NCHRO की डॉ.कफ़िल के घरवालों से गौरखपुर में मुलाकात
गोरखपुर, प्रेस रिलीज़: गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बच्चों की मौत के मामले में करीब सात महीने तक जेल में रहे डॉ. कफील को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को जमानत दे दी। डॉ.कफ़िल के छोटे भाई काशिफ खान के साथ बीते रोज़ गौरखपुर की जिला अदालत में एनसीएचआरओ के एड्वोकेट अन्सार इन्दौरी ने मुलाक़ात की और मुस्तक़बिल में इन्साफ की लड़ाई में मदद का वादा किया।
अदालत के बाद डॉ. कफ़िल के दूसरे भाई आदिल से घर पर मुलाक़ात हुई। यह अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ डॉ. कफ़िल से जेल पर मिलकर आये थे। आदिल ने तफसीली गुफ्तगू में बताया कि डॉ.कफ़िल को क्यों बलि का बकरा बनाया गया। घटना के बाद समाज के रवैये से भी वह खासे नाराज़ दिखे। दौराने गुफ्तगू उन्होंने कहा कि सरकार ने न सिर्फ उनके भाई को जेल में डाला,बल्कि उनके करीबी लोगों पर भी ज़ुल्म किया।
हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक कोर्ट ने यह कहा है कि, कफील के खिलाफ चिकित्सीय लापरवाही का कोई सबूत नहीं पाया गया। कोर्ट ने कहा कि, उन्हें इतने महीने तक बेवजह जेल में रखा गया। गौरतलब है कि अगस्त, 2017 में कथित तौर पर ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने से गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में पांच दिन में 60 बच्चों की मौत हो गई थी।
डॉ.कफील को सितंबर, 2017 में गिरफ्तार किया गया था। जस्टिस यशवंत वर्मा ने अपने आदेश में कहा कि, ऑन रिकॉर्ड ऐसी कोई सामग्री नहीं मिली है जिससे यह बात साबित हो सके कि आवेदक (कफील) ने चिकित्सीय लापरवाही की है. इसके अलावा उनके खिलाफ कोई जांच भी नहीं शुरू की गई है।
डॉ. कफील को जमानत देने की मुख्य वजह कोर्ट ने यूपी सरकार के हलफनामे को बताया। कोर्ट ने कहा कि, यूपी सरकार ने अपने हलफनामे और खासकर उसके पैराग्राफ 16 में बच्चों की मौत के लिए मेडिकल में ऑक्सीजन की कमी को नहीं माना है। यही नहीं, राज्य सरकार ने ऐसा कोई साक्ष्य भी पेश नहीं किया है, जिससे यह साबित हो या संकेत मिले कि आवेदक ने प्रत्यक्षदर्शियों को प्रभावित करने या साक्ष्यों से छेड़छाड़ की कोशिश की है।
कोर्ट ने कहा कि, आवेदक एक डॉक्टर है और सरकारी कर्मचारी, जिनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। डॉ. कफील खान ने जेल से एक लेटर जारी कर कहा था कि, उच्च स्तर के लोग ‘प्रशासनिक विफलता’ के लिए उन्हें बलि का बकरा बना रहे हैं। शनिवार शाम को डॉ.कफ़िल को गौरखपुर सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया। उनकी बीवी,बेटी,भाई ,रिश्तेदार और बड़ी तादाद में शहर के लोग उनको जेल पर लेने पहुंचे।
ताज़ातरीन ख़बरें पढ़ने के लिए आप वतन समाचार की वेबसाइट पर जा सक हैं :
https://www.watansamachar.com/
उर्दू ख़बरों के लिए वतन समाचार उर्दू पर लॉगिन करें :
http://urdu.watansamachar.com/
हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें :
https://www.youtube.com/c/WatanSamachar
ज़माने के साथ चलिए, अब पाइए लेटेस्ट ख़बरें और वीडियो अपने फ़ोन पर :
आप हमसे सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं- ट्विटर :
https://twitter.com/WatanSamachar?s=20
फ़ेसबुक :
यदि आपको यह रिपोर्ट पसंद आई हो तो आप इसे आगे शेयर करें। हमारी पत्रकारिता को आपके सहयोग की जरूरत है, ताकि हम बिना रुके बिना थके, बिना झुके संवैधानिक मूल्यों को आप तक पहुंचाते रहें।
Support Watan Samachar
100 300 500 2100 Donate now
Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.