पूर्व वित्त मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता यशवंत सिन्हा का प्रधानमंत्री मोदी पर हमला जारी है. उन्हों ने मंगलवार (14 नवंबर) को कहा कि नोटबंदी और इसके प्रभाव के चलते देश को 3.75 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। सिन्हा ने मोदी सरकार के 500 व 1,000 रुपये के नोटों को बंद करने के फैसले की तुलना करीब 700 साल पहले तुगलक वंश के शासक मुहम्मद-बिन-तुगलक के फैसले से की। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, ‘लोकशाही बचाओ अभियान’ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते समय सिन्हा ने इस संबंध में कहा, ‘इतिहास में कई बार सम्राटों, शासकों और राजाओं ने नोटबंदी की… करीब 700 साल पहले इस देश में एक राजा था, जिसने अपनी मुद्रा चलाई और पुरानी वाली बंद करा दी। नोटबंदी 700 साल पहले हुई थी। राजा का नाम था मुहम्मद-बिन-तुगलक। वह इतिहास में अपने साम्राज्य की राजधानी दिल्ली से दौलताबाद करने के लिए कुख्यात है।” तुगलक ने सोने और चांदी के सिक्कों की जगह तांबे और पीतल की मुद्रा चलाई थी।
जनसत्ता डाट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार सिन्हा ने कहा, ”नोटबंदी को इतना अहम माना गया कि पीएम ने फैसला किया कि वह बजाय आरबीआई गवर्नर या वित्त मंत्री को ऐसा करने देने के, खुद इसकी घोषणा करेंगे।” भाजपा नेता ने कहा कि जब मोदी का लगा कि नोटबंदी के लक्ष्य प्राप्त नहीं किए जा सकेंगे तो उन्होंने कैशलेस इकॉनमी की बात करना शुरू कर दिया।
सिन्हा ने कहा कि मोदी ने खुद कहा था कि नोटबंदी के बाद 18 लाख ट्रांजेक्शन की जांच की जा रही थी। उन्होंने कहा, ”दुनिया भर में एक संदेश जा रहा है कि भारत चोरों का देश है, हम सभी अवैध गतिविधियों में लिप्त हैं, यहां कोई ईमानदार नहीं है।”
सिन्हा ने कहा, “साढ़े तीन साल के दौरान रुकी हुई परियोजनाओं में थोड़ी कमी आई है, लेकिन 17-18 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजनाएं अभी भी रुकी हैं। पुरानी परियोजनाएं आगे नहीं बढ़ीं व कोई नई परियोजना नहीं लाई गई। करीब आठ लाख करोड़ रुपये का एनपीए जो अभी भी बना हुआ, को निपटाया जाना है।
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की अंतिम तिमाही में वृद्धि दर 4.7 फीसदी थी, जो कि वर्तमान की संशोधित गणना के अनुसार 6.5 फीसदी बैठती है। मौजूदा वृद्धि दर 5.7 फीसदी है, जो पुरानी पद्धति से गणना के अनुसार 3.5 फीसदी बैठती है।” सिन्हा के हमले के बाद अभी तक मोदी सरकार का कोई मंत्री सामने नहीं आया है.