सभी शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों को बदलने का बड़ा अभियान शुरू
आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने विश्व शौचालय दिवस 2022 पर शुरू किया टॉयलेट्स 2.0 अभियान
19 नवंबर 2022: आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) की ओर से केंद्रीय मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने टॉयलेट 2.0 अभियान की शुरुआत विश्व शौचालय दिवस पर एक राष्ट्रीय समारोह के दौरान उन्होंने बेंगलुरु, कर्नाटक से की। इस अभियान का लक्ष्य स्थानीय शहरी निकायों और आमजन की भागीदारी से भारत में शहरी क्षेत्रों में सार्वजिनक और सामुदायिक शौचालयों की तस्वीर बदलना है।
टॉयलेट 2.0 अभियान की शुरुआत करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, "भारत खुले में शौच से मुक्त होने की कहानियों से आगे बढ़ने के लिए तैयार है। स्वच्छ और सुरक्षित सार्वजनिक शौचालय और सार्वजनिक स्थान लोगों की जीवनशैली के अनुभवों और गुणवत्ताओं में सुधार लाएंगे और यही कारण है कि मुझे शौचालय 2.0 अभियान शुरू करने में खुशी हो रही है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अभियान को सफल बनाने के लिए सभी हितधारक मिलकर काम करेंगे।
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव श्री मनोज जोशी ने प्रतिभागियों से कहा कि यह याद रखना होगा कि स्वच्छता की यात्रा एक लगातार चलने वाली यात्रा है और इसके लिए संस्थागत समाधान करने की आवश्यकता है। शहरों में ओडीएफ++ प्रोटोकॉल और प्रमाणन यह सुनिश्चित करने के लिए दिए जाते हैं ताकि मानव अपशिष्ट को सुरक्षित रूप से समाहित किया जा सके। हमारे 25% शहरों ने पहले ही यह दर्जा प्राप्त कर लिया है। वाटर प्लस सर्टिफिकेशन उन शहरों को दिया जाता है जो इस्तेमाल करने के बाद बिना ट्रीट किया हुआ पानी को पर्यावरण में नहीं घुलने देते हैं। इस तरह के प्रयास विश्व शौचालय दिवस 2022 की थीम 'भूजल और स्वच्छता - अदृश्य को दृश्य बनाना' के साथ पूरी तरह से मेल खाती हैं। यह उम्मीद की जा रही है कि मिशन के अंत तक हमारे 100% शहर ODF++ प्रमाणित होंगे और कम से कम 50% वाटर प्लस का दर्जा प्राप्त कर लेंगे।
मंत्रालय की संयुक्त सचिव श्रीमती रूपा मिश्रा ने कहा कि यह अभियान हमारी समृद्ध स्वच्छता विरासत को आगे बढ़ाने के लिए राज्यों, शहरों और आमजन में ऊर्जा भरेगा और उन्हें साथ लाकर भारत में शौचालय 2.0 के सफर की पटकथा लिखेगा।
कर्नाटक सरकार के गणमान्य व्यक्तियों ने भी शौचालय 2.0 अभियान की सराहना की और कहा कि वह इसमें सक्रिय भागीदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं।
विश्व शौचालय दिवस समारोह से पहले तीन दिवसीय गहन क्षमता विकास कार्यशालाओं का आयोजन किया गया था। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने अपने नॉलेज पार्टनर वॉश इंस्टीट्यूट के सहयोग से 16 से 18 नवंबर 2022 के बीच बेंगलुरु, कर्नाटक में 3-दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया, ताकि समयबद्ध तरीके से उपयोग किए गए पानी के एकीकृत प्रबंधन की सुविधा के लिए राज्यों को तैयार किया जा सके।
