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40 करोड़ भारतीय गरीबी की गर्त में गरीबी रेखा से नीचे धकेले जा रहे हैं: कांग्रेस

रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि सभी देशवासियों को मेरा प्रणाम। आज ही यूनाइटेड़ नेशंस यानि संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट आई है, जिसके मुताबिक करोड़ों महिलाएं अब गरीबी के गर्त में दूसरे गरीबों के साथ पिछड़ जाने वाली हैं। इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाईजेशन के मुताबिक 40 करोड़ भारतीय गरीबी की गर्त में गरीबी रेखा से नीचे धकेले जा रहे हैं। परंतु सरकार कहाँ है? ऐसा लगता है कि ‘अबकी बार, गरीबों पर वार’, ‘अबकी बार गरीब विरोधी सरकार’। गरीबों को तरक्की का झुनझुना पकड़ा कर सत्ता में आए थे मोदी जी, परंतु 6 साल के बाद हालात क्या हैं - पेट में रोटी नहीं, हाथ को काम नहीं, घर में आराम नहीं, क्या करें गरीब? क्या करे निम्न आय वाला व्यक्ति? रोजगार, रोटी जा रहे हैं, पर सरकार जैसे बेखबर सोई पड़ी है।

By: Press Release
फाइल फोटो
  • 40 करोड़ भारतीय गरीबी की गर्त में गरीबी रेखा से नीचे धकेले जा रहे हैं: कांग्रेस

रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि सभी देशवासियों को मेरा प्रणाम। आज ही यूनाइटेड़ नेशंस यानि संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट आई है, जिसके मुताबिक करोड़ों महिलाएं अब गरीबी के गर्त में दूसरे गरीबों के साथ पिछड़ जाने वाली हैं। इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाईजेशन के मुताबिक 40 करोड़ भारतीय गरीबी की गर्त में गरीबी रेखा से नीचे धकेले जा रहे हैं। परंतु सरकार कहाँ है? ऐसा लगता है कि अबकी बार, गरीबों पर वार’, ‘अबकी बार गरीब विरोधी सरकार। गरीबों को तरक्की का झुनझुना पकड़ा कर सत्ता में आए थे मोदी जी, परंतु 6 साल के बाद हालात क्या हैं - पेट में रोटी नहीं, हाथ को काम नहीं, घर में आराम नहीं, क्या करें गरीब? क्या करे निम्न आय वाला व्यक्ति? रोजगार, रोटी जा रहे हैं, पर सरकार जैसे बेखबर सोई पड़ी है।

आदरणीय देशवासियों, अब सोचने का समय है कि हार्ड वर्क और फ्रॉड वर्क के अंदर क्या फर्क है फ्रॉर्ड वर्क हमने 6 साल के अंदर देखा जहाँ केवल मुठ्ठी भर उद्योगपतियों ने पैसा कमाया। अगर लॉकडाउन की ही बात करें तो अडानी और अंबानी की आय तो लगभग 35 प्रतिशत बढ़ गई, परंतु आपकी जीडीपी जिससे आय बढ़ती है, वो 24 प्रतिशत कम हो गई, क्या ये सरकार हमने बनाई थी 6 वर्ष पहले? हार्ड वर्क और फ्रॉड वर्क का अंतर समझना है, तो श्रीमती सोनिया गांधी और डॉ. मनमोहन सिंह जी की सरकार से समझिए और आज वो याद दिलाने का समय आ गया है - जब 2004 में भाजपा से कांग्रेस ने सरकार ली, तो देश में गरीबी की दर थी 38 प्रतिशत। 10 साल बाद जब कांग्रेस ने 2014 में सरकार छोड़ी, तो देश में गरीबी की दर गिरकर 21.9 प्रतिशत रह गई यानि 16 प्रतिशत गरीबी दर गिर गई। 14 करोड़ हमारे गरीब भाई-बहन गरीबी रेखा से ऊपर उठ पाए। 40 करोड़ का मध्यम वर्ग देश के अंदर हो गया, ये हार्ड वर्क था। ये भी हार्ड वर्क है कि गरीबी उन्मूलन के लिए कांग्रेस ने 10 साल में 16 कार्यक्रम चलाए और 12वीं पंचवर्षीय योजना में 15.5 लाख करोड़ रुपए इन कार्यक्रमों को दिया। अकेले मनरेगा कार्यक्रम में जिसमें 100 दिन का काम सुनिश्चित किया गया, 213 करोड़ मन डेज (मानव दिवस) क्रियेट (create) हुए और इतने गरीबों के हाथ में हिंदुस्तान के गांव के अंदर पैसा गया, जिससे खपत बढ़ी। 10 साल के कांग्रेस के कार्यकाल में औद्योगिक विकास की दर 8.5 प्रतिशत थी, 10 साल के कांग्रेस के कार्यकाल में डॉ. मनमोहन सिंह और सोनिया जी के नेतृत्व में जीडीपी 7.5 प्रतिशत की दर से लगातार बढ़ी, चाहे वैश्विक संकट भी आया। 10 साल के कांग्रेस के कार्यकाल में 300 प्रतिशत न्यूनतम समर्थन मूल्य फसलों का बढ़ा और लोगों की आय 300 प्रतिशत बढ़ी।

