गोवा की भाजपा सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की न्यायिक जांच कराई जाए और मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत तत्काल इस्तीफा दें- राघव चड्ढा
प्रधानमंत्री को जब इस भ्रष्टाचार के बारे में बताया गया, तो उन्होंने भ्रष्ट मुख्यमंत्री को हटाने के बजाय भ्रष्टाचार उजागर करने वाले गवर्नर को ही हटा दिया- राघव चड्ढा
आजाद भारत के इतिहास में पहली बार संवैधानिक पद पर बैठे एक राज्यपाल ने इतने बड़े भ्रष्टाचार का उजागर किया है- राघव चड्ढा
कोविड-19 महामारी के दौरान भ्रष्टाचार किया गया, जब लोगों की जानें बचानी चाहिए थी, गरीब आदमी का पेट भरना चाहिए था और उसके जेब में पैसे डालना चाहिए था, उस दौर में सीएम प्रमोद सावंत अपनी जेब भर रहे थे- राघव चड्ढा
गोवा के लोग मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और भाजपा की सरकार के इस भ्रष्टाचार को कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे- राघव चड्ढा
कांग्रेस और भाजपा में सिर्फ इतना फर्क, कांग्रेस के दौरान असंगठित भ्रष्टाचार था और भाजपा के कार्यकाल में संगठित भ्रष्टाचार है- राघव चड्ढाअगर प्रधानमंत्री, सीएम प्रमोद सावंत को बर्खास्त नहीं करते हैं, तो यही माना जाएगा कि केंद्र में बैठी भाजपा भी गोवा सरकार के भ्रष्टाचार में लिप्त है- राघव चड्ढा
नई दिल्ली: 26 अक्टूबर, 2021
गोवा के पूर्व राज्यपाल एवं मेघालय के मौजूदा राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के खिलाफ उजागर किए गए भ्रष्टाचार पर आम आदमी पार्टी ने आज भाजपा को कटघरे में खड़ा किया। इस संबंध में ‘आप’ के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं विधायक राघव चड्ढा ने गोवा की भाजपा सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की न्यायिक जांच कराने और मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत को तत्काल इस्तीफा देने की मांग की है। राघव चड्ढा ने कहा कि प्रधानमंत्री को जब इसके बारे में बताया गया, तो उन्होंने भ्रष्ट मुख्यमंत्री को हटाने के बजाय भ्रष्टाचार उजागर करने वाले गवर्नर को ही हटा दिया। आजाद भारत के इतिहास में पहली बार संवैधानिक पद पर बैठे एक राज्यपाल ने इतने बड़े भ्रष्टाचार का उजागर किया है। राघव चड्ढा ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान भ्रष्टाचार किया गया। जब लोगों की जानें बचानी चाहिए थी, गरीब आदमी का पेट भरना चाहिए था और उसकी जेब में पैसे डालना चाहिए था, उस दौर में सीएम प्रमोद सावंत अपनी जेब भर रहे थे। अगर प्रधानमंत्री, सीएम प्रमोद सावंत को बर्खास्त नहीं करते हैं, तो यही माना जाएगा कि केंद्र में बैठी भाजपा भी गोवा सरकार के भ्रष्टाचार में लिप्त है।
आजाद भारत के इतिहास में पहली बार एक राज्यपाल ने मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार को उजागर किया है- राघव चड्ढा
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं विधायक राघव चड्ढा ने आज पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि शायद आजाद भारत के इतिहास में पहली बार एक संवैधानिक पद पर बैठे हुए भारत के एक जानेमाने राजनेता, जो कई राज्यों के राज्यपाल रहे। उन्होंने अपने राज्यपाल के कार्यकाल में एक मौजूदा मुख्यमंत्री के खिलाफ बड़े संगीन आरोप लगाए कि कैसे भाजपा के एक मौजूदा मुख्यमंत्री कोविड-19 महामारी के दौर में भी घोटाले पर घोटाला करते जा रहे थे और उपर से लेकर नीचे तक भ्रष्टाचार में लिप्त थे। यह बात भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने जनता के सामने रखकर यह उजागर किया है। सत्यपाल मलिक 1980 से राज्यसभा के सांसद से रहे। 1989 में वे लोकसभा के सांसद बने। उड़ीसा, बिहार, जम्मू कश्मीर और गोवा के राज्यपाल रहे। गोवा के राज्यपाल पद से हटाकर उन्हें मेघालय का राज्यपाल नियुक्त किया गया और अभी भी वे मेघालय के राज्यपाल हैं।
