भाजपा की एमसीडी ने किया 1400 करोड़ का प्रॉपर्टी टैक्स घोटाला: आतिशी
भाजपा नेता सांठगांठ कर खा रहे प्रॉपर्टी टैक्स का पैसा, सरकारी खजाने का हो रहा नुकसान- आतिशी
8 लाख संपत्तियों से क्यों नहीं लिया गया प्रॉपर्टी टैक्स- आतिशी
नॉर्थ एमसीडी ईमानदार लोगों पर टैक्स का बोझ बढ़ा रही है और बाकियों से सांठगांठ कर पैसा खा रही है- विकास गोयल
नई दिल्ली: 5 अप्रेल 2021
‘आप’ विधायक आतिशी ने कहा कि भाजपा की एमसीडी ने 1400 करोड़ का प्रॉपर्टी टैक्स घोटाला किया है। नॉर्थ एमसीडी की महापौर ने प्रेस वार्ता कर कहा कि हमने इस बार प्रॉपर्टी टैक्स को बढ़ाया है जबकि आंकड़े दिखाते हैं कि यह सरासर झूठ है और वास्तव में यह कलेक्शन पिछले कुछ सालों में घट गया है। जब भाजपा के पास 12 लाख संपत्तियां हैं जिनका उनके ही सर्वे द्वारा पहले ही मूल्यांकन किया जा चुका है तो उनसे प्रॉपर्टी टैक्स क्यों नहीं इकट्ठा हो रहा? आतिशी ने भाजपा पर प्रश्न उठाया कि मूल्यांकन के अनुसार ये 1400 करोड़ कहा गए? भाजपा के नेता सांठगांठ कर प्रॉपर्टी टैक्स का पैसा चुपचाप अपनी जेब में रख लेते हैं। नुकसान सरकारी खजाने का होता है। नुकसान डॉक्टरों, नर्सों, शिक्षकों और सफाई कर्मचारियों का होता, उन्हें तनख्वाह नहीं मिलती। वहीं नॉर्थ एमसीडी के आप नेता प्रतिपक्ष विकास गोयल ने कहा नॉर्थ एमसीडी ने हाउस टैक्स कलेक्शन पिछले वर्ष की तुलना में 100 करोड़ ज़्यादा इकट्ठा किया है। उन्होंने कोरोना काल में भी जनता के ऊपर बोझ डाला और टैक्स बढ़ाया जिसके कारण नॉर्थ एमसीडी को 100 करोड़ का फायदा हुआ। जो ईमानदार 4.15 लाख लोग टैक्स दे रहे हैं, आप उनपर टैक्स का बोझ बढ़ा रहे हैं और बाकियों से आप सांठगांठ करके छोड़ देते हैं। उन्होंने भाजपा से कहा कि सत्ता से बाहर जाते-जाते तो दिल्ली की जनता को बख्श दे।
आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं विधायक आतिशी ने सोमवार को प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि, दिल्ली में जो हमारे नगर निगम हैं, उनका एक प्रमुख कार्य और उनके राजस्व का एक मुख्य स्त्रोत प्रॉपर्टी टैक्स होता है। एमसीडी की जिम्मेदारी होती है कि अलग अलग संपत्तियों से, चाहे वो रेजिडेंशियल हो और चाहे वो कमर्शियल हो, उनसे प्रॉपर्टी टैक्स इकट्ठा करे। कुछ ही दिन पहले नॉर्थ एमसीडी की महापौर ने प्रेस वार्ता कर कहा कि हमने इस बार प्रॉपर्टी टैक्स को बढ़ाया है और इस बार ज्यादा संपत्तियों से टैक्स इकट्ठा किया है। जबकि आंकड़े दिखाते हैं कि यह सरासर झूठ है और वास्तव में जिनसे प्रॉपर्टी टैक्स कलेक्शन हो रहा है वह पिछले कुछ सालों में घट गए हैं।
नॉर्थ एमसीडी के प्रॉपर्टी टैक्स के आंकड़े बताते हुए आतिशी ने कहा, अगर हम नॉर्थ एमसीडी में 2017 का प्रॉपर्टी टैक्स का मूल्यांकन देखें तो 2017 में तकरीबन 5.45 लाख संपत्तियों से कर इकट्ठा किया गया था। जबकि अगर हम 2020 का मूल्यांकन करें तो मात्र 4.15 लाख संपत्तियों से कर इकट्ठा किया गया है। ऐसे में हम यह जानना चाह रहे हैं कि जब 3 साल पहले 5.45 लाख संपत्तियों का आकलन किया गया था तो 3 साल के अंतराल में यह सारी संपत्तियां और उनका टैक्स कलेक्शन कहां गया?
