अशफाक और बिस्मल एक गैर जानिबदार और लोकतांत्रिक देश चाहते थे: कमर आगा
बीमारी पर बात करनी होगी तभी इलाज संभव होगा: राहुल देव, समाज में फैली नफरत का इलाज संयुक्त प्रयासों से होगा: मिलन शर्मा, वतन समाचार फोरम के प्रयास सराहनीय: सुमायरा खान
नई दिल्ली, 14 जनवरी: शहीद अशफाकुल्लाह खान और राम प्रसाद बिस्मल की याद में वतन समाचार फोरम द्वारा नई दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में 'सामाजिक एकता को सुनिश्चित करने में मीडिया की भूमिका' के टॉपिक पर कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। जिसमें मीडिया जगत के साथ सामाजिक एवं साहित्यिक हस्तियों ने भी भाग लिया। उन्होंने उक्त मुजाहिदीन आज़ादी को श्रद्धांजलि अर्पित की और मेन-स्ट्रीम मीडिया व सोशल मीडिया के बीच संबंधों के बारे में बात की। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार कमर आगा ने कहा कि उपरोक्त स्वतंत्रता सेनानियों ने प्यारे देश की खातिर हंसते-हंसते शहादत स्वीकार कर ली और अशफाकुल्लाह खान व राम प्रसाद बिस्मल दोनों भारत को एक तटस्थ (गैर जानिबदार) और लोकतांत्रिक देश बनाना चाहते थे। वे ऐसी व्यवस्था चाहते थे जिसमें समानता हो। उन्होंने वर्तमान पत्रकारिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जहां टीवी का दायरा सीमित है, वहीं अखबारों की एक अलग दुनिया है और हमें अखबार जरूर पढ़ना चाहिए, क्योंकि अखबार पढ़ने से जानकारी बढ़ती है।
कमर आगा ने आगे कहा कि वर्तमान समय में धैर्य और सहनशीलता दिखानी चाहिए, क्योंकि हम इस देश में हजारों वर्षों से प्रेम और स्नेह के साथ रह रहे हैं। उन्होंने विश्वास के साथ कहा कि नफरत की जिंदगी बहुत छोटी होती है। जरूरी है कि हम अपने आपसी भाईचारे और एकता को मजबूती के साथ बरकरार रखें। वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव ने कहा कि सिर्फ मंच से अच्छी बातें कहने से समाज में बदलाव नहीं आएगा, बल्कि समाज में बदलाव के लिए हमें खुद खड़ा होना होगा. उन्होंने आपसी मतभेदों के साथ-साथ पत्रकारों की जिम्मेदारियों पर भी प्रकाश डाला। राहुल देव ने कहा कि मतभेद स्वाभाविक है, लेकिन हमें वर्तमान समय में गलतफहमी और विवादों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए, जिस के लिए आपसी संवाद का सहारा लेने की ज़रुरत है, तभी समाज नफरत से मुक्त होगा. उन्होंने कहा कि मैं आरएसएस से आया हूं इसलिए मुझसे बेहतर उन्हें कोई नहीं समझ सकता, मैं खुद मौजूदा हालात से बेहद दुखी हूं। टीवी एंकर सुमायरा खान ने अपने संबोधन में कहा कि मीडिया के सामने कई चुनौतियां हैं, लेकिन समाज को बदलने के लिए हमें खुद आगे आना होगा. उन्होंने आगे कहा कि सोशल मीडिया के इस दौर में मुख्यधारा मीडिया का भी अपना महत्व है. हमें समाज के अंदर स्पष्ट संदेश देना होगा, क्योंकि टीआरपी के कारण आज पत्रकारिता कहीं न कहीं गलत दिशा में जा रही है, उन्हों ने वतन समाचार फोरम के प्रयासों की जम कर तारीफ़ की। वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. ताजुद्दीन अंसारी ने कहा कि मीडियाकर्मियों की जिम्मेदारी है कि वे अच्छी बातों का प्रचार-प्रसार करें। बुरी बातों को खत्म करें, जबकि मीडिया इस समय उल्टा काम कर रहा है और आज नफरत भरे माहौल को बनाने के लिए भी मीडिया ही जिम्मेदार है। इंडिया टुडे ग्रुप की मिलान शर्मा ने कहा कि आजकल सोशल मीडिया की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. आज हर कोई मीडिया से जुड़ गया है तो समाज को बेहतर बनाना हम सभी की जिम्मेदारी है। संचालन वरिष्ठ पत्रकार मोहम्मद अहमद ने किया। इस दौरान प्रोफेसर फरहत बसीर, डॉ. जुबैदुर रहमान बब्बन मियां, जमाल अहमद अलीगढ, फिरोज गाजी, रईस अहमद इदरीसी, नेहा गर्ग, मुहम्मद अकबर, सैयद मुहम्मद मुजाहिद हुसैन, मुहम्मद रामिश, असद साबरी, अधिवक्ता अनवर हुसैन सैफी, मिर्जा अनवार-उल-हक बेग , हुनैजा खान, ज्योति यादव, डॉ. सैयद मुहम्मद असदर अली, शाहिद अंसारी, विपुल, मुहम्मद अली, अर्शिता, असरार अहमद, इकरार अहमद, भावना यादव, रईस सिद्दीकी अधिवक्ता, वकील असलम सुप्रीम कोर्ट, हाजी ज़हूर अटैची वाले, निसार अहमद, नवाब अख्तर, शाहनवाज बदर कासमी, दाऊद भाई शेख, शादाब अहमद पत्रिका, अकील सलमानी और अर्चना गोड़ सहित अन्य को 'वतन के रत्न पुरस्कार: 2024' से सम्मानित किया गया। असलम अहमद एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट ऑन रिकार्ड ने सभी अतिथियों को धन्यवाद दिया।
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