नई दिल्ली / रायपुर
पंजाब के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस की मुसीबत बढ़ी
कांग्रेस की मुसीबतें थमने का नाम नहीं ले रहीं हैं। पंजाब कांग्रेस में घमासान पहले से ही चालू है और अब छत्तीसगढ़ में भी फिर से सियासी उठापठक शुरू हो सकती है। बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के 15 कांग्रेस विधायक दिल्ली पहुंच गए हैं। उन्होंने आलाकमान से मिलने का वक्त मांगा है। ये सभी विधायक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि ये लोग छत्तीसगढ़ में नेतृत्व परिवर्तन के खिलाफ दिल्ली पहुंचे हैं।
2018 के विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने 90 में से 67 सीटें हासिल की थी। पूर्ण बहुमत वाली सरकार में तब मुख्यमंत्री पद के लिए दो मज़बूत दावेदार थे। एक भूपेश बघेल और दूसरे टीएस सिंहदेव। दावा है कि कांग्रेस आलाकमान ने तब ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री बनने का फॉर्मूला तय किया और भूपेश बघेल पहले टर्म के लिए मुख्यमंत्री बन गए। अब ढाई साल पूरे हो चुके हैं और बारी टीएस सिंहदेव की है।
हालांकि खुद बघेल और कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव ने इसे तवज्जो नहीं देने की कोशिश करते हुए कहा कि इसको राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए।
दूसरी तरफ, दिल्ली पहुंचे विधायक बृहस्पत सिंह ने दो टूक कहा कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन का दूर-दूर तक कोई सवाल नहीं है और बघेल की अगुवाई में ही पूरे पांच साल सरकार चलेगी।
छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार के ढाई वर्ष पूरे होने के बाद से लगातार चर्चा है कि मुख्यमंत्री पद ढाई वर्ष तक बघेल और फिर राज्य के वरिष्ठ नेता एवं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को देने की बात हुई थी। ऐसे में ये विधायक बुधवार को दिल्ली पहुंचे हैं।
विधायकों के दिल्ली पहुंचने के बारे पूछे जाने पर कांग्रेस के छत्तीसगढ़ मामलों के प्रभारी पीएल पुनिया ने कहा कि उनसे किसी भी विधायक ने संपर्क नहीं किया है।
इस बारे में बघेल ने रायपुर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘अब विधायक कहीं जा भी नहीं सकते क्या? हर कदम पर राजनीति नहीं देखनी चाहिए। कोई व्यक्ति अगर कहीं चला गया है तो उसे राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए।’’
सिंहदेव ने भी इसे तवज्जो नहीं देने की कोशिश करते हुए कहा, ‘‘अब 70 के 70 जा सकते हैं। इसमें मुद्दा क्या है? अगर विधायक दिल्ली जाते हैं तो इसमें क्या मुद्दा है? उत्तर प्रदेश में कई दिनों तक यह सब चला। छत्तीसगढ़ में नया क्या हो रहा है?’’
उनके मुताबिक, सभी विधायकों की यह भावना है कि आलाकमान जो चाहेगा, वह हम सब मानेंगे।
कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह ने अपने दिल्ली दौरे के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘हम सिर्फ यह चाहते हैं कि राहुल गांधी जी छत्तीसगढ़ का दौरा कर रहे हैं तो वहां ज्यादा दिनों तक रुकें ताकि कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़े। पीएल पुनिया जी लखनऊ में हैं। वह यहां आ जाएं तो उनके समक्ष हम अपनी बात रख देंगे।’’
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘छत्तीसगढ़ पंजाब नहीं है। छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 70 विधायक हैं। पिछली बार 60 विधायकों ने अपनी भावनाओं से पार्टी आलाकमान को अवगत करा दिया और सारे मामले का पटाक्षेप हो गया।’’
उन्होंने ज़ोर देकर कहा, ‘‘बघेल अच्छा काम कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में हम पांच साल काम करेंगे और आगे भी उनके नेतृत्व में चुनाव लड़कर सरकार बनाएंगे। नेतृत्व परिवर्तन की दूर-दूर तक कोई बात नहीं हैं।’’
सिंह ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘भाजपा के लोगों ने जिस तरह से मध्य प्रदेश में ग्वालियर महाराज (ज्योतिरादित्य सिंधिया) को गुमराह करके सरकार गिराई, अगर वैसे ही सरगुजा महाराज (टीएस सिंहदेव) को भी गुमराह करके सरकार गिराने की साजिश कर रहे हैं तो वे सफल नहीं होंगे। सरगुजा महाराज बहुत होशियार हैं, बहुत विद्वान हैं। वह खुद कह चुके हैं कि 100 जन्मों में भी वह कांग्रेस छोड़कर नहीं जा सकते।’’
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