देश के पहले शहीद पत्रकार मौलवी मोहम्मद बाक़िर को भारत एक्सप्रेस उर्दू ने दी श्रद्धांजलि, IICC में उर्दू पत्रकारों को किया गया सम्मानित, पत्रकारों के मुशायरे से लोग हुए आनंदित
भारत एक्सप्रेस उर्दू ने देश के पहले शहीद पत्रकार मौलवी मोहम्मद बाक़िर की शहादत की बरसी पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए 16 सितंबर की शाम इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर (IICC) में ‘‘बज़्म-ए-सहाफ़त’’ (Bazm-E-Sahafat) कार्यक्रम का आयोजन किया.
भारत एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क के तहत भारत एक्सप्रेस उर्दू ने देश के पहले शहीद पत्रकार मौलवी मोहम्मद बाक़िर की शहादत की बरसी पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए 16 सितंबर की शाम इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर (IICC) में ‘‘बज़्म-ए-सहाफ़त’’ (Bazm-E-Sahafat) शीर्षक से एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया. इसमें न केवल देश के नामचीन नेताओं और बुद्धिजीवियों ने बतौर वक्ता और अतिथि शिरकत की, बल्कि श्रोताओं में भी देश के सम्मानित पत्रकारों, साहित्यकारों और बुद्धिजीवियों की एक बड़ी जमात मौजूद थी.
इस कार्यक्रम के तकनीकी सत्र की अध्यक्षता करते हुए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता ज़ेड.के. फ़ैज़ान ने मौलवी मोहम्मद बाक़िर जैसे महान पत्रकार और स्वतंत्रता सेनानी को याद करते हुए कहा कि जब स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों की चर्चा होती है तो मौलवी मोहम्मद बाक़िर साहब का नाम लेने वाले नहीं के बराबर हैं. इसलिए हमारे लिए यह ज़रूरी है कि हम लोगों तक उनका नाम पहुंचाएं. भारत एक्सप्रेस उर्दू का यह कार्यक्रम इस सिलसिले में बेहद महत्वपूर्ण है और इसके लिए मैं उन्हें बधाई देता हूं. उन्होंने भारत एक्सप्रेस के सीएमडी और एडिटर-इन-चीफ़ उपेंद्र राय, भारत एक्सप्रेस उर्दू के एडिटर और संयोजक डॉ. ख़ालिद रज़ा ख़ान और सह-संयोजक डॉ. निसार अहमद ख़ान समेत पूरी टीम के प्रयासों को सराहा.
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ भाजपा नेता और सांसद जगदंबिका पाल ने शिरकत करते हुए मौलवी मोहम्मद बाक़िर को याद किया. उन्होंने कहा कि अपना कर्तव्य निभाने के लिए अपनी जान की कुर्बानी देने वाले मौलवी मोहम्मद बाक़िर को हम श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. आज भी देश के हिस्सों में जो जांबाज़ पत्रकार हैं, मौलवी मोहम्मद बाक़िर का व्यक्तित्व उनके लिए रोल मॉडल की तरह है.
इनके अलावा पूर्व विदेश मंत्री और इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर के अध्यक्ष सलमान ख़ुर्शीद ने भी इस आयोजन में शिरकत करते हुए देश के पहले शहीद पत्रकार को श्रद्धांजलि अर्पित की.
नेशनल कमीशन फ़ॉर माइनॉरिटी एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन्स (NCMEI) के कार्यवाहक अध्यक्ष प्रोफ़ेसर (डॉ.) शाहिद अख़्तर ने बतौर मुख्य अतिथि इस आयोजन में हिस्सा लिया. उन्होंने कहा, ‘‘देश से प्रेम और उसके लिए बलिदान देने और उसके लिए कुर्बान हो जाने की परंपरा मौलवी मोहम्मद बाक़िर के नाम से रोशन है. मैं एनसीएमईआई के अंतर्गत आने वाले सभी संस्थानों को पत्र लिखूंगा कि वे मौलवी मोहम्मद बाक़िर के बारे में विद्यार्थियों को ज़रूर पढ़ाएं.’’