कोविड के दौर में जब सरकारों को गरीबों की जेब में पैसे डालने चाहिए थे, तब सीएम प्रमोद सावंत भ्रष्टाचार कर रहे थे- राघव चड्ढा
राघव चड्ढा ने कहा कि सत्यपाल मलिक ने एक पत्रकार से बातचीत करते हुए बहुत ही सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा कि गोवा की भाजपा सरकार और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत हर चीज में भ्रष्टाचार करते हैं। उन्हांेने कहा कि कोविड-19 के दौर में गोवा की सरकार भ्रष्टाचार कर रही थी। ऐसे दौर में जब सरकारों को गरीबों की जेब में पैसे डालने चाहिए थे, भूखे के पेट में खाना डालना चाहिए था, लोगों को ऑक्सीजन पहुंचानी चाहिए थी, उस दौर में गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भ्रष्टाचार पर भ्रष्टाचार कर रहे थे। यह बात कोई आम आदमी पार्टी या विपक्षी दल ने नहीं कह रही है। न तो कांग्रेस या कोई अन्य विरोधी दल भाजपा के खिलाफ यह आरोप नहीं लगा रहा है, बल्कि यह आरोप भाजपा के द्वारा नियुक्त गोवा के पूर्व राज्यपाल और मेघायल के मौजूदा राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने लगाया है। सत्यपाल मलिक ने कहा कि जब मैं गोवा का गर्वनर था, तो मेरे कार्यकाल में गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भ्रष्टाचार करते थे। गोवा सरकार ने हर चीज में भ्रष्टाचार है। जो मैने आरोप लगाए हैं, मैं आज भी उस पर खड़ा हूं कि गोवा सरकार में हर चीज में भ्रष्टाचार था। मुझे गवर्नर के पद से इसलिए हटा दिया गया, क्योंकि मैं गोवा सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर किया। मैं लोहिया और चरन सिंह साहब के साथ रहा हूं, उनकी विचारधारा का व्यक्ति हूं और मैं भ्रष्टाचार कतई भी बर्दाश्त नहीं कर सकता। वे आगे कहते हैं कि एक प्राइवेट कंपनी है, जिससे सांठगांठ कर कोविड-19 के दौर में गोवा सरकार ने भ्रष्टाचार किया। मैंने जांच करवाई और जांच के नतीजे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बता दिया। जब मैंने प्रधानमंत्री को बताया कि आपका मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और गोवा सरकार भ्रष्टाचार पर भ्रष्टाचार कर रही है, तो उन्होंने कुछ खास नहीं किया। उन्होंने दो-चार लोग, जो खुद उस भ्रष्टाचार में लिप्त थे, उन्हीं से पूछ लिया। क्या वे कबूल करते कि हम भ्रष्टाचार कर रहे हैं।
गोवा के लोग मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और उनकी सरकार के भ्रष्टाचार को कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे- राघव चड्ढा
‘आप’ नेता राघव चड्ढ ने आगे कहा कि सत्यपाल मलिक ने यह भी कहा है कि मुझे गोवा गवर्नर के पद से इसलिए बर्खास्त किया गया, क्योंकि मैंने गोवा के मुख्यमंत्री और भाजपा की गोवा सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर किया। यानि कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को गोवा के मौजूदा राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने गोवा सरकार के भ्रष्टाचार से रूबरू कराया, तो भ्रष्ट मुख्यमंत्री को हटाने की बजाय, भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले गवर्नर को पीएम नरेंद्र मोदी ने हटा दिया। ये वही नरेंद्र मोदी जी हैं, जो कहते थे कि न खाउंगा, न खाने दूंगा। ये तो खिला भी रहे हैं और खाने दे भी रहे हैं। ये वो सरकार है, जो कहती थी कि बहुत हुआ भ्रष्टाचार, अबकी बार मोदी सरकार। ये सरकार अपने मुख्यमंत्री को एक