नई दिल्ली वतन समाचार डेस्क:
देश के बहुचर्चित तथा कथित घोटाले 2Gस्पेक्ट्रम (2जी स्पेक्ट्रम ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर बांटी गई थी, यह नीति एनडीए सरकार की थी- कपिल सिब्बल) केस में कोर्ट के पूर्व मंत्री ए राजा और कनिमोझी समेत सभी आरोपियों को बरी करने के बाद वरिष्ठ वकील और पूर्व टेलिकॉम मंत्री कपिल सिब्बल की वह थ्योरी सच साबित हुई, जिसमें उन्होंने 'जीरो लॉस' यानी 'कोई राजस्व हानि नहीं' की बात कही थी.
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि सरकारी वकील यह साबित नहीं कर पाए कि दो पक्षों के बीच पैसे का लेन देन हुआ था. सिब्बल ने कहा था कि 2Gस्पेक्ट्रम घोटाले में किसी तरह का लेन देन नहीं हुआ था. ना ही सरकार को कोई राजस्व हानि हुई, इसीलिए इसमें नुकसान होने का भी सवाल नहीं था.
ज्ञात रहे कि सिब्बल के जीरो लॉस बयान पर कड़ी आलोचना हुई थी. एनडीए समेत कई दलों ने उन्हें गलत ठराया था. 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के हार के कारणों में यह घोटाला भी सबसे बड़ा मुद्दा बना था.
कैसे आया था 2G घोटाले का आंकड़ा...
आज तक डाट इन की रिपोर्ट के अनुसार उस वक्त तत्कालीन नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) विनोद राय ने यह कहा था कि 2G स्पेक्ट्रम घोटाले से सरकार को इतिहास का सबसे बड़ा नुकसान हुआ था. उन्होंने आरोप लगाए थे कि, "राजा द्वारा बेची गई स्पेक्ट्रम से 1,76,000 लाख करोड़ रुपए का नुकसान सरकार को हुआ है."
हालांकि, कोर्ट के फैसले के बाद विनोद राय के इल्ज़ामात गलत साबित हुए. अब कांग्रेस सड़क से सदन तक बीजेपी और तत्कालीन कैग प्रमुख विनोद राय को आड़े हाथों ले रही है.
सिब्बल का विनोद राय पर निशाना...
रिपोर्ट के अनुसार कोर्ट के फैसले के बाद कपिल सिब्बल ने कहा कि, 'तत्कालीन कैग विनोद राय ने साजिश रची थी. जब मैंने जीरो लॉस की बात कही थी तो मेरी तत्कालीन विपक्ष ने जमकर आलोचना की थी. अब कोर्ट ने मेरी बात पर मुहर लगा दी है.