दोस्तों, साथियों, भाईयों-बहनों, इसे हार्ड वर्क कहते हैं, फ्रॉड वर्क वो है, जो हमने पिछले 6 साल के अंदर देखा। बात गरीबों की करो, मदद उद्योगपतियों की करो। किसी दोस्त ने सही कहा है कि

मोदी जी नचाए मोर और मस्त हुए सब देश के चोर,

गरीबों के हाथ में कटोरा, देश जा रहा किस ओर

 

आईए सोचिए कि क्या ये सरकार गरीब विरोधी नहीं, गरीबों का उन्मूलन करने वाली नहीं, गरीब के खिलाफ अतिक्रमण और आक्रमण करने वाली नहीं, अगर है, तो आईए मिलकर आवाज उठाइए, गरीब के खिलाफ वाली सरकार को सदा-सदा के लिए नेस्तनाबूद करने के लिए और गरीब को ताकत देने के लिए ताकि वो देश की प्रगति का एक मजबूत हिस्सा बन सके।

 

 

 

40 करोड़ भारतीय गरीबी की गर्त में गरीबी रेखा से नीचे धकेले जा रहे हैं: कांग्रेस

रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि सभी देशवासियों को मेरा प्रणाम। आज ही यूनाइटेड़ नेशंस यानि संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट आई है, जिसके मुताबिक करोड़ों महिलाएं अब गरीबी के गर्त में दूसरे गरीबों के साथ पिछड़ जाने वाली हैं। इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाईजेशन के मुताबिक 40 करोड़ भारतीय गरीबी की गर्त में गरीबी रेखा से नीचे धकेले जा रहे हैं। परंतु सरकार कहाँ है? ऐसा लगता है कि अबकी बार, गरीबों पर वार’, ‘अबकी बार गरीब विरोधी सरकार। गरीबों को तरक्की का झुनझुना पकड़ा कर सत्ता में आए थे मोदी जी, परंतु 6 साल के बाद हालात क्या हैं - पेट में रोटी नहीं, हाथ को काम नहीं, घर में आराम नहीं, क्या करें गरीब? क्या करे निम्न आय वाला व्यक्ति? रोजगार, रोटी जा रहे हैं, पर सरकार जैसे बेखबर सोई पड़ी है।