नॉर्थ एमसीडी द्वारा कम प्रॉपर्टी टैक्स एकत्रित करने पर प्रश्न उठाते हुए आतिशी ने कहा, 2017 में नॉर्थ एमसीडी ने डाटा वर्ल्ड कंपनी के नाम से एक एजेंसी को नियुक्त किया था सर्वे करने के लिए कि कितनी संपत्तियां हैं जिनको टैक्स देना है। इस कंपनी के सर्वे ने 12 लाख से भी ज्यादा संपत्तियां नॉर्थ एमसीडी में चिन्हित करी, जिनको नॉर्थ एमसीडी को प्रॉपर्टी टैक्स देना है। इन 12 लाख से भी ज्यादा संपत्तियों को विशिष्ट पहचान संख्या यानी युपिक दिया गया, जिसके आधार पर उनसे प्रॉपर्टी टैक्स लिया जाता है। तो जब नॉर्थ एमसीडी ने 12 लाख संपत्तियों का सर्वे किया हुआ है तो सिर्फ उनके एक तिहाई से प्रॉपर्टी टैक्स क्यों इकट्ठा किया गया है? सिर्फ 4.15 लाख संपत्तियों से प्रॉपर्टी टैक्स क्यों एकत्रित किया गया है? ये वही नॉर्थ एमसीडी है जो बार-बार कहती है कि हमारे पास पैसा नहीं है। जब सफाई कर्मचारियों की तनख्वाह देनी होती है तो नॉर्थ एमसीडी कहती है कि हमारे पास पैसा नहीं है। जब बारा हिंदू राव और कस्तूरबा गांधी अस्पताल के डॉक्टर और नर्स तनख्वाह मांगने जाते हैं तो नॉर्थ एमसीडी कहती है कि हमारे पास पैसा नहीं है। जब नर्सों और टीचरों की तनख्वाह जानी होती है तो नॉर्थ एमसीडी कहती है कि हमारे पास पैसा नहीं है। लेकिन जब आपके पास 12 लाख संपत्तियां हैं जिनका उनके ही सर्वे द्वारा पहले ही मूल्यांकन किया जा चुका है तो उनसे प्रॉपर्टी टैक्स क्यों नहीं इकट्ठा हो रहा?
प्रॉपर्टी टैक्स में घपले कि पोल खोलते हुए आतिशी ने कहा कि, हम बताते हैं आपको कि वहां से प्रॉपर्टी टैक्स क्यों नहीं इकट्ठा हो रहा है। नॉर्थ एमसीडी और भाजपा के नेता महीनों और सालों तक संपत्तियों को प्रॉपर्टी टैक्स का कितना बकाया है उसकी कोई सूचना नहीं भेजते हैं। उसके बाद एक साथ एकदम से लाखों रुपए की एक मोटी रसीद उस प्रॉपर्टी के मालिक को भेजी जाती है। जब लाखों रुपयों की रसीद उनके पास आती है तो फिर चाहे वो कॉमर्शियल प्रॉपर्टी का मालिक हो और चाहे वो प्राइवेट प्रॉपर्टी का मालिक हो, वो हाय तौबा करते हुए भाजपा के किसी नेता के पास पहुंचता है कि मुझे तो 10 लाख रुपए जमा करने के लिए कह दिया, कृपया कुछ करवाइए। तो फिर भाजपा के नेता कहते हैं कि भाई हमें 2-4 लाख रुपए दे दो, हमसे मामला सेटल कर लो तो जो नोटिस हमने आपके पास भेजा है उसे हम वापस ले लेंगे। सारा पैसा भाजपा के नेताओं की जेब में आ जाता है। जिसने प्रॉपर्टी टैक्स नहीं भरा उसे वो कम पैसों में सेटल कर लेते हैं। नुकसान किसका हुआ, नुकसान सरकारी खजाने का हुआ जिसमें उस प्रॉपर्टी टैक्स के 10 लाख रुपए आने थे। उनके पास पैसे