वहीं मुख्य अतिथि जामिया हमदर्द के रजिस्ट्रार कर्नल ताहिर मुस्तफ़ा ने कहा कि मौलवी मोहम्मद बाक़िर की शहादत का वर्णन करने में मैं असमर्थ हूं, क्योंकि उन्होंने देश के लिए जिस तरह अपनी जान की क़ुर्बानी दी, उसकी मिसाल नहीं मिलती. इसके अलावा इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर के पूर्व अध्यक्ष सिराजुद्दीन क़ुरैशी भी मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे, लेकिन दिल्ली से बाहर होने की वजह से शामिल नहीं हो सके, हालांकि उनके बेटे समर क़ुरैशी ने इस कार्यक्रम में उनकी ओर से प्रतिनिधित्व किया.
इसके अलावा विशिष्ट अतिथि ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस के महासचिव डॉ. सैयद अहमद ख़ान ने इस आयोजन में शिरकत करते हुए कहा, ‘‘हमें आज भी पत्रकारिता का वही स्तर स्थापित करने की ज़रूरत है जो मौलवी मोहम्मद बाक़िर से जुड़ा हुआ है.’’ इसके अलावा देश के प्रतिष्ठित बुद्धिजीवियों और पत्रकारों ने बतौर वक्ता हिस्सा लिया और मौलवी मोहम्मद बाक़िर की सेवाओं पर प्रकाश डालते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
‘न्यूज़ मैन ऑफ इंडिया‘ शफ़ीक़ुल हसन को भारत एक्सप्रेस का विशेष सम्मान
इस अवसर पर निःस्वार्थ सेवाएं देने वाले ‘‘न्यूज़ मैन ऑफ इंडिया’’ के नाम से मशहूर शफ़ीक़ुल हसन को भारत एक्सप्रेस ने विशेष सम्मान से नवाज़ा और उनकी सेवाओं को स्वीकार किया. उल्लेखनीय है कि वे 8 वर्षों से रोज़ाना बिना किसी अवकाश के न्यूज़ क्लिपिंग करते हैं और सोशल मीडिया तथा व्हाट्सऐप के माध्यम से लोगों तक पहुंचाते रहे हैं. उनकी सेवाओं का हर क्षेत्र में सम्मान किया जाता है. शफ़ीक़ुल हसन ने इस सम्मान के लिए भारत एक्सप्रेस उर्दू और भारत एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क के सीएमडी और एडिटर-इन-चीफ़ उपेंद्र राय का विशेष धन्यवाद किया.
शाहिद सिद्दीकी से मासूम मुरादाबादी तक: पत्रकारों ने बाक़िर के योगदान पर डाला प्रकाश
पूर्व सांसद और वरिष्ठ पत्रकार शाहिद सिद्दीकी ने अपने संबोधन में भारत एक्सप्रेस उर्दू को बधाई देते हुए कहा कि मौलवी मोहम्मद बाक़िर केवल उर्दू पत्रकारिता के ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में स्वतंत्र पत्रकारिता के उज्ज्वल प्रतीक हैं. प्रसिद्ध पत्रकार मासूम मुरादाबादी ने उर्दू पत्रकारिता के इतिहास पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा, ‘‘अंग्रेज़ों ने मौलवी मोहम्मद बाक़िर के साथ जो व्यवहार किया और जिस निर्दयता से उनकी जान ली, उसके बारे में पढ़ते हुए रोंगटे खड़े हो जाते हैं.’’
