New Delhi: शुक्रवार को पार्टी दफ्तर पत्रकारों से बातचीत करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने सारे नियम कानूनो एवं संविधान की धज्जियाँ उड़ा कर रख दी था I पूरे देश में कानून को एक तमाशा बना कर रख दिया था । देश में एक तानाशाही का माहौल से बना हुआ था। लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट ने अपने अधिकारों का उपयोग करके सरकार की मनमानी पर रोक लगाने का जो काम किया, उससे ये साबित हुआ है की कोई भी सरकार संविधान, कानून से ऊपर नहीं है।
आज अलोक वर्मा केस में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बोलते हुए संजय सिंह ने कहा कि क्योंकि राफेल डील में हुए घोटाले की जाँच अलोक वर्मा की निगरानी में होने वाली थी, इसीलिए मोदी सरकार ने आनन फानन में अलोक वर्मा को पद से हटाकर, उनकी जगह पर एक ऐसे व्यक्ति नागेश्वर राव को सीबीआई डायरेक्टर के पद पर बैठा दिया, जिस पर पहले से ही भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगे हैं, और उसके भ्रष्टाचार की जांच चल रही हैI
उन्होंने कहा कि 6 मार्च को आम आदमी पार्टी के तीनो सांसदों ने CVC के चेयरमैन को, मुख्य सतर्कता आयोग को और 12 मार्च 2018 को सीबीआई डायरेक्टर से मिलकर राफेल डील में हुए महा घोटाले की जांच की मांग की थी। इसके बाद 16 मई 2018 को CVC ने मुझे जवाब दिया कि आपकी शिकायत को स्वीकार किया जाता है। आप सभी लोग जानते होंगे की CVC जिस भी शिकायत को स्वीकार करती है, उसकी जांच सीबीआई द्वारा की जाती है। दूसरी बात ये की यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी, प्रशांत भूषण ने भी राफेल में हुए महा घोटाले की शिकायत की, अख़बारों और टीवी चेनलों की ख़बरों के अनुसार जब ये लोग राफेल डील की शिकायत करने गए तो मोदी सरकार ने काफी नाराज़गी जताई। आखिर वो कौनसी मजबूरियां हैं जिनके चलते आप राफेल डील की जाँच नहीं होने देना चाहते।
संजय सिंह ने कहा मोदी सरकार को जवाब देना होगा कि क्यों उन्होंने एक सालों पुरानी अनुभव वाली कंपनी से ये प्रोजेक्ट वापस लेकर 12 दिन पुरानी रिलायंस की कंपनी को ये प्रोजेक्ट दिलाया। 526 करोड़ का विमान 1670 करोड़ का कैसे हो गया ?आखिर क्या सांठ-गांठ हुई है मोदी जी की अम्बानी के साथ?
भाजपा को बताना पड़ेगा की क्यों रक्षामंत्री ने झूठ बोला रही हैं कि ऑफसेट पार्टनर बनाने में कोई नियम कानून नहीं है, जिसको फ़्रांस की कंपनी चाहे अपना ऑफसेट पार्टनर बना सकती है, जबकि सरकार की एक प्रोक्योरमेंट पॉलिसी होती है जिसका क्लॉज़ 4.1 कहता है की अगर फ़्रांस की कंपनी को भारत में किसी भी कंपनी को अपना ऑफसेट पार्टनर बनाना है तो वो एलिजिबल प्रोडक्ट्स का निर्माता होना चाहिए।
अलोक वर्मा को अचानक उनके पद से हटा देना, और अगले दिन उनके घर की जासूसी करते हुए आई बी के लोगो का पकड़ा जाना इस बात का सबूत है, कि राफेल की खरीद में मोदी सरकार ने बहुत बड़ा घोटाला किया है और ये सरकार डरी हुई है, और नहीं चाहती कि राफेल घोटाले की जांच हो, और सच पूरे देश के सामने आए।
प्रेस वार्ता में मौजूद आप राज्यसभा सांसद एन.डी. गुप्ता ने पत्रकारों को बताया की जब हम सीबीआई डायरेक्टर अलोक वर्मा से इस मामले की शिकायत करने गए तो उन्होंने बताया की CVC की दफ्तर से भी इस सम्बन्ध में हमारे पास आपका शिकायत पत्र आ चुका है, और जल्द ही हम उस पर कार्यवाही शुरू करेंगे। इस बात से ये साबित होता है कि CVC ने डिफेन्स मंत्रालय के साथ साथ सीबीआई को भी इसकी जांच के लिए कहा, और अगर सीबीआई जांच करती तो मोदी सरकार द्वारा राफेल में किये घोटाले का पर्दाफाश हो जाता।इसी डर से मोदी सरकार ने आनन फानन में अलोक वर्मा को पद से हटा कर एक भ्रष्टाचार के आरोपी अफसर को सीबीआई का डायरेक्टर बना दिया ताकि राफेल की जांच को दबाया जा सके। इसका दूसरा एक प्रमाण ये भी है कि नागेश्वर राव के पद सँभालने के बाद जो 7 फाइलें उन्होंने जब्त की उनमे पहले नम्बर पे राफेल घोटाले की फ़ाइल का नाम है।
ताज़ातरीन ख़बरें पढ़ने के लिए आप वतन समाचार की वेबसाइट पर जा सक हैं :
https://www.watansamachar.com/
उर्दू ख़बरों के लिए वतन समाचार उर्दू पर लॉगिन करें :
http://urdu.watansamachar.com/
हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें :
https://www.youtube.com/c/WatanSamachar
ज़माने के साथ चलिए, अब पाइए लेटेस्ट ख़बरें और वीडियो अपने फ़ोन पर :
आप हमसे सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं- ट्विटर :
https://twitter.com/WatanSamachar?s=20
फ़ेसबुक :
यदि आपको यह रिपोर्ट पसंद आई हो तो आप इसे आगे शेयर करें। हमारी पत्रकारिता को आपके सहयोग की जरूरत है, ताकि हम बिना रुके बिना थके, बिना झुके संवैधानिक मूल्यों को आप तक पहुंचाते रहें।
Support Watan Samachar
100 300 500 2100 Donate now
Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.