असदुद्दीन ओवैसी को लगा दिल्ली में ज़ोर का झटका, पार्टी के सब से बड़े नेता ने दिया इस्तीफा
सूत्रों की मानें तो निकट भविष्य में कलीम-उल-हफीज कांग्रेस पार्टी का दामन थाम सकते हैं, लेकिन अभी तक इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है और न ही कलीम-उल-हफीज इस बारे में कुछ कह रहे हैं
नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुसलमीन (AIMIM) के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के प्रमुख कलीम-उल-हफीज (हिलाल) ने पार्टी के सभी पदों और (प्राइमरी मेम्बरशिप) शुरुआती सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. सोशल मीडिया पर इस्तीफे की घोषणा करते हुए उन्होंने पार्टी अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, पार्टी के दिल्ली प्रभारी और सांसद इम्तियाज जलील को टैग किया. उन्होंने इस्तीफे के लिए निजी कारण बताए हैं। उन्होंने लिखा है कि मैं निजी कारणों से मजलिस इत्तेहाद अल-मुस्लिमीन छोड़ रहा हूं. और मैं उन सभी लोगों का आभारी हूं जिन्होंने मुझ पर भरोसा किया और मेरा समर्थन किया। कलीम उल हफीज ने असदुद्दीन ओवैसी और इम्तियाज जलील को भी भरोसा दिलाया है कि वे इसी तरह देश और समाज के लिए काम करते रहेंगे.
"निजी कारणों से मैंने
@aimim_national
छोड़ने का फ़ैसला किया है। उन सभी लोगों का शुक्रिया जिन्होंने मुझ पर भरोसा किया और साथ दिया।
आइंदा भी क़ौम और मुल्क के लिए काम करता रहूंगा।
@asadowaisi
@imtiaz_jaleel "
रिपोर्ट्स के मुताबिक कलीम-उल-हफीज एमआईएम (AIMIM) में अपनी काबिलियत के मुताबिक काम नहीं कर पा रहे थे जिसके चलते उन्होंने इस्तीफा दिया है, हालांकि उन्होंने अपने इस्तीफे में किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया है, लेकिन सूत्रों की माने तो इस्तीफे की वजह मजलिस में वह अपनी योग्यता के अनुसार काम नहीं कर पा रहे थे, जिसके चलते उन्होंने इस्तीफा दिया है. सूत्रों का कहना है कि कलीम उल हफीज सामाजिक व्यक्ति हैं। वे पढ़ने, लिखने और शोध में अधिक विश्वास करते हैं। वे हमेशा कुछ न कुछ नया करते रहते हैं ताकि देश और समाज के लोगों के सामने विकास और समृद्धि का रोड मैप पेश कर सकें। वे ज्यादा से ज्यादा लोगों की सेवा करने की कोशिश भी करते हैं।
कलीम-उल-हफीज के एक करीबी ने कहा कि राजनीति में आने के बाद उनकी राजनीतिक गतिविधियों के कारण उनकी रचनात्मकता दिन-ब-दिन कम होती जा रही थी और वह इस ओर ध्यान नहीं दे पा रहे थे, क्योंकि मजलिस का सारा काम A to Z तक कलीम उल हफ़ीज़ को ही करना होता है. कार्यकर्ताओं की कमी से काम पर बड़ा असर पड़ता था, इसलिए जिम्मेदारियां ज्यादा थीं और हाथ बंटाने वाले लोग भी बहुत कम थे, इस वजह से उन्होंने फिर से अपनी पुरानी पारी शुरू करने का फैसला किया. हालांकि कलीम-उल-हफीज ने अपने इस्तीफे के बाद कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है.
उनका कहना है कि उन्होंने केवल व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया है और भविष्य में वह आल इंडिया मुस्लिम इंटेलेक्चुअल फोरम के लिए काम करना जारी रखेंगे, जिसके वे खुद संयोजक हैं. हालांकि सूत्रों की मानें तो कलीम-उल-हफीज निकट भविष्य में कांग्रेस पार्टी का दामन थाम सकते हैं, लेकिन अभी तक इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है और न ही कलीम-उल-हफीज इस बारे में कुछ कह रहे हैं.
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