शिक्षा विशेषज्ञ और लेखक कलीमुल हफ़ीज़ ने कहा कि मौलवी मोहम्मद बाक़िर का सबसे बड़ा कमाल यह है कि उन्होंने अंग्रेज़ों द्वारा भारतीयों में हिंदू-मुस्लिम सौहार्दको बिगाड़ने की कोशिशों को नाकाम करने के लिए अपनी जान तक गंवा दी. डी.डी. न्यूज़ की एंकर रेशमा फ़ारूक़ी ने भी इस अवसर पर मौलवी मोहम्मद बाक़िर को याद करते हुए कहा कि आज का दिन उर्दू पत्रकारिता के इतिहास का ऐसा दिन है, जिसे कभी भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता.
मौलवी मोहम्मद बाक़िर की शहादत और उनका नाम इतिहास में हमेशा सुनहरे अक्षरों में दर्ज रहेगा. वहीं वरिष्ठ पत्रकार और प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया के अहम सदस्य ए.यू. आसिफ़ ने कहा कि मौलवी मोहम्मद बाक़िर न केवल भारत के पहले शहीद पत्रकार थे, बल्कि उन्होंने ही देश में खोजी पत्रकारिता (इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज़्म) की नींव रखी. वे पत्रकारिता की इस विधा के बाबा आदम हैं.
देश के नामचीन हस्तियों को किया गया सम्मानित
इस सत्र के समापन पर सभी अतिथियों और वक्ताओं को भारत एक्सप्रेस उर्दू की ओर से शानदार मोमेंटो और शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया. इस अवसर पर खास तौर पर इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर के पूर्व अध्यक्ष सिराजुद्दीन क़ुरैशी का सम्मान उनके बेटे समर क़ुरैशी ने स्वीकार किया.
आईआईएमसी के प्रोफ़ेसर राकेश कुमार उपाध्याय, इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर की बीओटी सदस्य प्रोफ़ेसर शमामा अहमद, सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ता मोहम्मद हिदायतुल्लाह, एडवोकेट शाबान अली, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इरफ़ान अहमद, डॉ. अब्दुल्ला ख़ान रऊफ़, डॉ. क़ुतुबुद्दीन समेत कई महत्वपूर्ण हस्तियों को सम्मानित किया गया और भारत एक्सप्रेस उर्दू ने उनकी सेवा में भी मोमेंटो और शॉल भेंट किया.
दिल्ली के वरिष्ठ संपादकों और पत्रकारों का हुआ भव्य सम्मान
इस आयोजन की सबसे महत्वपूर्ण और अनूठी विशेषता यह थी कि दिल्ली के विभिन्न समाचार पत्रों के संपादकों की सेवाओं को स्वीकार करते हुए उन्हें सम्मानित किया गया. रोज़नामा सियासी तक़दीर के एडिटर मोहम्मद मुस्तक़ीम ख़ान, वरिष्ठ पत्रकार और विभिन्न न्यूज़ चैनलों से जुड़े रहे मआरूफ़ रज़ा, मुनसिफ़ टीवी के एडिटर ख़ुरशीद रब्बानी, वरिष्ठ पत्रकार डॉ. मुज़फ़्फ़र हुसैन ग़ज़ाली, प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) के असिस्टेंट डायरेक्टर शहबाज़ हसीबी, वरिष्ठ पत्रकार डॉ. एम. रहमतुल्लाह, रोज़नामा हमारा समाज के एडिटर सादिक़ शेरवानी, वरिष्ठ पत्रकार मोहम्मद अतहरुद्दीन मुन्ने भारती, वरिष्ठ पत्रकार और कवि डॉ. मुमताज़ आलम रिज़वी, सायबान के ग्रुप एडिटर डॉ. जावेद रहमानी, रोज़नामा सच की आवाज़ के रेज़िडेंट एडिटर जमशेद आदिल, एशिया टाइम्स के एडिटर अशरफ़ बस्तवी, एबीसी कम्युनिकेशन के संस्थापक ज़हीरुल हसन, पीआईबी के भाषा विशेषज्ञ सिबतैन कौसर, वरिष्ठ पत्रकार व न्यूज़ एंकर कश्फ़ी शमाइल, फ़ेस ग्रुप के एडिटर डॉ. मुश्ताक़ अहमद, वतन समाचार के एडिटर मोहम्मद अहमद ख़ान, हमारी दुनिया के एडिटर मोहम्मद ख़ान, आकाशवाणी के न्यूज़ रीडर फ़ैसल ख़ान, मिल्लत टाइम्स के मैनेजिंग एडिटर मोहम्मद अफ़सर व अन्य को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया.