फ्री पास देती है कि जितना पैसा कमाना है, कमाओ, जितना पैसा लूटना है, लूटो। गोवा के लोग मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और उनकी सरकार के इस भ्रष्टाचार को कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। यह कोई राजनैतिक आरोप नहीं है। कोई विपक्ष का राजनैतिक दल इस भ्रष्टाचार को उजागर नहीं कर रही है, बल्कि उसी राज्य के गवर्नर अपने कार्यकाल के दौरान खुद जांच करने के बाद अपनी आंखों से जो उन्होंने गोवा सरकार में भ्रष्टाचार देखी, उसे उजागर कर रहे हैं। गवर्नर ने कहा कि गोवा सरकार का काम सिर्फ भ्रष्टाचार करने और पैसे कमाने का है और आज लोग सच बोलने से डरते हैं।
कांग्रेस और भाजपा में सिर्फ इतना फर्क, कांग्रेस के दौरान असंगठित भ्रष्टाचार था और भाजपा के कार्यकाल में संगठित भ्रष्टाचार है- राघव चड्ढा
राघव चड्ढा ने कहा कि मैंने न इतिहास के पन्नों में और न तो अपने छोटे से राजनैतिक जीवन में कभी संवैधानिक पद पर बैठे गवर्नर को अपने ही कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री के इतने बड़े भ्रष्टाचार को उजागर करते देखा है। यह भारत की राजनीति में बहुत बड़ी डेवलमेंट है। इसका संज्ञान लेना चाहिए। आम आदमी पार्टी साफ तौर पर दो मांगे रखना चाहती है। पहला, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत को तत्काल प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्हें मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है। दूसरी, हम इस पूरे घोटाले में न्यायिक जांच की मांग करते हैं। यह जांच गोवा सरकार से नहीं कराई जा सकती। गोवा सरकार भाजपा के कब्जे में है। यह जांच केंद्र सरकार या केंद्र सरकार की किसी भी एजेंसी से भी नहीं कराई जा सकती है, क्योंकि वो सरकार और एजेंसियां भी भाजपा के कब्जे में है। इस मामले की स्वतंत्र न्यायिक जांच होनी चाहिए। यूपीएस की सरकार ने और कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों ने खूब पैसे कमाए और खूब भ्रष्टाचार किया। लेकिन भाजपा की सरकार ने और भाजपा के मुख्यमंत्रियों ने उस भ्रष्टाचार को एक संगठित तरीके से आगे बढ़ाया। भाजपा के लोग बड़े ही अनुशासन के साथ भ्रष्टाचार करते हैं। कांग्रेस और भाजपा में सिर्फ इतना ही फर्क है कि कांग्रेस के दौरान असंगठित भ्रष्टाचार था, जबकि भाजपा के कार्यकाल में संगठित भ्रष्टाचार है। आज जो गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के इंटरव्यू में बयान आए हैं, उस हम केवल उनका इस्तीफा और न्यायिक जांच की ही मांग नहीं करते हैं, बल्कि इसके साथ-साथ मांग करते हैं कि न खाउंगा, न खाने दूंगा का नारा देने वाले प्रधानमंत्री, बहुत हुआ भ्रष्टाचार, अबकी बार मोदी सरकार का नारा देने वाले प्रधानमंत्री जी इस पूरे वक्तव्य पर अपना बयान दें। यह कोई विपक्षी नेता का वक्तव्य नहीं है। यह उन्हीं की पार्टी के सांसद रहे, उन्हीं की पार्टी के द्वारा नियुक्त किए गए गवर्नर सत्यपाल मलिक ने भाजपा की सरकार के भ्रष्टाचार का उजागर किया है। अगर प्रधानमंत्री जी प्रमोद सावंत को बर्खास्त नहीं करते हैं। अगर भाजपा आज गोवा की सरकार के खिलाफ जांच नहीं बैठाती है, तो यही माना जाएगा कि कहीं न कहीं केंद्र में बैठी भाजपा भी गोवा सरकार के भ्रष्टाचार में लिप्त है। यानि कि गोवा सरकार के भ्रष्टाचार का पैसा केंद्र सरकार, भाजपा तक पहुंचता है। यह बात हम स्पष्ट तौर पर भाजपा से कहना चाहते हैं। साथ ही गोवा की जनता की ओर से हम मांग करते हैं कि तत्काल प्रभाव से गोवा के सीएम प्रमोद सावंत अपने पद से इस्तीफा दें। उनको मुख्यमंत्री बने रहने का कोई हक नहीं है।
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