जेएन मेडिकल कालिज में प्रतिकूल दवा निगरानी पर सीएमई
अलीगढ़ 23 मार्चः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रतिकूल दवा प्रतिक्रिया (एडीआर) निगरानी केंद्र द्वारा पीवीपीआई, आईपीसी, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में एएमयू के जियाउद्दीन अहमद डेंटल कॉलेज के शिक्षकों और रेसिडेंट्स के लिए फार्माकोविजिलेंस पर एक सीएमई का आयोजन किया गया।
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए, मुख्य अतिथि, प्रोफेसर वीणा महेश्वरी (डीन, चिकित्सा संकाय) ने चिकित्सकों से आग्रह किया कि वे सभी फार्मास्युटिकल उत्पादों के मामले में सभी प्रकार की संदिग्ध प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं को रिपोर्ट करें, भले ही वे ज्ञात हों या अज्ञात, गंभीर हों या सामान्य और प्रायः घटती हों या कभी कभी।
मानद अतिथि, प्रोफेसर राकेश भार्गव (प्रिंसिपल और सीएमएस, जेएनएमसीएच) ने राष्ट्रव्यापी फार्माकोविजिलेंस कार्यक्रम की आवश्यकता और एडीआर निगरानी में चिकित्सकों की भूमिका पर जोर दिया।
दूसरे मानद अतिथि, प्रोफेसर राजेंद्र कुमार तिवारी (प्रिंसिपल, जेडएडीसी) ने डेंटल कॉलेज के सभी स्वास्थ्य विशेषज्ञाों को एडीआर रिपोर्ट करने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम समन्वयक, प्रोफेसर फरीदा अहमद ने एडीआर निगरानी और रिपोर्टिंग के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों, दंत चिकित्सकों, फार्मासिस्टों, नर्सों और गैर-स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों (रोगियोंध्उपभोक्ताओं) सहित सभी स्वास्थ्य पेशेवरों को एडीआर की रिपोर्ट देनी चाहिए क्योंकि यह सभी की नैतिक जिम्मेदारी है कि वे सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा और रोगी सुरक्षा में सुधार करने में मदद देने के लिए दवा उत्पादों से जुड़ी प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं की रिपोर्ट करें।
वैज्ञानिक सत्र में, डा इरफान अहमद खान (उप समन्वयक, एएमसी) ने फार्माकोविजिलेंस कार्यक्रम में एडीआर निगरानी केंद्र की भूमिका के बारे में बताया।
डा आरएस रे (वैज्ञानिक सहायक, आईपीसी, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार) ने भारत के फार्माकोविजिलेंस कार्यक्रम की वर्तमान स्थिति के बारे में बात की।
डा शारिक आलम (असिस्टेंट प्रोफेसर, कंजर्वेटिव डेंटिस्ट्री एंड एंडोडोंटिक्स विभाग, जेडएडीसी) और डा मोहम्मद कलीम अंसारी (ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग, जेडएडीसी) ने संयुक्त रूप से ओरल और डेंटल हेल्थ में फार्माकोविजिलेंस के महत्व के बारे में बात की।
सभी प्रतिभागियों के लिए एएमसी टीम द्वारा ‘एडीआर फॉर्म भरने के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण‘ पर एक सत्र आयोजित किया गया।
फार्माकोविजिलेंस क्विज में बीडीएस तृतीय वर्ष की छात्रा जैनब रऊफ ने पहला स्थान हासिल किया, जबकि डेंटल छात्रों के लिए आयोजित प्रतियोगिता में डा इफ्फत (एमडीएस प्रथम वर्ष) ने दूसरा स्थान हासिल किया।
फार्माकालोजी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर वसीम रिज़वी, डा जमाल अहमद और फार्माकोविजिलेंस एसोसिएट श्री गुफरान अली ने सीएमई के आयोजन में सक्रिय भूमिका निभाई।
डा बुशरा हसन खान ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया, जबकि जूनियर रेजिडेंट्स डा विभु पांडे और डा प्रज्ञा हंगमा ने कार्यक्रम का संचालन किया।
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एएमयू के वन्यजीव विज्ञान विभाग की शिक्षक तेंदुओं को होने वाले खतरे पर व्याख्यान प्रस्तुत किया
