर (70) साल के बाद भी ये पाबन्दी लगाने वाले हम ही लोग थे.''
प्रधानमंत्री ने कहा, " दशकों से मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय हो रहा था लेकिन कोई चर्चा ही नहीं थी। यहाँ तक कि कई इस्लामिक देशों में भी यह नियम नहीं है। लेकिन भारत में मुस्लिम महिलाओं को यह अधिकार प्राप्त नहीं था। और मुझे खुशी है कि हमारी सरकार ने इस पर ध्यान दिया। हमारी अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय नेे आवश्यक कदम भी उठाए और ये सत्तर(70) साल से चली आ रही परंपरा को नष्ट कर के इस पाबन्दी को हमने हटा दिया। आज मुस्लिम महिलाएँ, ‘महरम’ के बिना हज के लिए जा सकती हैं."
उन्होंने कहा, "मुझे खुशी है कि इस बार लगभग तेरह सौ (1300) मुस्लिम महिलाएँ ‘महरम’ के बिना हज जाने के लिए आवेदन कर चुकी हैं और देश के अलग-अलग भागों से- केरल से ले करके उत्तर तक महिलाओं ने बढ़-चढ़ करके हज-यात्रा करने की इच्छा ज़ाहिर की है."
उन्होंने कहा, "अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को मैंने सुझाव दिया है कि वो यह सुनिश्चित करें कि ऐसी सभी महिलाओं को हज जाने की अनुमति मिले जो अकेले आवेदन कर रही हैं। आमतौर पर हज-यात्रियों के लिए लॉटरी सिस्टम है लेकिन मैं चाहूँगा कि अकेली महिलाओं को इस लॉटरी सिस्टम से बाहर रखा जाए और उनको विशेष श्रेणी में अवसर दिया जाए."
मोदी ने कहा, " मैं पूरे विश्वास से कहता हूँ और ये मेरी दृढ़ मान्यता है कि भारत की विकास यात्रा, हमारी नारी-शक्ति के बल पर, उनकी प्रतिभा के भरोसे आगे बढ़ी है और आगे बढ़ती रहेगी। हमारा निरंतर प्रयास होना चाहिए कि हमारी महिलाओं को भी पुरुषों के बराबर समान अधिकार मिले, समान अवसर मिले ताकि वे भी प्रगति के मार्ग पर एक-साथ आगे बढ़ सकें. "
मन की बात कार्यक्रम के कुछ देर बाद अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने प्रधानमंत्री के सुझाव पर अमल की घोषणा की.
नक़वी ने ट्वीट किया, प्रधानमंत्री जी के सुझाव के बाद मैं यह विश्वास दिलाता हूँ कि बिना "मेहरम" (पुरुष रिश्तेदार) के हज पर जाने के लिए आवेदन देने वाली लगभग 1300 मुस्लिम महिलाओं को लॉटरी व्यवस्था से बाहर रख कर हज पर जाने की व्यवस्था की जाएगी."