Hindi Urdu TV Channel

NEWS FLASH

उत्तर भारत के 69% लोग अवैध मच्छर अगरबत्ती का उपयोग करने में असहज महसूस करते हैं, गुड नाइट का ध्ययन

* उत्तर भारत के 56% उत्तरदाता मच्छर भगाने वाले उत्पादों की खरीदने में अधिक जागरूक हैं * क्षेत्र के 72% उत्तरदाता सरकार-अनुमोदित और सुरक्षित मच्छर भगाने वाले उत्पादों का उपयोग करना पसंद करते हैं

By: वतन समाचार डेस्क

उत्तर भारत के 69% लोग अवैध मच्छर अगरबत्ती का उपयोग करने में असहज महसूस करते हैं, गुड नाइट का ध्ययन

* उत्तर भारत के 56% उत्तरदाता मच्छर भगाने वाले उत्पादों की खरीदने में अधिक जागरूक हैं

* क्षेत्र के 72% उत्तरदाता सरकार-अनुमोदित और सुरक्षित मच्छर भगाने वाले उत्पादों का उपयोग करना पसंद करते हैं

नई दिल्ली, 11, जुलाई, 2025: गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (GCPL) के भारत के प्रमुख घरेलू कीटनाशक ब्रांड गुड नाइट द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, उत्तर भारत के 69% नागरिक अवैध और अप्रमाणित मच्छर भगाने वाली अगरबत्तियों का उपयोग करते समय असहज या चिड़चिड़ा महसूस करते हैं। "एक मच्छर, अनगिनत खतरे" शीर्षक वाला यह राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण, जो बाजार अनुसंधान फर्म YouGov द्वारा किया गया था और जिसे गुड नाइट ने कमीशन किया था, मच्छर भगाने वाले उत्पादों के प्रति सार्वजनिक दृष्टिकोण की पड़ताल करता है और मच्छर जनित बीमारियों से जुड़े जोखिमों पर प्रकाश डालता है। देश के उत्तरी क्षेत्र में, जिसमें नई दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्य शामिल हैं, वहां की अधिकांश आबादी अवैध और अप्रमाणित मच्छर भगाने वाली अगरबत्तियों को लेकर चिंता जता रहे हैं।

राष्ट्रीय स्तर पर, 69% उत्तरदाताओं ने अवैध मच्छर भगाने वाली अगरबत्तियों का उपयोग करने में असहजता महसूस करने की सूचना दी, जिसमें पूर्वी भारत में सबसे अधिक चिंता (73%) देखी गई, इसके बाद उत्तर भारत (69%), दक्षिण भारत (67%) और फिर पश्चिम भारत (67%) का स्थान रहा। लिंग के अनुसार, 70% पुरुष और 67% महिला उत्तरदाताओं ने अपंजीकृत चीनी रसायनों से युक्त अगरबत्तियों का उपयोग करते समय असुविधा होने की बात स्वीकार की है, जो लगभग सार्वभौमिक चिंता को उजागर करता है।

रिपोर्ट से पता चलता है कि उत्तर भारत में 56% उत्तरदाता मच्छर भगाने वाले उत्पादों की खरीद के प्रति विशेष रूप से जागरूक हैं, जो सुरक्षा और विनियमन के लिए उनकी उत्पाद वरीयता का संकेत देता है। इसके अलावा, क्षेत्र के 72% उत्तरदाता सरकार-अनुमोदित और सुरक्षित मच्छर भगाने वाले उत्पादों का उपयोग करना पसंद करते हैं। हालांकि लोगों की सुरक्षित समाधानों के प्रति वरीयता के बावजूद, इन अवैध मच्छर भगाने वाली अगरबत्तियों का प्रचलन बढ़ रहा है, और बड़ी संख्या में लोग इनका उपयोग भी कर रहे हैं।

उत्तर भारत में अवैध मच्छर भगाने वाली अगरबत्तियों का बाजार 300 करोड़ रुपये से अधिक का आंका गया है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह आंकड़ा 1675 करोड़ रुपये का है। यह श्रेणी सालाना लगभग 20% की दर से बढ़ रही है।

शिल्पा सुरेश, हेड ऑफ मार्केटिंग - होम केयर, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (GCPL), कहती हैं, "हमारे सर्वेक्षण के निष्कर्ष उत्तरी भारत में अवैध मच्छर भगाने वाली अगरबत्तियों के बढ़ते उपयोग के बारे में नागरिकों के बीच बढ़ती चिंता को उजागर करते हैं। इनमें से कई अगरबत्तियां अवैध रूप से निर्मित होती हैं, विनियमन की कमी होती है, और उनमें अपंजीकृत व अप्रमाणित रसायन होते हैं, जो गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकते हैं। भारत के अग्रणी मच्छर भगाने वाले ब्रांड के रूप में, गुड नाइट परिवारों की सुरक्षा और सुरक्षित विकल्पों की वकालत करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा उद्देश्य-प्रेरित दृष्टिकोण यह सुनिश्चित करता है कि हम सुरक्षित, सरकार-अनुमोदित समाधान प्रदान करें, जो विज्ञान और नवाचार द्वारा समर्थित हैं। आइए, हम सब मिलकर सही प्रोडक्ट चुनें, न केवल अपने घरों के लिए, बल्कि देश के लोगों की भलाई के लिए भी।"

