नई दिल्ली, 04 जनवरी, वतन समाचार डेस्क:
देश के मौजूदा हालात पर सख्त टिप्पणी करते हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और SC कमीशन के पूर्व राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर डॉ ताजुद्दीन अंसारी ने आज
वतन समाचार से खास बातचीत में कहा है कि,
जालिमों गौर करो किसकी पनाह ढूंढोगे
बाअसर जब कभी मज़्लूम के नाले होंगे
डॉ ताजुद्दीन अंसारी ने कहा कि ज़ालिम हमेशा यह सोचता है कि वह ज़ुल्म करके बच जाएगा, लेकिन इतिहास इस बात का साक्षर है कि जालिम को कहीं भी कामियाबी नहीं मिलती है, और एक ना एक दिन उसको मुंह की खानी पड़ती है. डॉक्टर अंसारी ने कहा कि जालिमों को जुल्म करने से पहले सौ बार सोचना चाहिए. उन्होंने मशहूर शायर शाहिद अंजुम के उस शेर को याद दिलाया कि,
आंसुओं ने मेरी आंखों से बगावत की है
फिर तेरी याद के मौसम में सियासत की है
मेरे बच्चों से भी मासूम हैं उसके बच्चे
मैं ने यह सोचकर दुश्मन की हिफाज़त की है
डॉक्टर अंसारी ने देश के दबे कुचले और अल्पसंख्यकों से सब्र का दामन हाथ से न छोड़ने की अपील करते हुए कहा कि सब्र के साथ हालात का मुकाबला करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि जालिम मिट गया हैं और मज़लूम का सीना पहले से और ज्यादा चौड़ा हो कर सामने आया है.
उन्होंने कहा कि दुनिया में इज्जत से बढ़कर कोई चीज़ नहीं है, इसलिए मजलूमों को सब्र का दामन हाथ से नहीं छोड़ना चाहिए और हालात का डटकर मुकाबला भी करना चाहिए. डॉक्टर अंसारी ने जालिमों को सीख देते हुए कहा कि अगर जालिम यह सोचता है कि जुल्म करके वह कामयाब हो गया है तो जिस दिन अल्लाह और ईश्वर ने मजलूम की आवाज सुन ली उस दिन जालिम का हस्ती से सफाया हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि जब मज़लूम के मुंह से आह निकलती है तो उसके और अल्लाह के दरमियान कोई पर्दा नहीं होता, इसलिए किसी पर ज़ुल्म करने से पहले आदमी को एक बार नहीं 100000 बार सोचना चाहिए. डॉक्टर अंसारी ने कहा कि हम यह सोचते हैं कि किसी को बुरा भला कह करके हमने बहुत बड़ी कामयाबी हासिल कर ली, जबकि इतिहास साक्षर है कि कामयाबी उन लोगों के हिस्से में आई है जिन्होंने झुक करके दुनिया को सलाम किया है, क्योंकि आंधियां हमेशा अकड़ने वाले पेड़ों को उखाड़कर फेंक देती हैं और झुकने वाले पेड़ बच जाते हैं.
उन्होंने कहा कि जिस पेड़ में फल होता है वह पेड़ झुक जाता है, इसलिए हमें झुकने की आदत डालनी होगी. उन्होंने देश के मुसलमानों से शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में आगे आने की अपील करते हुए कहा कि वह शिक्षा और स्वास्थ्य के मैदान को पकड़ लें क्योंकि यह ऐसे क्षेत्र है जहां लोगों को अपना बनाया जा सकता है, और परेशान लोगों को सहारा भी दिया जा सकता है. उन्होंने मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि जब तक हमारे चाल चरित्र और चेहरे अल्लाह के नबी की सुन्नत के मुताबिक नहीं होंगे उस वक्त तक कामयाबी हमारे हिस्से में नहीं आ सकती है.