सिराज मेंहदी समेत 10 वरिष्ठ नेताओं को कांग्रेस ने UP से किया आउट
2022 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश के अपने शीर्ष नेताओं पर बड़ी कार्रवाई की है. कांग्रेस पार्टी ने 10 वरिष्ठ नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया है, जिन वरिष्ठ नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया गया है उनमें से एक सिराज मेहदी भी हैं, जो राजीव शुक्ला और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी के काफी करीबी बताए जाते हैं.
दिल्ली में उनकी क़ुरबत राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद से भी है, ऐसे में इन नेताओं पर कार्यवाही करके कांग्रेस ने एक साथ कई पैगाम देने की कोशिश की है. उत्तर प्रदेश कांग्रेस की अनुशासन समिति ने 14 नवंबर को नेहरू जयन्ती पर अलग बैठक करने वाले पार्टी के 11 वरिष्ठ नेताओं में से एक पूर्व विधायक हाफिज मोहम्मद उमर को छोड़ कर बाकी सबको रविवार को बाहर का रास्ता दिखा दिया।
जिन नेताओं को पार्टी से निष्कासित किया गया है उनमें पूर्व सांसद डा.संतोष सिंह,पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी, रामकृष्ण द्विवेदी, पूर्व विधायक विनोद चौधरी, भूधर नारायण मिश्रा, सिराज मेंहदी, स्वयं प्रकाश गोस्वामी, नेकचन्द पाण्डे, राजेन्द्र सिंह सोलंकी और पूर्व जिलाध्यक्ष संजीव सिंह शामिल हैं।
प्रदेश कांग्रेस की नई कार्यकारिणी के गठन के बाद से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में अपनी उपेक्षा को लेकर असंतोष है। पार्टी के इन नेताओं का मानना है कि उन्होंने अपने जीवन का लंबा समय पार्टी की सेवा में बिताया है। मौजूदा समय में उन्हें पार्टी में अपमानित किया जा रहा है। नेहरू जयन्ती पर पूर्व सांसद संतोष सिंह के आवास पर इन नेताओं ने बैठक भी की थी। हालांकि इन नेताओं ने पार्टी से अलग होने या बगावती तेवर दिखाने से परहेज किया था। यह भी कहा था कि उन्हें पार्टी में पद नहीं सम्मान चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात का समय लेने की भी बात कही थी। इसके बाद 19 नवंबर को इंदिरा जयंती के मौके पर भी इन नेताओं ने अलग आयोजन किया था।
प्रदेश कांग्रेस की अनुशासन समिति के अध्यक्ष अजय राय ने 21 नवम्बर को इन 11 वरिष्ठ नेताओं को नोटिस देकर 24 घंटे में जवाब मांगा था। पार्टी के प्रवक्ता उमाशंकर पाण्डे ने इस बारे में बताया कि पूर्व विधायक हाफिज मोहम्मद उमर ने माफी मांग ली थी। उनके जवाब से अनुशासन समिति संतुष्ट थी। इसलिए उनको निष्कासित नहीं किया गया जबकि शेष 10 वरिष्ठ नेताओं के जवाब को अनुशासन समिति ने संतोषजनक नहीं पाया।
पूर्व मंत्री और प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सत्यदेव त्रिपाठी ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि मुझे पहले वाले नोटिस की भी कोई जानकारी नहीं है और न ही आज निकाले जाने की कोई जानकारी है।
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