भारत में घरेलू कीटनाशकों के सुरक्षित उपयोग को बढ़ावा देने के लिए काम करने वाली एक प्रमुख गैर-लाभकारी उद्योग निकाय होम इंसेक्ट्स कंट्रोल एसोसिएशन (HICA) के मानद सचिव जयंत देशपांडे ने कहा, "अवैध और चीनी रासायनिक-लेपित मच्छर भगाने वाली अगरबत्तियां भारत भर के घरों में प्रवेश करने वाला एक साइलेंट किलर है। नकली और फर्जी नामों के तहत बेची जाने वाली ये अगरबत्तियां, जो छद्म संचालकों द्वारा बनाई जाती हैं, नियामक जांच से नहीं गुजरती हैं और उनमें अपंजीकृत व अप्रमाणित रसायन होते हैं। जबकि सरकार द्वारा अनुमोदित उत्पादों में उनकी पैकेजिंग पर केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड और पंजीकरण समिति (CIBRC) अनुमोदन संख्या होती है, जिससे लोग खरीद के समय उनकी प्रामाणिकता सत्यापित कर सकते हैं। पैक के पीछे पंजीकरण संख्या (CIR संख्या) के बाद सरकार द्वारा अनुमोदन का वर्ष इंगित होता है, जो उत्पाद की प्रामाणिकता और सुरक्षा की गारंटी देता है। ये अनुमोदित मच्छर अगरबत्तियां सुरक्षा और प्रभावकारिता मानकों को पूरा करने के लिए वर्षों तक कठोर परीक्षण से गुजरती हैं, जिससे लोगों को यह विश्वास होता है कि इन उत्पादों का उपयोग करने से उन्हें किसी भी तरह से नुकसान नहीं होगा, उन्हें इसकी संतुष्टि मिलती है।"

गुड नाइट, अपनी अग्रणी मच्छर भगाने वाले समाधानों जैसे फ्लैश वेपोराइज़र, अगरबत्ती, और उन्नत फास्ट कार्ड की विरासत के साथ, मच्छर जनित बीमारियों से परिवारों की सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ है। अवैध, अनियमित और चीनी अणुओं के प्रवेश और ऐसे तत्वों वाली अवैध अगरबत्तियों के उपयोग से जुड़े हाल के स्वास्थ्य खतरों के जवाब में, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (GCPL) के वैज्ञानिकों ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर 'रेनोफ्लुथ्रिन' विकसित किया है, भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित और पेटेंट किया गया मॉलिक्यूल, जो मच्छर नियंत्रण के लिए सबसे प्रभावी तरल वेपोराइज़र फॉर्मूलेशन बनाता है।

GCPL, जो घरेलू कीटनाशक श्रेणी में अग्रणी है, ने अपने नए गुड नाइट फ्लैश लिक्विड वेपोराइज़र में रेनोफ्लुथ्रिन फॉर्मूलेशन पेश किया है, जो भारत का सबसे प्रभावी तरल वेपोराइज़र है। रेनोफ्लुथ्रिन से बना यह नया गुड नाइट फ्लैश लिक्विड वेपोराइज़र फॉर्मूलेशन मच्छरों के खिलाफ 2 गुना अधिक प्रभावी है। भारत में वर्तमान में उपलब्ध किसी भी अन्य पंजीकृत फॉर्मूलेशन की तुलना में यह बेहतर है।

ताज़ातरीन ख़बरें पढ़ने के लिए आप वतन समाचार की वेबसाइट पर जा सक हैं :

https://www.watansamachar.com/

उर्दू ख़बरों के लिए वतन समाचार उर्दू पर लॉगिन करें :

http://urdu.watansamachar.com/

हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें :

https://www.youtube.com/c/WatanSamachar

ज़माने के साथ चलिए, अब पाइए लेटेस्ट ख़बरें और वीडियो अपने फ़ोन पर :

https://t.me/watansamachar

आप हमसे सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं- ट्विटर :

https://twitter.com/WatanSamachar?s=20

फ़ेसबुक :

https://www.facebook.com/watansamachar

यदि आपको यह रिपोर्ट पसंद आई हो तो आप इसे आगे शेयर करें। हमारी पत्रकारिता को आपके सहयोग की जरूरत है, ताकि हम बिना रुके बिना थके, बिना झुके संवैधानिक मूल्यों को आप तक पहुंचाते रहें।

Support Watan Samachar

100 300 500 2100 Donate now

You May Also Like

Notify me when new comments are added.

Poll

Would you like the school to institute a new award, the ADA (Academic Distinction Award), for those who score 90% and above in their annual aggregate ??)

SUBSCRIBE LATEST NEWS VIA EMAIL

Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.

Never miss a post

Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.