नहीं आए। नुकसान उस डॉक्टर, उस नर्स, उस शिक्षक, उस सफाई कर्मचारी का हुआ जिसे तनख्वाह नहीं मिलती। और ये करोड़ों का घोटाला नॉर्थ एमसीडी में लगातार चल रहा है। क्योंकि अगर 12 लाख संपत्तियों के हिसाब भी हम माने और जो उनका खुद का भी सर्वे कहता है तो कम से कम 2000 करोड़ का प्रॉपर्टी टैक्स कलेक्शन सिर्फ नॉर्थ एमसीडी का होना चाहिए। तो आज हम ये जानना चाहते हैं कि ये पैसे, ये 1400 करोड़ कहा गए? ये 1400 करोड़ का प्रॉपर्टी टैक्स, जिसका नॉर्थ एमसीडी को कलेक्शन करना था वो किसकी जेब में गया कि सिर्फ और सिर्फ 4.15 लाख संपत्तियों का मूल्यांकन हुआ और जो बाकी की 8 लाख के करीब संपत्तियां हैं, जिनका मूल्यांकन पहले ही हो चुका है उनसे प्रॉपर्टी टैक्स क्यों नहीं लिया गया? ये 1400 करोड़ कहा गए ये हम जानना चाहते हैं।
आम आदमी पार्टी की ओर से नॉर्थ एमसीडी के नेता प्रतिपक्ष विकास गोयल ने कहा, अभी दो दिन पहले ही नॉर्थ एमसीडी के महापौर साहब ने प्रेस वार्ता की। उन्होंने बड़े गर्व से बताया की हमने हाउस टैक्स कलेक्शन पिछले वर्ष की तुलना में 100 करोड़ ज़्यादा इकट्ठा किया है। पिछले साल 5500 करोड़ जबकि इस साल 6500 करोड़ इकट्ठा हुआ है। लेकिन वो ये बताना भूल गए कि प्रॉपर्टी की संख्या इतनी ही है। ये जो 100 करोड़ फालतू इकट्ठा हुआ है ये उन्होंने जगह-जगह अलग-अलग केटेगरी में टैक्स बढ़ाकर इकट्ठा किया है। उन्होंने कोरोना काल में भी जनता के ऊपर बोझ डाला और टैक्स बढ़ाया। जो टैक्स बढ़ाया उसकी वजह से यह 100 करोड़ फालतू इकट्ठा हुआ है। प्रॉपर्टी की कोई संख्या नहीं बढ़ी है। पिछले साल उन्होंने 4 लाख 20 हज़ार संपत्तियों से टैक्स इकट्ठा किया और इस साल केवल 4 लाख 25 हज़ार संपत्तियों से टैक्स इकट्ठा किया है। सिर्फ 4-5 हज़ार संपत्ति बढ़ी है। तो यहां पर सवाल ये उठता है कि जब आपके पास 12 लाख संपत्तियां हैं, आपके पास 12 लाख संपत्तियों का रिकॉर्ड है और आप सिर्फ 4.15 लाख संपत्तियों से टैक्स ले रहे हैं तो को बाकी की 8 लाख संपत्तियां हैं तो उनसे आपने क्या सांठगांठ कर रखी है। उन 8 लाख संपत्तियों से टैक्स क्यों नहीं किया जा रहा है। जो ईमानदार 4.15 लाख लोग टैक्स दे रहे हैं, आप उनपर टैक्स का बोझ बढ़ा रहे हैं, उनसे बहुत ज़्यादा टैक्स ले रहे हैं और बाकी से आप सांठगांठ करके छोड़ देते हैं। तो भाजपा ये को भ्रष्टाचार कर रही है वो ज़्यादा दिन चलने वाला नहीं है। मैं भाजपा की सत्ता में बैठे हुए लोगों से कहना चाहता हूं कि अब आपके जाने का वक्त आ गया है, जाते जाते तो दिल्ली की जनता को बख्श दीजिए।
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