उपेंद्र राय के संरक्षण में उर्दू टीम ने संभाली आयोजन की कमान
यह कार्यक्रम भारत एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ़ और सीएमडी उपेंद्र राय के संरक्षण में भारत एक्सप्रेस उर्दू की टीम ने आयोजित किया था, जिसके संयोजक भारत एक्सप्रेस उर्दू के एडिटर डॉ. ख़ालिद रज़ा ख़ान और सह-संयोजक भारत एक्सप्रेस उर्दू के चीफ़ सब-एडिटर डॉ. निसार अहमद ख़ान थे. पहले सत्र का संचालन भारत एक्सप्रेस उर्दू के चीफ़ सब-एडिटर डॉ. निसार अहमद ख़ान ने किया.
बज़्म-ए-सहाफ़त‘ का दूसरा सत्र: पत्रकार शायरो ने बांधा समां
दूसरा सत्र पत्रकारों के मुशायरे पर आधारित था. इस सत्र की अध्यक्षता देश के प्रसिद्ध कवि और वरिष्ठ पत्रकार डॉ. माजिद देवबंदी ने की. इस सत्र में बतौर मुख्य अतिथि मशहूर कवयित्री डॉ. अना देहलवी ने शिरकत की, जबकि संचालन की ज़िम्मेदारी प्रसिद्ध नाज़िम-ए-मुशायरा और वरिष्ठ पत्रकार मोईन शादाब ने निभाई. बतौर मेहमान शायर वरिष्ठ पत्रकार जावेद क़मर, तहसीन मनव्वर, अरशद नदीम, डॉ. वसीम रशीद, डॉ. अफ़रोज़ तालिब, डॉ. फ़रमान चौधरी, डॉ. हबीबुर्रहमान, ख़ुशबू परवीन और सफ़ीर सिद्दीकी ने शिरकत की. यह मुशायरा रात 10 बजे तक चला और अंत तक हॉल भरा हुआ था.
सलमान ख़ुर्शीद, माजिद देवबंदी से अना देहलवी तक शायरी की बहार
खास बात यह रही कि पहले सत्र के मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीय मंत्री और इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर के अध्यक्ष सलमान ख़ुर्शीद मुशायरे में अंत तक मौजूद रहे. सभी शायरों ने अपने शानदार कलाम से श्रोताओं को आनंदित किया. साथ ही भारत एक्सप्रेस के सीएमडी और एडिटर-इन-चीफ़ उपेंद्र राय और भारत एक्सप्रेस उर्दू की पूरी टीम के प्रयासों को सराहा और उन्हें बधाई दी.
ताज़ातरीन ख़बरें पढ़ने के लिए आप वतन समाचार की वेबसाइट पर जा सक हैं :
https://www.watansamachar.com/
उर्दू ख़बरों के लिए वतन समाचार उर्दू पर लॉगिन करें :
http://urdu.watansamachar.com/
हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें :
https://www.youtube.com/c/WatanSamachar
ज़माने के साथ चलिए, अब पाइए लेटेस्ट ख़बरें और वीडियो अपने फ़ोन पर :
आप हमसे सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं- ट्विटर :
https://twitter.com/WatanSamachar?s=20
फ़ेसबुक :
यदि आपको यह रिपोर्ट पसंद आई हो तो आप इसे आगे शेयर करें। हमारी पत्रकारिता को आपके सहयोग की जरूरत है, ताकि हम बिना रुके बिना थके, बिना झुके संवैधानिक मूल्यों को आप तक पहुंचाते रहें।
Support Watan Samachar
100 300 500 2100 Donate now
Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.