कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के नेतृत्व पर गुलाम नबी आज़ाद जितिन प्रसाद कपिल सिब्बल मुकुल वासनिक और आनंद शर्मा समेत कुल 23 कांग्रेस नेताओं के जरिए प्रश्न चिन्ह लगाए जाने के बाद कांग्रेसियों का रोष थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब लखीमपुर खीरी जिला कांग्रेस कमेटी व शहर कांग्रेस समिति ने कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व पर प्रश्नचिन्ह लगाने वाले नेताओं के खिलाफ प्रस्ताव पारित करके इनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की अपील की है। 5 बिंदुओं पर आधारित प्रस्ताव में कहा गया है कि सोनिया गांधी कांग्रेस पार्टी की एकमात्र सर्वमान्य नेता हैं। राहुल गांधी एवं प्रियंका गांधी पर हम पूर्ण विश्वास रखते हैं।
यदि परिवर्तन होता है तो श्री राहुल गांधी जी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाए। जिन सदस्यों ने अपने हस्ताक्षर करके ऐसे समय में श्रीमती सोनिया गांधी को पत्र लिखकर उनके कार्य क्षमता पर अंगुली उठाई है, वह भी ऐसे समय में जबकि देश में करोना की आपात स्थिति है। श्रीमती गांधी अस्वस्थ हैं। राजस्थान और मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकारों पर बीजेपी हमला कर रही थी, ऐसे समय में पत्र पर हस्ताक्षर करना यह दर्शाता है कि इन लोगों को सोनिया गांधी और कांग्रेस में कोई आस्था नहीं है।
जो कार्य बीजेपी सरकार कर रही है वही काम इन लोगों ने किया है। जिला कांग्रेस कमेटी सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पास करती है कि हस्ताक्षर करने वाले समस्त सदस्यों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही हो तथा उन्हें पार्टी से निष्कासित किया जाए। इस संबंध में विशेष कर पूरे उत्तर प्रदेश में केवल एक व्यक्ति जितिन प्रसाद भूतपूर्व मंत्री के भी हस्ताक्षर हैं। उनका परिवारिक इतिहास गांधी परिवार के खिलाफ रहा है। तथा इनके पिता जितेंद्र सिंह ने श्रीमती सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ कर इसका सबूत दिया था। इसके बावजूद श्रीमती सोनिया गांधी ने इनको लोकसभा का टिकट देकर सांसद और मंत्री बनाया।
इनके द्वारा किया गया कृत्य अनुशासनहीनता है। जिला कांग्रेस कमेटी - शहर कांग्रेस कमेटी की मांग है कि इनके खिलाफ कठोर से कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी चाहिए। इस पत्र पर जिला अध्यक्ष शहर अध्यक्ष लखीमपुर खीरी कांग्रेस कमेटी के साथ कई अन्य कांग्रेस नेताओं के भी सिग्नेचर हैं।
प्रस्ताव पारित करने के लिए कांग्रेस नेताओं ने एक प्रोग्राम का आयोजन भी किया, जिसमें कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता जफर अली नकवी के पुत्र सैफ अली नकवी जो विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं वह भी उपस्थित थे। जिस से साफ लगता है कि कांग्रेसियों का गुस्सा बागी 23 नेताओं के खिलाफ थमने वाला नहीं है और अब देखना यह है कि इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी आगे क्या करती है ? यह देखने में काफी अहम होगा, क्योंकि शीर्ष नेतृत्व ने बागी नेताओं की कार्यशैली पर चिंता व्यक्त ज़रूर किया था। अब देखना यह है कि आने वाले दिनों में पार्टी बागियों के खिलाफ क्या एक्शन लेती है।
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