आदरणीय देशवासियों, अब सोचने का समय है कि हार्ड वर्क और फ्रॉड वर्क के अंदर क्या फर्क है फ्रॉर्ड वर्क हमने 6 साल के अंदर देखा जहाँ केवल मुठ्ठी भर उद्योगपतियों ने पैसा कमाया। अगर लॉकडाउन की ही बात करें तो अडानी और अंबानी की आय तो लगभग 35 प्रतिशत बढ़ गई, परंतु आपकी जीडीपी जिससे आय बढ़ती है, वो 24 प्रतिशत कम हो गई, क्या ये सरकार हमने बनाई थी 6 वर्ष पहले? हार्ड वर्क और फ्रॉड वर्क का अंतर समझना है, तो श्रीमती सोनिया गांधी और डॉ. मनमोहन सिंह जी की सरकार से समझिए और आज वो याद दिलाने का समय आ गया है - जब 2004 में भाजपा से कांग्रेस ने सरकार ली, तो देश में गरीबी की दर थी 38 प्रतिशत। 10 साल बाद जब कांग्रेस ने 2014 में सरकार छोड़ी, तो देश में गरीबी की दर गिरकर 21.9 प्रतिशत रह गई यानि 16 प्रतिशत गरीबी दर गिर गई। 14 करोड़ हमारे गरीब भाई-बहन गरीबी रेखा से ऊपर उठ पाए। 40 करोड़ का मध्यम वर्ग देश के अंदर हो गया, ये हार्ड वर्क था। ये भी हार्ड वर्क है कि गरीबी उन्मूलन के लिए कांग्रेस ने 10 साल में 16 कार्यक्रम चलाए और 12वीं पंचवर्षीय योजना में 15.5 लाख करोड़ रुपए इन कार्यक्रमों को दिया। अकेले मनरेगा कार्यक्रम में जिसमें 100 दिन का काम सुनिश्चित किया गया, 213 करोड़ मन डेज (मानव दिवस) क्रियेट (create) हुए और इतने गरीबों के हाथ में हिंदुस्तान के गांव के अंदर पैसा गया, जिससे खपत बढ़ी। 10 साल के कांग्रेस के कार्यकाल में औद्योगिक विकास की दर 8.5 प्रतिशत थी, 10 साल के कांग्रेस के कार्यकाल में डॉ. मनमोहन सिंह और सोनिया जी के नेतृत्व में जीडीपी 7.5 प्रतिशत की दर से लगातार बढ़ी, चाहे वैश्विक संकट भी आया। 10 साल के कांग्रेस के कार्यकाल में 300 प्रतिशत न्यूनतम समर्थन मूल्य फसलों का बढ़ा और लोगों की आय 300 प्रतिशत बढ़ी।

दोस्तों, साथियों, भाईयों-बहनों, इसे हार्ड वर्क कहते हैं, फ्रॉड वर्क वो है, जो हमने पिछले 6 साल के अंदर देखा। बात गरीबों की करो, मदद उद्योगपतियों की करो। किसी दोस्त ने सही कहा है कि

मोदी जी नचाए मोर और मस्त हुए सब देश के चोर,

गरीबों के हाथ में कटोरा, देश जा रहा किस ओर

 

आईए सोचिए कि क्या ये सरकार गरीब विरोधी नहीं, गरीबों का उन्मूलन करने वाली नहीं, गरीब के खिलाफ अतिक्रमण और आक्रमण करने वाली नहीं, अगर है, तो आईए मिलकर आवाज उठाइए, गरीब के खिलाफ वाली सरकार को सदा-सदा के लिए नेस्तनाबूद करने के लिए और गरीब को ताकत देने के लिए ताकि वो देश की प्रगति का एक मजबूत हिस्सा बन सके।

 

 

40 करोड़ भारतीय गरीबी की गर्त में गरीबी रेखा से नीचे धकेले जा रहे हैं: कांग्रेस

रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि सभी देशवासियों को मेरा प्रणाम। आज ही यूनाइटेड़ नेशंस यानि संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट आई है, जिसके मुताबिक करोड़ों महिलाएं अब गरीबी के गर्त में दूसरे गरीबों के साथ पिछड़ जाने वाली हैं। इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाईजेशन के मुताबिक 40 करोड़ भारतीय गरीबी की गर्त में गरीबी रेखा से नीचे धकेले जा रहे हैं। परंतु सरकार कहाँ है? ऐसा लगता है कि अबकी बार, गरीबों पर वार’, ‘अबकी बार गरीब विरोधी सरकार। गरीबों को तरक्की का झुनझुना पकड़ा कर सत्ता में आए थे मोदी जी, परंतु 6 साल के बाद हालात क्या हैं - पेट में रोटी नहीं, हाथ को काम नहीं, घर में आराम नहीं, क्या करें गरीब? क्या करे निम्न आय वाला व्यक्ति? रोजगार, रोटी जा रहे हैं, पर सरकार जैसे बेखबर सोई पड़ी है।

