नयी दिल्ली, 06 जनवरी: साल के आखिर में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस को सत्ता मिली तो गांधी की बदली हुई शैली, मंदिरों का दर्शन, कैलास मानसरोवर की यात्रा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उनका हमलावर अंदाज सुर्खियां बना रहा। पार्टी संगठन में भी बड़े बदलाव हुए।
कांग्रेस के लिए 2018 काफी सुखद रहा जिसमें देश की सबसे पुरानी पार्टी को लंबे समय बाद तीन प्रमुख राज्यों में चुनावी सफलता मिली तो अध्यक्ष राहुल गांधी के कद में भी इजाफा देखने को मिला, हालांकि कुछ नेताओं के बयानों की वजह से पार्टी को थोड़ा विवादों का भी सामना करना पड़ा।
कांग्रेस ने 2018 के आखिर में मिजोरम में सत्ता गंवाई तो तेलंगाना में उसे करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। इससे पहले मई महीने में कर्नाटक के चुनाव में वह दूसरे नंबर की पार्टी बनी और उसने जद(एस) के साथ मिलकर सरकार बनाई। गत 28 दिसंबर को अपना 134वां स्थापना दिवस मनाने वाली कांग्रेस के लिए मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के नतीजे 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले संजीवनी लेकर आए। पार्टी ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 15 वर्षों के बाद सत्ता में वापसी की। वहीं राजस्थान में पांच साल बाद पार्टी की सत्ता में वापसी हुई।
पार्टी भी इन तीनों राज्यों के नतीजों को 2019 से पहले निर्णायक मानती है। कांग्रेस प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘2018 कांग्रेस के लिए बहुत ही सकारात्मक रहा। राहुल गांधी के नेतृत्व में तीन राज्यों में पार्टी को जीत मिली जो इस बात का स्पष्ट संकेत है कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले देश की जनता का क्या मूड है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी को मजबूती मिलने के साथ ही इस साल राहुल गांधी का कद भी बहुत बढ़ा और जनता ने उन पर विश्वास जताया। हमारा मानना है कि 2019 में उनके नेतृत्व में जनता कांग्रेस पर पूरा विश्वास जताएगी।’’ राहुल गांधी ने 2018 में पार्टी संगठन में बड़े बदलाव किए। दिसंबर, 2017 में उनके अध्यक्ष बनने के बाद इस वर्ष पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) का गठन हुआ जिसमें दिग्विजय सिंह, जनार्दन द्विवेदी और मधुसूदन मिस्त्री जैसे कुछ बड़े नामों को जगह नहीं मिली जो सोनिया गांधी के समय बेहद अहम भूमिका रखते थे।
सीडब्ल्यूसी में अहमद पटेल, मोतीलाल वोरा, अशोक गहलोत, मल्लिकार्जुन खड़गे और गुलाम नबी आजाद जैसे दिग्गज नेताओं के साथ तरूण गोगोई, सिद्धरमैया, अविनाश पांडे, केसी वेणुगोपाल और दीपक बाबरिया को पहली बार जगह मिली। पार्टी के संगठन में इस साल कई बदलाव हुए जिसके तहत सीपी जोशी, दिग्विजय सिंह, मोहन प्रकाश और सुशील कुमार शिंदे जैसे नेताओं की महासचिव पद से विदाई हुई तो ओमन चांडी और हरीश रावत को महासचिव बनाया गया। पार्टी ने कई राज्य प्रभारियों, विभागों के अध्यक्षों तथा सचिवों की नियुक्ति भी की।
संगठन में बदलाव के साथ ही 2018 में राहुल गांधी की शैली में भी काफी बदलाव देखने को मिला। सबसे बड़ा बदलाव यह रहा कि गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ हमलावर रुख अपनाया। उन्होंने राफेल मामले को लेकर मीडिया से बातचीत और चुनावी सभाओं में प्रधानमंत्री मोदी पर लगातार हमले किए।
गुजरात विधानसभा चुनाव के समय मंदिरों के दर्शनों को लेकर सुर्खियों में रहने के बाद गांधी ने 2018 में भी यह सिलसिला बनाए रखा। कर्नाटक विधानसभा चुनाव और फिर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा चुनाव के समय भी कई मंदिरों एवं दूसरे धार्मिक स्थलों का दौरा किया। वह सितंबर महीने में कैलास मानसरोवर की यात्रा पर गए जिसकी मीडिया एवं सियासी गलियारों में काफी चर्चा हुई।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के समय गांधी के विमान में ‘‘गड़बड़ी’’ की घटना भी सुर्खिंयां बनीं। इसी घटना की पृष्ठभूमि में गांधी ने कैलास मानसरोवर जाने का फैसला किया था। लोकसभा में राफेल मामले पर भाषण के बाद गांधी के प्रधानमंत्री मोदी को गले लगाने की भी खूब चर्चा हुई।
वैसे, ‘दामन पर खून के धब्बे’ वाले सलमान खुर्शीद के बयान तथा शशि थरूर की ‘हिंदू पाकिस्तान’ वाली टिप्पणी तथा कुछ अन्य नेताओं के बयान से पार्टी को विवादों का भी सामना करना पड़ा।
ताज़ातरीन ख़बरें पढ़ने के लिए आप वतन समाचार की वेबसाइट पर जा सक हैं :
https://www.watansamachar.com/
उर्दू ख़बरों के लिए वतन समाचार उर्दू पर लॉगिन करें :
http://urdu.watansamachar.com/
हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें :
https://www.youtube.com/c/WatanSamachar
ज़माने के साथ चलिए, अब पाइए लेटेस्ट ख़बरें और वीडियो अपने फ़ोन पर :
आप हमसे सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं- ट्विटर :
https://twitter.com/WatanSamachar?s=20
फ़ेसबुक :
यदि आपको यह रिपोर्ट पसंद आई हो तो आप इसे आगे शेयर करें। हमारी पत्रकारिता को आपके सहयोग की जरूरत है, ताकि हम बिना रुके बिना थके, बिना झुके संवैधानिक मूल्यों को आप तक पहुंचाते रहें।
Support Watan Samachar
100 300 500 2100 Donate now
Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.