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मुसलमानों के दुश्मन हैं केजरीवाल, नुपुर शर्मा केस में सुप्रीम कमेंट ने हमारी जेल की तकलीफ को ख़त्म कर दिया: मजलिस

मुसलमानों के दुश्मन हैं केजरीवाल, नुपुर शर्मा केस में सुप्रीम कमेंट ने हमारी जेल की तकलीफ को ख़त्म कर दिया: मजलिस गुस्ताख़ ए रसूल नूपुर शर्मा के मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी हमारी कामयाबी है आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन, दिल्ली के सदर जनाब कलीमुल हफ़ीज़ ने संवाददाता सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त किए, दिल्ली उर्दू अकादमी के मामले में केजरीवाल सरकार की बेदारी पर दिल्ली मजलिस में थोड़ा इतमीनान, हर न इंसाफ़ी के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद करने का अज़्म

By: Press Release

मुसलमानों के दुश्मन हैं केजरीवाल, नुपुर शर्मा केस में सुप्रीम कमेंट ने हमारी जेल की तकलीफ को ख़त्म कर दिया: मजलिस

गुस्ताख़ ए रसूल नूपुर शर्मा के मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी हमारी कामयाबी है

 

आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन, दिल्ली के सदर जनाब कलीमुल हफ़ीज़ ने संवाददाता सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त किए,  दिल्ली उर्दू अकादमी के मामले में केजरीवाल सरकार की बेदारी पर दिल्ली मजलिस में थोड़ा इतमीनान,  हर न इंसाफ़ी के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद करने का अज़्म

 

 

नई दिल्ली, 2 जुलाई: ग़लत बयानी से मुल्क को मुश्किल में डालने वाली गुस्ताख़ ए रसूल नूपुर शर्मा को सुप्रीमकोर्ट ने जो फटकार लगाई है और मुल्क में नफ़रत फैलाने वालों को जो आइना दिखाया है उस पर और दिल्ली मजलिस की आवाज़ पर मुस्लिम दुश्मन केजरीवाल सरकार ने बेदार होकर दिल्ली उर्दू अकादमी को बहाल करने का जो फ़ैसला लिया है उस पर आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन दिल्ली के सदर जनाब कलीमुल हफ़ीज़ ने यहाँ आज प्रेस कॉन्फ्रेंस से ख़िताब किया।

मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मुल्क की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीमकोर्ट ने नूपुर शर्मा के मामले में जो सख़्त बातें कही हैं वो क़ाबिले एहतिराम है और इससे हमारा मुल्क के संविधान पर ज़्यादा भरोसा बढ़ा है क्यूंकि जब न्यूज़ चैनल के मुबाहसे में नूपुर शर्मा ने हुज़ूर (स व) की शान में गुस्ताख़ी की थी तो दिल्ली मजलिस की जानिब से शाहीन बाग़ थाना में 29 मई 2022 को शिकायत दर्ज कराई गयी थी और मांग की गयी थी इसके ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की जाए और इसको जेल भेजा जाए। इसके साथ ही 4 जून 2022 को दिल्ली मजलिस ने एक और गुस्ताख़ ए रसूल भाजपा दिल्ली के मीडिया इंचार्ज रहे नवीन जिंदल के ख़िलाफ़ भी शाहीन बाग़ थाना में शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन जब दोनों के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं की गयी तो हमने जंतर मंतर पर पुर अमन एहतिजाजी मुज़ाहिरे का एलान किया, हमें इसकी भी इजाज़त नहीं दी गयी और जब हम पार्लियामेंट स्ट्रीट थाना पर दिल्ली पुलिस की इजाज़त से राष्ट्रपति,  प्रधानमंत्री,  गृहमंत्री को ज्ञापन देने के लिए पहुंचे तो मुझ समेत 30 आशिक़ान ए रसूल को तिहाड़ जेल भेज दिया गया। जेल में हमने तकलीफ़ें बर्दाश्त कीं लेकिन संविधान पर भरोसा रखा। इसका नतीजा है कि आज सुप्रीमकोर्ट ने हमारी बातों का ही समर्थन किया है। दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई है कि आख़िर नूपुर शर्मा की गिरफ़्तारी क्यों हुयी?  मोदी सरकार को भी खरी खरी सुनाई कि आख़िर इस मामले में कोई एक्शन क्यों नहीं लिया गया?  और नूपुर शर्मा को उदयपुर समेत मुल्क में जो कुछ भी हुआ है उसके लिए ज़िम्मेदार क़रार दिया। दिल्ली मजलिस को यक़ीन है कि गुस्ताख़ान ए रसूल को उनके अनजाम तक पहुंचाया जाएगा।

कलीमुल हफ़ीज़ ने कहा कि दूसरी अहम बात यह है कि मुस्लिम दुश्मन केजरीवाल सरकार की जानिब से अक़लियती इदारों के ख़िलाफ़ जो साज़िशें की जा रही हैं उसके ख़िलाफ़ दिल्ली मजलिस ने तहरीक छेड़ रखी है। इस तहरीक के तहत दिल्ली मजलिस ने दिल्ली उर्दू अकादमी का दौरा किया था और इस अदबी और लिसानी इदारे को तबाह करने वाली केजरीवाल सरकार को बेनक़ाब किया था। दिल्ली मजलिस की जानिब से मांग की गयी थी कि इस इदारे को बहाल किया जाए। जो जगह ख़ाली हैं उनको भरा जाए। बंद पड़े सेमिनारों को शुरू किया जाए, अवार्ड का सिलसिला जारी किया जाए। इसका बजट दिया जाए। अब ख़बर आई है कि दो दिन पहले दिल्ली उर्दू अकादमी के चेयरमैन और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अकादमी की गवर्निंग कौंसिल की मीटिंग बुलाई थी जिसमे नए पुराने चिराग़ और सेमिनार कराने, अवार्ड दिए जाने,  बजट जारी करने का अहम फ़ैसला लिया है लेकिन यह ख़बर भी है कि कोरोना की वजह से जो किताबों और कलमकारों को सालाना अवार्ड नहीं दिए गए थे उन्हें न देकर नए अवार्ड का एलान करने का मंसूबा है जबकि मुल्क की दूसरी उर्दू अकादमियां अपने बाक़ी पिछले अवार्ड भी दे रही हैं। कलीमुल हफ़ीज़ ने कहा कि जब कोरोना था तो इसी केजरीवाल सरकार ने मज़दूरों और ऑटो रिक्शा वालों की माली मदद की थी और सूबे के कलमकारों, शायरों और अदीबों को बेसहारा छोड़ दिया था और अब उनका हक़ भी मारना चाहती है इसलिए हमारी मांग है कि पिछले अवार्ड भी दिए जाएँ,  जो असामियाँ ख़ाली हैं उनको भरा जाए,  उर्दू डेस्क जिसमे 6 लोग थे उसको भी बहाल किया जाए। दिल्ली मजलिस के सदर ने कहा कि हमारी पार्टी केजरीवाल सरकार की सरगर्मियों और साज़िशों पर नज़र रख रही है इसलिए सरकार मुसलामानों के साथ खेल खेलना बंद करे वरना दिल्ली मजलिस सड़कों पर उतर कर आवाज़ बुलंद करेगी और ज़रूरत हुयी तो विधानसभा और संसद का घेराव भी करेगी।

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