मोहम्मद अहमद
नई दिल्ली, 11 दिसम्बर वतन समाचार न्यूज़:
राजस्थान में अफ्राजुल की हत्या मामले मैं "
वतन समाचार" से बात करते हुए
लोक जनशक्ति पार्टी के प्रधान महासचिव "अब्दुल खालिक" ने कहा है कि इस मामले की जितनी निंदा की जाए वह कम है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से लिंचिंग की घटनाएं रोज-बा-रोज बढ़ती जा रही हैं वह ना सिर्फ निंदनीय है, बल्कि उनके खिलाफ केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को सख्त और कठोर कदम उठाने की जरूरत है. पूरे समाज को एकजुट होकर के यह सोचना पड़ेगा कि यह कौन सी सोच है जो भारतियों में इस तरह की नफरत पैदा कर रही है.
अब्दुल खालिक़ का कहना था कि मुजरिम कौन है और किसने मारा और किस को मारा यह इतना बड़ा विषय नहीं है. उन्होंने कहा कि जिस तरह गांधी जी को मारा गया, किसने मारा यह इतना बड़ा विषयक नहीं है, बल्कि किस सोच ने उनको मारा और किस सोच ने उस व्यक्ति को इस बात के लिए आमादा किया कि वह गांधी जी पर गोली चलाए, यह अहम् मुद्दा है.
उन्होंने कहा कि बिल्कुल इसी तरह जिस तरह की घटनाएं हो रही हैं या देश में जिस तरह के हालात पैदा किए गए हैं, जिन लोगों ने इस सोच को पैदा किया है असली जवाबदेही उनकी बनती है, और उन लोगों से ही सवाल पूछा जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि इस सोच के पीछे कौन लोग हैं उनका पता लगाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि उस सोच पर रोक लगाने की जरूरत है, जो भारत और उसकी संस्कृति के साथ खेलने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से यह सोच भारतीय समाज में एक दूसरे के बीच दूरियां बढ़ा रही है वह निंदनीय है. अब्दुल खालिक का कहना था कि भारत हमेशा से एक सभ्य देश रहा है और सभ्यता इसकी पहचान रही है. उन्होंने कहा कि भारतीय समाज को हमेशा एक निष्पक्ष और ईमानदार समाज के रूप में दुनिया ने देखा है. उन्होंने कहा कि हमें सर जोड़ कर बैठना होगा उस सोच का पता लगाना होगा जिस सोच ने हमारे समाज में विभाजन की स्थिति पैदा कर दी है. उनका कहना था कि हमारा समाज एक ऐसा समाज है जिसमें हर समुदाय धर्म और जाति के लोग रहते हैं और हमारे समाज में हमेशा एक दूसरे को गले लगाया गया है.
उन्होंने बताया कि जिस तरह से राजस्थान में हत्या का मामला हुआ है, यह पहला मामला नहीं है बल्कि इससे पहले भी इस तरह की कई घटनाएं हो चुकी हैं. उनका कहना था कि जिस तरह से हत्या के बाद उसका वीडियो बनाया गया और बात यहीं पर नहीं रुकी बल्कि उस हत्या करने वाले की समाज में कुछ ऐसे तत्व है जिन्होंने प्रशंसा की और उसका हौसला बढ़ाया यह निंदनीय. उन्होंने कहा कि हमारे लिए जरूरी है कि उस सोच का पता लगाएं जो हमारे समाज में विभाजन की स्थिति पैदा कर रही है.