आदरणीय देशवासियों, अब सोचने का समय है कि हार्ड वर्क और फ्रॉड वर्क के अंदर क्या फर्क है फ्रॉर्ड वर्क हमने 6 साल के अंदर देखा जहाँ केवल मुठ्ठी भर उद्योगपतियों ने पैसा कमाया। अगर लॉकडाउन की ही बात करें तो अडानी और अंबानी की आय तो लगभग 35 प्रतिशत बढ़ गई, परंतु आपकी जीडीपी जिससे आय बढ़ती है, वो 24 प्रतिशत कम हो गई, क्या ये सरकार हमने बनाई थी 6 वर्ष पहले? हार्ड वर्क और फ्रॉड वर्क का अंतर समझना है, तो श्रीमती सोनिया गांधी और डॉ. मनमोहन सिंह जी की सरकार से समझिए और आज वो याद दिलाने का समय आ गया है - जब 2004 में भाजपा से कांग्रेस ने सरकार ली, तो देश में गरीबी की दर थी 38 प्रतिशत। 10 साल बाद जब कांग्रेस ने 2014 में सरकार छोड़ी, तो देश में गरीबी की दर गिरकर 21.9 प्रतिशत रह गई यानि 16 प्रतिशत गरीबी दर गिर गई। 14 करोड़ हमारे गरीब भाई-बहन गरीबी रेखा से ऊपर उठ पाए। 40 करोड़ का मध्यम वर्ग देश के अंदर हो गया, ये हार्ड वर्क था। ये भी हार्ड वर्क है कि गरीबी उन्मूलन के लिए कांग्रेस ने 10 साल में 16 कार्यक्रम चलाए और 12वीं पंचवर्षीय योजना में 15.5 लाख करोड़ रुपए इन कार्यक्रमों को दिया। अकेले मनरेगा कार्यक्रम में जिसमें 100 दिन का काम सुनिश्चित किया गया, 213 करोड़ मन डेज (मानव दिवस) क्रियेट (create) हुए और इतने गरीबों के हाथ में हिंदुस्तान के गांव के अंदर पैसा गया, जिससे खपत बढ़ी। 10 साल के कांग्रेस के कार्यकाल में औद्योगिक विकास की दर 8.5 प्रतिशत थी, 10 साल के कांग्रेस के कार्यकाल में डॉ. मनमोहन सिंह और सोनिया जी के नेतृत्व में जीडीपी 7.5 प्रतिशत की दर से लगातार बढ़ी, चाहे वैश्विक संकट भी आया। 10 साल के कांग्रेस के कार्यकाल में 300 प्रतिशत न्यूनतम समर्थन मूल्य फसलों का बढ़ा और लोगों की आय 300 प्रतिशत बढ़ी।

दोस्तों, साथियों, भाईयों-बहनों, इसे हार्ड वर्क कहते हैं, फ्रॉड वर्क वो है, जो हमने पिछले 6 साल के अंदर देखा। बात गरीबों की करो, मदद उद्योगपतियों की करो। किसी दोस्त ने सही कहा है कि

मोदी जी नचाए मोर और मस्त हुए सब देश के चोर,

गरीबों के हाथ में कटोरा, देश जा रहा किस ओर

 

आईए सोचिए कि क्या ये सरकार गरीब विरोधी नहीं, गरीबों का उन्मूलन करने वाली नहीं, गरीब के खिलाफ अतिक्रमण और आक्रमण करने वाली नहीं, अगर है, तो आईए मिलकर आवाज उठाइए, गरीब के खिलाफ वाली सरकार को सदा-सदा के लिए नेस्तनाबूद करने के लिए और गरीब को ताकत देने के लिए ताकि वो देश की प्रगति का एक मजबूत हिस्सा बन सके।

 

 

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