राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुरू की पानी से संबंधित योजना, बताया केंद्र सरकार बन रही बाधा
राजस्थान : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बढ़ती गर्मी की वजह से राजस्थान में पानी की कमी का निवारण करने के लिए योजना बनाई। लेकिन कुछ समय बाद ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को केंद्र सरकार द्वारा बाधा का सामना करना पड़ा। योजना की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि, “मुख्यमंत्री निवास पर ईआरसीपी पर आमुखीकरण कार्यशाला को संबोधित किया। 37200 करोड़ रूपये की पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना राज्य की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। इससे 13 जिलों की पेयजल आवश्यकताएं पूरी होंगी तथा 2 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा का विकास होगा।”
अशोक गहलोत केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि, “केन्द्र सरकार द्वारा इस परियोजना को 90ः10 के अनुपात के आधार पर राष्ट्रीय महत्व की परियोजना का दर्जा दिया जाना चाहिए। राष्ट्रीय दर्जा मिलने पर ईआरसीपी को 10 वर्ष में पूर्ण किया जा सकेगा, जिससे प्रदेश की लगभग 40 प्रतिशत आबादी की पेयजल समस्या का समाधान होगा।
प्रधानमंत्री ने वर्ष 2018 में जयपुर व अजमेर में आयोजित सभाओं में ईआरसीपी को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट का दर्जा देने का आश्वासन दिया था, लेकिन गत 4 वर्षों में इस दिशा में कोई कार्य नहीं किया गया है, अपितु इसके क्रियान्वयन में रोडे़ अटकाए जा रहे हैं।”
लोगों को मिलती सुविधाओं के बीच बाधा बने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए अशोक गहलोत ने संविधान की मदद ली। उनका कहना है कि, “संविधान के अनुसार जल राज्य का विषय है, केंद्र द्वारा रोडे़ अटकाना अनैतिक है। इस परियोजना की डीपीआर मध्यप्रदेश-राजस्थान अंतरराज्यीय स्टेट कंट्रोल बोर्ड की वर्ष 2005 में आयोजित बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार तैयार की गई है। इसके अनुसार 'राज्य किसी परियोजना के लिए अपने राज्य के कैचमेंट से प्राप्त पानी एवं दूसरे राज्य के कैचमेंट से प्राप्त पानी का 10 प्रतिशत प्रयोग इस शर्त के साथ कर सकते हैं।
इतना ही नहीं, अशोक गहलोत ने लिखे गए पत्र के बारे में अधिक जानकारी देते हुए कहा कि, “जलशक्ति मंत्रालय के सचिव द्वारा राजस्थान के मुख्य सचिव को पत्र लिखा गया कि राजस्थान सरकार द्वारा पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना से जुड़े किसी भी हिस्से में कार्य संपादित नहीं किया जाए। पत्र में अंतरराज्यीय मुद्दों पर सहमति न बनने का कारण बताकर रोकने के लिए लिखा गया। संविधान के अनुसार जल राज्य का विषय है। इस प्रोजेक्ट में अभी तक राज्य का पैसा लग रहा है, पानी राजस्थान के हिस्से का है तो केंद्र सरकार राज्य को परियोजना का कार्य रोकने के लिए कैसे कह सकती है?”
केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर भी आरोप लगाया है उनका कहना है कि, “केन्द्र द्वारा राजस्थान के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया अपनाकर प्रदेश की जनता को पेयजल और किसानों को सिंचाई के लिए पानी से वंचित करने का प्रयास किया जा रहा है। जलशक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत द्वारा पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को बाधित करने का कार्य किया जा रहा है। श्री शेखावत ने पहले कहा था कि प्रधानमंत्री द्वारा ईआरसीपी को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट घोषित करने का आश्वासन नहीं दिया गया है, फिर प्रेस वार्ता में उन्होंने ही ईआरसीपी से सिंचाई के लिए जल के प्रावधान को हटाने का उल्लेख किया।”
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