बेंगलुरु के मुख्य धर्म अध्यक्ष का आरोप, बाइबल विवाद को बताया एजेंडा
बेंगलुरु : बेंगलुरु के सभी विद्यालयों में बाइबल पर हुए बवाल को ले कर प्रतिक्रियाएं आ गई है। बाइबल अनिवार्य विषय ने नया मोड़ ले लिया है। बेगलुरु के मुख्यधर्माध्यक्ष का मानना है कि बाइबल की आड़ में केवल नीचा दिखाने कि कोशिश की जा रही है। उन्होंने इस पूरी प्रक्रिया को साजिश का नाम दिया है। मुख्यधर्माध्यक्ष पीटर मचाडो का कहना है कि, “हमारा रिकॉर्ड बिलकुल साफ है। हमारे विद्यालय में पढ़ने वाला कोई भी छात्र जो दूसरे धर्म का हो उसने हमारे विद्यालय में पढ़ने की वजह से धर्म परिवर्तन नहीं किया।”
बता दें कि पहले ईसाई धर्म फिर चर्च और अब बाइबल पर सवाल खड़े किए जा रहें है। इसी उपलक्ष में अपनी बात को रखते हुए पीटर मचाडो का कहना है कि हमें ऐसी बातों से बहुत तकलीफ हुई है। क्योंकि मुझे लगता है कि ऐसी मुहिम के पीछे कोई छुपा हुआ एजेंडा है। जो हम ईसाइयों को नीचा दिखाना चाह रहा है। दूसरी ओर पीटर मचाडो ने सरकार को भी दोषी मानते हुए कहा है कि हम खुद नहीं जानते कि सरकार ऐसा करवा रही है या फिर छोटे छोटे समूह इस काम को अंजाम दे रहे है।
इतना ही नहीं, बाइबल की अनिवार्यता पर विद्यालय का दावा है कि उन्होंने आज तक किसी को जबरन बाइबल पढ़ने पर मजबूर नहीं किया। और एक साल पहले ही इस विकल्प को एडमिशन फॉर्म से निकाल दिया गया। इस विषय पर विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉक्टर जेरी जॉर्ज मैथ्यू का कहना है कि बाइबल अनिवार्य नहीं है।
विद्यार्थी किसी भी कक्षा से जब चाहे जा सकते है। हम उन्हें कुछ नही कहते और अगर यह अनिवार्य होता तब आप कह सकते थे कि हम जबरदस्ती किसी पर लाद रहे है। जॉर्ज मैथ्यू चुनौतीपूर्ण कहते हैं कि, “कोई मुझे बताए कि क्या मैंने कभी किसी को इस विषय में फेल किया हो या कम अंक लाने पर अगली कक्षा में नहीं भेजा।
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