बेखौफ जिओ; बाइज़्ज़त जिओ, जन अधिकार सम्मेलन - इंदिरा गांधी स्टेडियम
नई दिल्ली: रविवार, 29 सितंबर 2019, दोपहर 1 बजे हमारे देश के मौजूदा हालात सभी नागरिकों के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं। एक सोची-समझी मंसूबे के तहत धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ सांप्रदायिकता का जहर घोलने से लेकर गौरक्षा के नाम पर मॉब लिंचिंग तक विभिन्न तरीकों से भारत के अंदर नफरत और खौफ का माहौल तैयार किया जा रहा है।
सिर्फ 3 महीनों के अंदर ही नई सरकार ने यह दिखा दिया है कि वह किसी भी कीमत पर असल हिंदुत्व एजेंडे को लागू करने के लिए कितनी बेताब है। उन्होंने यूएपीए, एनआईए, आरटीआई आदि जैसे कानूनों में संशोधन करते वक्त और तीन तलाक पर नया कानून बनाते वक्त लोकतंत्र, संविधान और संसदीय प्रक्रिया का ज़रा भी खयाल नहीं रखा। अब सरकार इतने अधिकारों की मालिक बन चुकी है कि वह न केवल किसी संगठन बल्कि किसी व्यक्ति को भी आतंकवादी बताकर विरोध की हर आवाज़ को कुचलने के लिए तैयार है। वहीं देश भर में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लागू करने का ऐलान करके धार्मिक अल्पसंख्यकों को और ज़्यादा धमकाया और डराया जा रहा है। नागरिकता संशोधन बिल सीएबी एक ऐसा कदम है जिसने नागरिकता की सोच को ही सांप्रदायिकता के रंग में रंग दिया है। सरकार के कुछ हालिया कदम ताकत के केंद्रीकरण का पता दे रहे हैं जैसा कि जम्मू कश्मीर के मामले में देखा गया, जहां लोकतंत्र के मौलिक सिद्धांतों का उल्लंघन करते हुए राज्य को प्राप्त संवैधानिक दर्जे को खत्म कर दिया गया।
लगभग सभी आर्थिक इशारे बताते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक ऐसी बंदी से दोचार है जिसकी मिसाल नहीं मिलती। बेरोजगारी की दर अब तक की सबसे ऊंचाई तक पहुंच चुकी है। जीडीपी बिल्कुल नीचे चली गई है। लाखों लोगों की नौकरियां छिन गई हैं और कई कारखानों पर ताले लग गए हैं।
संघ परिवार देश के बुनियादी कैरेक्टर, बहुलवाद, फेडरेलिज्म, संविधान और सिस्टम को ही बदलने का इरादा रखता है। दुर्भाग्य से जहां कुशासन और तानाशाही जैसे रुझानों और अधिकारों के हनन ने देश के अंदर अफरा-तफरी मचा रखी है वहां विपक्ष ने प्रभावी तरीके से अपना रोल अदा नहीं किया।
समय है कि खौफ और असुरक्षा के इस तैयार किए गए माहौल को खत्म किया जाए और देश में बहुलवाद और सहिष्णुता को बहाल किया जाए। यह हालात अब एक ऐसे जन आंदोलन की तलाश में है जो किसी भी कीमत पर भयभीत होने और दबने के लिए तैयार ना हो और जो देश के सेक्युलर व लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध हो। लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों पर विश्वास रखने वाले सभी नागरिकों और समूहों को चाहिए कि वे इस देश को अफरा-तफरी से बचाने के लिए आपस में हाथ से हाथ मिलाएं। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया सभी नागरिकों और वर्गों का सशक्तिकरण चाहता है, ताकि वे बेख़ौफ़ और बाइज़्ज़त जिंदगी जी सकें।
इस जन अधिकार सम्मेलन का आयोजन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया नॉर्थ ज़ोन के द्वारा किया जा रहा है जिसका मकसद आवाम को मौजूदा चुनौतियों से अवगत कराना, देश में पसरे ख़ौफ को इज़्ज़त के एहसास से बदलना और अल्पसंख्यकों, कमजोर वर्गों, नागरिक अधिकार समूहों और सेक्युलर व लोकतांत्रिक ताकतों के बीच विशाल गठबंधन के निर्माण का संदेश देना है।
कॉन्फ्रेंस की तैयारियां आखिरी चरण में है। आवाम को जमा करने और उन्हें भारी संख्या में इस प्रोग्राम में शरीक होने के लिए तैयार करने में हमारी कॉन्फ्रेंस मुहिम काफी कामयाब रही है। उम्मीद है कि रविवार 29 सितंबर 2019 को दोपहर 1 बजे से इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित होने वाले इस जन अधिकार सम्मेलन में दिल्ली व आसपास के क्षेत्रों से हजारों की संख्या में लोग भाग लेंगे।
पॉपुलर फ्रंट के चेयरमैन ई. अबूबकर कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन करेंगे जिसकी अध्यक्षता पॉपुलर फ्रंट, नॉर्थ ज़ोन के अध्यक्ष ए.एस. इस्माईल करेंगे। कांफ्रेंस को संबोधित करने की रज़ामंदी ज़ाहिर करने वाली हस्तियों में डॉक्टर जफ़रूल इस्लाम ख़ान (चेयरमैन, दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग), फादर सुसाई सेबिस्टन, डॉक्टर मुफ्ती मुकर्रम अहमद (शाही इमाम, फतेहपुरी मस्जिद), युगल किशोर शरण शास्त्री (महंत, अयोध्या), मुफ्ती हनीफ अहरार (महासचिव, ऑल इंडिया इमाम्स कौंसिल), अशोक भारती (प्रिंसिपल एडवाइज़र, एनएसीडीएओआर), शफीकुर्रहमान बर्क़ (सांसद), मौलाना सैयद ख़लीलुर्रहमान सज्जाद नोमानी (प्रवक्ता, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड), प्रोफेसर बलजिंदर सिंह, एडवोकेट शरफुद्दीन (उपाध्यक्ष, एसडीपीआई), अनीस अहमद, (राष्ट्रीय सचिव, पॉपुलर फ्रंट), मोहम्मद साकिब (अध्यक्ष, पॉपुलर फ्रंट, कर्नाटक), लुबना मिनहाज (उपाध्यक्ष, एन.डब्ल्यू.एफ) और एस.एम अनवर हुसैन (पूर्व ओनरेरी सचिव व अध्यक्ष, एएमयू) शामिल हैं।
सभी पत्रकारों से आग्रह है कि वे इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में उपस्थित होकर इसे कवर करें।
प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करने वाले पदाधिकारीः
अब्दुल वाहिद सेठ (राष्ट्रीय सचिव)
अनीस अहमद (राष्ट्रीय सचिव)
ए.एस इस्माईल, (ज़ोनल अध्यक्ष)
अनीस अंसारी (कांफ्रेंस कन्वीनर)
मुहम्मद इलियास (कांफ्रेंस कन्वीनर)
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