इस गहन तीन दिवसीय कार्यशाला में 29 राज्यों के वरिष्ठ राज्य अधिकारी, मिशन निदेशक और मुख्य अभियंता एक साथ आए। केंद्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण इंजीनियरिंग संगठन, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, चिकित्सकों, शैक्षणिक संस्थानों और तकनीकी एजेंसियों के विशेषज्ञों ने प्रयुक्त जल प्रबंधन के कार्यान्वयन के लिए वैज्ञानिक सिद्धांतों से लेकर योजना और डिजाइनिंग सिस्टम तक विभिन्न पहलुओं पर अपनी राय दी। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर हुए सर्वश्रेष्ठ उपाय साझा किए। राज्यों ने भी अपने ज्ञान और अनुभवों का आदान-प्रदान किया। उपयोग किए गए जल प्रबंधन के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए एक निश्चित रोडमैप के साथ कार्यशाला का समापन हुआ। व्यापक प्रयुक्त जल प्रबंधन के महत्व पर प्रकाश डाला गया, जो मल संबंधी कीचड़ के अलग उपचार की आवश्यकता को कम करेगा।
राज्यों के लाभ के लिए अत्याधुनिक तकनीकों की एक प्रदर्शनी भी लगाई गई थी। 18 नवंबर को स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक रणनीतिक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें 250 से अधिक स्थानीय शहरी निकायों के अधिकारी और इंजीनियर शामिल हुए। सीपीएचईईओ और एमओएचयूए के विशेषज्ञों ने पारंपरिक अपशिष्ट डम्पसाइट उपचार के विभिन्न पहलुओं के माध्यम से प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया। गीले कचरे के अपशिष्ट से खाद और अपशिष्ट से बायोमिथेनेशन के माध्यम से प्रबंधन, सामग्री पुनर्प्राप्ति संबंधी सुविधाओं के माध्यम से सूखे कचरे का प्रबंधन और अपशिष्ट से ऊर्जा संयंत्रों पर विस्तार से चर्चा की गई। साथ ही उपयोग किए गए जल के प्रबंधन, उपचार पुन: उपयोग के विकल्पों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। कार्यशाला के दौरान राज्य और शहर के सर्वोत्तम प्रयासों को भी प्रस्तुत किया गया। इसके अलावा उभरती और नई प्रौद्योगिकियों के साथ तालमेल रखने के लिए निरंतर, हैंडहोल्डिंग और क्षमता विकास की आवश्यकता पर योजना और डिजाइन क्षमता, परियोजना प्रबंधन और संस्थागत अंतराल पर बल दिया गया।
राज्यों और शहरों के प्रतिनिधियों, शिक्षाविदों, विशेषज्ञों और चिकित्सकों ने भारत की शौचालय यात्रा पर विचार विमर्श किया। इस कार्यक्रम के दौरान शहरी स्थानीय निकायों, राज्य के अधिकारियों, गैर सरकारी संगठनों, क्षेत्र भागीदारों आदि से आए प्रतिनिधियों को सुरक्षित, समावेशी, सुलभ और महत्वाकांक्षी शौचालयों के विकास में सर्वोत्तम प्रयासों और प्रेरक मॉडलों को साझा किए जाने से काफी सहायता मिली। सार्वजनिक सुविधाओं आदि के डिजाइन के बारे में ‘क्या करें और क्या न करें’ पर प्रख्यात विशेषज्ञों द्वारा प्रकाश डाला गया। समुदाय और सार्वजनिक शौचालयों के विभिन्न प्रकार, जैसे बंडल्ड सुविधाएं, अधिक भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों आदि के लिए प्रस्तुतियां दी गईं। कार्यक्रम के दौरान सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से आदर्श वित्त अर्जित करने वाले मॉडल, उपयोगकर्ता शुल्क, विज्ञापन आदि के माध्यम से स्थायी राजस्व मॉडल भी साझा किए गए।
