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तीन तलाक़ पर मौलाना असरारुल हक़ क़ासमी का बड़ा बयान

By: Administrators

मोहम्मद अहमद नई दिल्ली, 03 जनवरी, वतन समाचार ब्योरो: तीन तलाक पर गर्चे बिल लोकसभा से पास हो चुका है, लेकिन इस बिल पर सड़क से संसद तक कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता और दूसरी बार लोकसभा में किशनगंज की नुमाइंदगी करने वाले मौलाना असरारुल हक़ क़ासमी का विरोध जारी है. मौलाना असरारुल हक़ क़ासमी ने वतन समाचार से टेलीफोनिक बातचीत में बिल की मौजूदा शक्ल को महिलाओं के विरुद्ध बताते हुए कहा कि यह बिल महिलाओं को आराम देने के बजाय उनकी पीड़ा को और बढ़ा देगा. मौलाना असरारुल हक क़ासमी ने वतन समाचार से बातचीत में कहा कि इस बिल की मौजूदा शक्ल महिलाओं को तबाह और बर्बाद कर देगी. उन्होंने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को असंवैधानिक करार देते हुए अमान्य बता दिया है तो फिर उसको मान्य मान कर उस पर सजा तय करना उचित नहीं है. मौलाना क़ासमी ने बिल को संविधान के विरुद्ध बताते हुए कहा कि जब निकाह सिविल कॉन्ट्रैक्ट है तो इसको क्रिमिनल खाने में कैसे डाला जा सकता है. मौलाना असरारुल हक क़ासमी ने कहा कि बिल के अनुसार जब आदमी अपनी पत्नी को तीन तलाक दे देगा और उसे जेल हो जाएगी और वह जब वापस आयेगा तो महिला उसकी बीवी होगी. अब सवाल यह है कि जिस महिला ने अपने पति को तीन तलाक के समय जेल भिजवाया था क्या वह जेल से आने के बाद उसके साथ पत्नी जैसा व्यवहार करेगा? उन्होंने कहा कि अब महिला का क्या होगा इस बिल में इस बात की भी कोई गारंटी नहीं है. मौलाना ने कहा कि उन्होंने पहले दिन से बिल के मौजूदा ढांचे का विरोध किया है और वह आगे भी इसका विरोध करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश लोकसभा में कामयाब नहीं हो पाई लेकिन राज्यसभा में उस को कामयाब बनाने की कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ-साथ पार्टी के राज्यसभा में नेता गुलाम नबी आजाद समेत विपक्ष की कई पार्टियों के कई नेताओं से मुलाकात की है, जिसमें लेफ्ट के नेता मोहम्मद सलीम एनसीपी नेता मजीद मेमन के नाम उल्लेखनीय हैं. मौलाना ने कहा कि 28 दिसंबर को लोकसभा में जो बिल पास हुआ है उसका विरोध करने की कोशिश की लेकिन मौक़ा नहीं मिल सका. ज्ञात रहे कि लोक सभा में बिल का विरोध विपक्ष की कई पार्टियों ने किया था. खुद कांग्रेस पार्टी ने इसे स्लेक्ट कमेटी को भेजने की अपील की, जिसे सरकार ने ठुकरा दिया. ऐआईडीएमके और एनसीपी ने भी इस बिल का विरोध किया था. मौलाना ने उम्मीद ज़ाहिर की कि राज्यसभा में यह बिल सेलेक्ट कमेटी को चला जाएगा और बिल में परिवर्तन करके उसे और बेहतर बना दिया जाएगा.

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