प्रदेशस्तरीय कुरान पढने के दो दिवसीय काॅम्पिटिशन का हुआ समापन
पश्चिमी राजस्थान के 39 मदरसों के 91 विद्यार्थियों ने की शिर्कत
जोधपुर 18 जनवरी। कुरआन एक हकीकत है और लोगों के लिए अल्लाह का संदेश है। इसमें हर सवाल का जवाब है। कुरआन में एक आकर्षण है जो लोगों को अपनी ओर खींचता है। हम कुरआन को बेहतर ढंग से पढ़ें। बेहतर पढने वालों को सब पसंद करते है। आज के छोटे-छोटे बच्चें ही कल के कुरान हाफिज और कुरान के बड़े विद्वान बनेगें।
ये कहना है देश के ख्यातिनाम इस्लामी शिक्षाविद् एवं जामिया इस्लामिया इशाअतुल उलूम, अक्कल कुवा, महाराष्ट्र के कुलपति एवं दारूल उलूम देवबन्द यूपी के पूर्व प्रिन्सीपल मौलाना गुलाम मुहम्मद वस्तानवी का। वे गुरूवार को चैखा स्थित मदरसा दारूल उलूम अल अरबिया अल इस्लामिया परिसर में बतौर मुख्य अतिथि, जामिया इस्लामिया इशाअतुल उलूम, अक्कल कुवा, महाराष्ट्र एवं दारूल उलूम अल अरबिया अल इस्लामिया जोधपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय राज्य स्तरीय कुरान पढने का काॅम्पिटिशन (प्रतियोगिता) के समापन समारोह में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि दुनिया के हर मदरसे में पढने वाला विद्यार्थी अपने आप को एक ऐसा आदर्श नमूना बनाये। जो दूसरों के लिए तालीम (शिक्षा) की मिशाल बनें। कुरआन पढना, समझना और उसे जिन्दगी में उतारना (आत्मसात् करना) ही सच्ची कामयाबी है।
दारूल उलूम अल अरबिया अल इस्लामिया जोधपुर के जनरल सेक्रेट्री मोहम्मद अतीक ने कहा कि हमें मौजूदा हालात में मदरसों से ऐसे उलेमा तैयार करने की जरूरत है जो दीन (धार्मिक शिक्षा) के साथ साथ हर सेक्टर में काम करने को तैयार हो। हमें हमारे उलेमाओं को उनके अधिकारों की बेहतरी के लिए कानून की शिक्षा भी दी जानी चाहिए। हमें जरूरत है ज्यादा से ज्यादा मार्डन उस्तादों की जो उर्दू, अरबी, अन्य विषय और रिसर्च करने वालों की। हमें मदरसों के हाफिज व आलिम मौलानाओं को आधुनिक शिक्षा के लिए नेशनल आॅपन बोर्ड से गणित व विज्ञान विषयों के साथ दसवीं एवं बारहवीं करवाकर उन्हें विभिन्न यूनिवर्सिटी के जरिये प्राइवेट या रेग्यूलर रूप में स्नातक कराने की जरूरत है ताकि उनके लिए नई राहें और नई मंजिलें खुल सकें और वे मुल्क की तरक्क़ी के भागीदार बनें।
मदरसे के प्रिन्सीपल मौलाना शाहिद हुसैन नदवी ने बताया कि आॅल कुरआन हिफ्ज प्रतियोगिता में फलौदी के जामिया हमिदिया पलीना मदरसे के इकबाल पहले, फलौदी मदीनतुल उलूम आहू मदरसे के यार मोहम्मद दूसरे, बाडमेर मदीनतुल उलूम गागरिया मदरसे के अशरफ तीसरे, जैसलमेर के दारूल उलूम अरबिया इस्लामिया अनवार उलूम मदरसे के जमील चैथे व मेज़बान मदरसे दारूल उलूम अल अरबिया अल इस्लामिया चैखा जोधपुर के दिलनवाज को पांचवा स्थान मिला।
कुरान के पारा 1 से 15 हिफ्ज प्रतियोगिता में फलौदी मदीनतुल उलूम आहू मदरसे के फारूक को प्रथम, बाडमेर के मदरसा इस्लामिया तालिमुल कुरआन नवातला के नजीर को द्वितीय स्थान, जोधपुर के दारूल उलूम अहले हदीस चैखा के रेहान को तीसरा, बीकानेर के मदरसा इस्लामिया अरबिया जगासर के मकसूद को चैथा व फलौदी के मदरसा इस्लामिया तालीमुद्दीन निनउफांटा के वाहिद को पांचवा स्थान मिला।
तफ्सीरे कुरान (सुरः कहफ) प्रतियोगिता में बाडमेर के मदरसे मदीनतुल उलूम गागरिया के ओसामा ने पहला, फलौदी के मदरसा एहयाउलउलूम बाप के सिकन्दर ने दूसरा व मेज़बान मदरसे दारूल उलूम अल अरबिया अल इस्लामिया चैखा जोधपुर के अहमद्दीन ने तीसरा स्थान हासिल किया। 40 हदीस तफ्सीर सहित प्रतियोगिता में मेज़बान मदरसे दारूल उलूम अल अरबिया अल इस्लामिया चैखा जोधपुर के रऊफ ने प्रथम व फलौदी के मदरसा इमदादिया के रफीक ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। पहले स्थान पर आने वाले छात्र को 10 हजार, दूसरे स्थान पर आने वाले को 8 हजार, तीसरे स्थान पर आने वाले को 5 हजार, चैथे स्थान पर आने वाले को 3 हजार एवं पांचवे स्थान पर आने वाले को 2 हजार रूपये का इनाम एवं प्रशिस्त पत्र प्रदान किया गया। सभी प्रतिभागियो को प्रतियोगिता के सर्टिफिकेट दिये गये। देश के 22 राज्यों में हो रही इस प्रतियोगिता के विजेताओं के बीच महाराष्ट्र में राष्ट्रीय स्तरीय ये प्रतियोगिता आगामी मार्च 2018 में आयोजित की जायेगी।
मदरसे के प्रिन्सीपल मौलाना शाहिद हुसैन नदवी ने इस्तकबालिया खुत्बा (स्वागत भाषण) पढा। प्रतियोगिता के आर्गनाइजर मौलाना अब्दुल रहीम फलाही ने प्रतियोगिता की विस्तार से रूपरेखा बताई। इस मौके पर दो भाग में प्रकाशित कुरआनी कायदे का विमोचन भी किया गया। विजेता प्रतिभागियों से से सवाल और देश व दुनिया में शान्ति, खुशहाली और कौमी एकता की दुआ मौलाना वस्तानवी ने कराई। पूर्व में तिलावत ए कुरान मौलाना इमरान ने की। मदरसे के बच्चों ‘ए कुरआन है ए कुरआन है‘ नात पढी। अन्त में मेजबान मदरसे के प्रधानाध्यापक अब्दुल करीम नदवी ने शुक्रिया अदा किया। संचालन मौलाना अब्दुल रहीम फलाही व मौलाना शाहिद हुसेन नदवी ने किया। समारोह में मौलाना रईसुद्दीन, मौलाना हस्न अब्दुल्लाह, मौलाना रहमतुल्लाह, मौलाना हबीबुल्लाह सहित देश के इस्लामी जानकार, प्रदेश के कई मदरसों के प्रभारी, शिक्षाविद् एवं आमजन ने शिर्कत की।