स्वच्छता की समृद्ध विरासत जिसे मिशन की स्थापना के बाद से तैयार किया गया है, इसमें लोगों तक पहुंच, सुरक्षा, गरिमा, आकांक्षा के अनुरूप और समावेशिता शामिल है। स्वच्छ भारत मिशन शहरी की असाधारण विरासत से सामूहिक अनुभव, जिम्मेदारी की सीख, स्वामित्व और गौरव की भावना इस आयोजन के दौरान सामने आई। इन कार्यक्रमों ने शौचालय 2.0 अभियान के माध्यम से इस विरासत को आगे बढ़ाने के लिए सभी हितधारकों की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
टॉयलेट 2.0 अभियन 19 नवंबर 2022 से लाइव होगा और लिंक के माध्यम से https://sbmurban.org/ पर उपलब्ध रहेगा।
इस अभियान की पांच थीम हैं :
(i) पीपल फॉर टॉयलेट्स: सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों की सफाई और रखरखाव
(ii) पार्टनर्स फॉर टॉयलेट्स: सार्वजनिक शौचालयों को गोद लेने की प्रक्रिया
(iii) डिजाइन टॉयलेट्स: डिजाइन चैलेंज
(iv) रेट योर टॉयलेट: सार्वजनिक शौचालय इस्तेमाल करने वालों की प्रतक्रिया लेकर बढ़ाना देना और
(v) माई थॉट्स – आवर टॉयलेट्स: शौचालयों के लिए जनमत जुटाना
पीपल्स फॉर टॉयलेट्स में शहरों के बीच प्रतियोगिता रखी जाएगी, जिसमें सार्वजनिक व सामुदायिक शौचालयों की स्वच्छता और रखरखाव के मामले में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले शहरों को आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय राज्यों के सहयोग से मान्यता देगा। इसका आंकलन सार्वजनिक व सामुदायिक शौचालयों में सुधार और लोगों की भागीदारी के प्रतिशत के आधार पर किया जाएगा। पार्टनर्स फॉर टॉयलेट्स की थीम का उद्देश्य सार्वजनिक व सामुदायिक शौचलयों को गोद लेने वाले संभावित संगठनों के साथ साझेदारी करना शामिल रहेगा। यह सहभागिता शहरों में सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों की क्षमता को स्थायी रूप से बनाए रखने में प्रोत्साहन देगी और शहरी प्रशासन को शौचालय के उपयोगकर्ताओं से सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिलेंगी। इस साझेदारी में इच्छुक संगठन
https://www.mygov.in/ वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। तीसरी थीम डिजाइन टॉयलेट्स में आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर के सहयोग से डिजाइन चैलेंज आयोजित किया जा रहा है, जिसमें वास्तुकला के छात्रों से प्रविष्टियां मांगी जाएंगी और आकांक्षी शौचालयों का अभ्यास हो सकेगा। डिजाइन प्रविष्टियों की श्रेणियों, सार्वजनिक शौचालय और सामुदायिक शौचालय में होंगे। प्रविष्टियों के आधार पर शीर्ष डिजाइन चुने जाएंगे और उसपर विचार के लिए शहरों के सामने संग्रह प्रस्तुत किया जाएगा। रेट योर टॉयलेट में उसे इस्तेमाल करने वाले लोगों से प्रतिक्रियाएं ली जाएंगी, ताकि सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों को और बेहतर बनाया जा सके। माई थॉट्स – आवर टॉयलेट्स में एक सार्वजनिक सर्वेक्षण किया जाएगा, जिसमें पूरे देशभर के शौचालयों पर लोगों की राय ली जाएगी। आमजन की आकांक्षाओं के अनुरूप शौचालयों से जुड़ी प्रश्नावली MyGov प्टेलफॉर्म पर उपलब्ध रहेगी, जहां वे उत्तर दे सकेंगे। इस सर्वेक्षण के परिणाम राज्यों और शहरों को कमियों के बारे में जानकारी देकर सुधार के उपाय सुझाएंगे। सर्वेक्षण के अंत में प्रतिभागियों को चैंपियन ऑफ चेंज क सर्टिफिकेट दिया जाएगा।
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