जी20 बैठकः भारत ने आर्थिक सशक्तिकरण के लिए वित्तीय समावेशन पर दिया जोर
-कोलकाता में आयोजित वित्तीय मामलों के सत्र को केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने किया संबोधित
-मंत्री ने कहा - मुद्रा प्रबंधन का मार्ग प्रशस्त करता है वित्तीय समावेशन
कोलकाता, 10 जनवरी। भारत की अध्यक्षता में जी20 के वर्किंग ग्रुप ‘ग्लोबल पार्टनरशिप फॉर फाइनेंशियल इन्क्लूशन’ (जीपीएफआई) की पहली बैठक का पूर्ण सत्र यहां मंगलवार को आयोजित हुआ। सिटी ऑफ जॉय कोलकाता में आयोजित फाइनेंस ट्रैक के इस वर्किंग ग्रुप के सत्र को जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने संबोधित किया।
अपने संबोधन के दौरान मुंडा ने वित्तीय समावेशन (फाइनेंशियल इन्क्लूशन) की वकालत करते हुए कहा कि यह प्रक्रिया मुद्रा प्रबंधन का मार्ग प्रशस्त करती है, जो बचत क्षमता को बढ़ाती है, जिससे सामाजिक सुरक्षा और गुणवत्तापूर्ण जीवन सुनिश्चित होता है। उन्होंने सभी के लिए न्यायपूर्ण एवं समान विकास की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि हम पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि वित्तीय समावेशन लोगों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है। केंद्रीय मंत्री ने वसुधैव कुटुम्बकम् के भारत के दृष्टिकोण को दोहराते हुए कहा, ‘‘हम एक मानव केंद्रित वैश्वीकरण का प्रयास करते हैं, ताकि कोई भी वंचित न रहे। हम इस चुनौतीपूर्ण समय में स्थायी, समग्र और जिम्मेदारी से आगे बढ रहे हैं और वित्तीय समावेशन की प्रक्रिया की मदद से बेहतर मुद्रा प्रबंधन का मार्ग प्रशस्त हो रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत की जी20 प्रेसीडेंसी ने अपनी वैश्विक आकांक्षाओं को व्यक्त करने के लिए ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ यानी ‘एक पृथ्वी, एक कुटुम्ब, एक भविष्य’ का विषय चुना है। हमारा दृष्टिकोण एकता की सार्वभौमिक भावना को बढ़ावा देना है।’’
मुंडा ने बाद में विश्व बांग्ला कन्वेंशन सेंटर में स्कूली बच्चों के लिए वित्तीय साक्षरता के एक कार्यक्रम में भाग लिया। इस कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल के विभिन्न स्कूलों के 1,800 से अधिक छात्र-छात्राओं ने उपस्थिति दर्ज कराई। छात्रों ने डिजिटल वित्तीय साक्षरता पर संगोष्ठी और प्रदर्शनियों की विशेषता वाले जी20 ऑगमेंटिंग डिजिटल फाइनेंशियल इन्क्लूशन के सत्र में भाग लिया। वर्किंग ग्रुप की बैठक में जी20 देशों के प्रतिनिधियों के अलावा वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग और भारतीय रिजर्व बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। प्रतिनिधियों ने वित्तीय समावेशन और उत्पादकता लाभ के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का लाभ उठाने पर व्यापक चर्चा की। इससे पहले परिचर्चा के हिस्से के रूप में सोमवार को दो पैनल चर्चाएं आयोजित की गई थीं। अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संगठनों के 12 विशेषज्ञों ने उस चर्चा में हिस्सा लिया था। इसके अलावा इनोवेटिव वित्तीय उत्पादों से संबंधित एक प्रदर्शनी भी लगाई गई थी और वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने के लिए डिजिटल नवाचार के उपयोग पर आयोजित प्रदर्शनी में भारत की स्वदेशी प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित किया गया था।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, वित्तीय समावेशन पर साझेदारी को लेकर हो रही इस बैठक में जी20 के सदस्य देशों के वित्तीय प्रणाली के बुनियादी ढांचे में सुधार, फंड ट्रांसफर को सरल बनाने, नई तकनीकों के इस्तेमाल, वित्तीय साक्षरता और डिजिटल वित्तीय साक्षरता बढ़ाने जैसे अहम मुद्दों पर विचार करना है। विदेशी प्रतिनिधिमंडल को बैठकों से इतर ऐतिहासिक शहर के प्रमुख स्थानों का भ्रमण भी कराया जाएगा।
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