अलीगढ़ 23 मार्चः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वन्यजीव विज्ञान विभाग में सहायक प्रोफेसर, डा नाजनीन जेहरा ने कैटमॉस्फियर फाउंडेशन के सहयोग से अफ्रीका मैसिव द्वारा ‘बहुतायत, निवास स्थान, भोजन की आदतें, होम रेंज, मूवमेंट पैटर्न और गिर परिदृश्य, गुजरात, भारत में तेंदुआ-मानव सेघर्ष एक व्यवहार्य माडल की आवश्यकता‘ विषय पर आयोजित 5-दिवसीय ऑनलाइन आभासी सम्मेलन में एक तीन व्याख्यान प्रस्तुत किय।
डा नाजनीन ने तेंदुओं की पूरी रेंज में उनके संरक्षण की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया क्योंकि वैश्विक तेंदुओं की आबादी में तेजी से गिरावट आ रही है। उन्होंने कहा कि बड़ी बिल्लियों की यह प्रजाति सबसे अधिक अनुकूलनीय है और कहीं भी जा सकती है, और तेंदुए के जीवित रहने के लिए बड़े खतरे आमतौर पर 63 देशों में व्याप्त हैं।
उन्होंने कहा कि एक बड़ी रेंज और व्यापक मूवमेंट पैटर्न के साथ, तेंदुए कहीं भी रह सकते हैं और पनप सकते हैं, चाहे संरक्षित क्षेत्रों में या गांवों या कृषि-खेतों के करीब।
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एमबीए के दो छात्रों को स्टेपिंग क्लाउड में मिला प्लेसमेंट
अलीगढ़ 23 मार्चः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग के दो एमबीए छात्रों का चयन विभाग के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल द्वारा आयोजित कैंपस रिक्रूटमेंट ड्राइव के माध्यम से स्टेपिंग क्लाउड द्वारा प्रोजेक्ट मैनेजर पद के लिए किया गया है।
विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर जमाल ए फारूकी ने फरवा इक्तदार और सैयद अहमद मुआज को उनके चयन के लिए बधाई दी और प्लेसमेंट टीम को उनके प्रयासों के लिए सराहना की।
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इंदिरा गांधी हाल का वार्षिक उत्सव फरोजां संपन्न
अलीगढ़, 23 मार्चः अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इंदिरा गांधी हॉल ने जी-20 शिखर सम्मेलन की भारत की अध्यक्षता को समर्पित अपने वार्षिक हॉल सप्ताह ‘फरोजां‘ का आयोजन किया। इसमें साहित्यिक, सांस्कृतिक और खेल गतिविधियों के आदि कार्यक्रम आयोजित किये गये।
इंदिरा गांधी हॉल की प्रोवोस्ट, प्रोफेसर शीबा हामिद ने लड़कियों को हॉल सप्ताह में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित किया और छात्राओं को अपनी क्षमता का पता लगाने के लिए प्रेरित करने के लिए कुछ उपाख्यानों को साझा किया।
पहले दिन ‘इब्तिदा-ए-फरोजां‘ में दो प्रतियोगिताएं, ‘नात प्रतियोगिता‘ और ‘इस्लामिक क्विज प्रतियोगिता‘ आयोजित की गई। इंदिरा गांधी हॉल की छात्राओं द्वारा एक स्किट का प्रदर्शन किया गया।
सेल्फी पॉइंट मेकिंग, पेंटिंग और सोलो सिंगिंग प्रतियोगिताओं के साथ इस्लामिक क्विज और नात प्रतियोगिता के विजेताओं के लिए पुरस्कार वितरण समारोह के साथ ‘इब्तिदा-ए-फरोजान‘ का समापन हुआ।
दूसरे दिन स्व-रचित कविता पाठ पर कई साहित्यिक प्रतियोगिताएंय पावर-प्वाइंट प्रस्तुति और तात्कालिक भाषण का आयोजन किया गया। प्रतिभागियों ने अपनी भावपूर्ण कविता, वाक्पटुता और अचानक कौशल से सभा पर जादू कर दिया।
पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन ने दर्शकों का मन मोह लिया। अपने भाषणों में, अतिथियों और न्यायाधीशों ने इस कार्यक्रम को देखकर प्रसन्नता व्यक्त की और छात्रों के प्रयासों की प्रशंसा की। साहित्यिक प्रतियोगिताओं के विजेताओं को ट्राफी और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
तीसरे दिन कई ऑफ-स्टेज प्रतियोगिताएं ‘हेयर-डू‘, ‘हेल्दी सलाद‘ और ‘बेवरेज मेकिंग‘ आयोजित की गईं। मंच पर प्रतियोगिताएं ‘सोलो सिंगिंग‘, ‘स्टैंड-अप कॉमेडी‘ और ‘दुपट्टा स्टाइलिंग‘ आयोजित की गयीं।
चैथे दिन खेल प्रतियोगिताओं की शुरुआत आईजी हॉल के प्रोवोस्ट द्वारा मशाल जलाकर की गई, इसके बाद विभिन्न इनडोर और आउटडोर खेलों का एक साथ आयोजन किया गया। इनडोर खेल शतरंज, कैरम और लूडो थे। आउटडोर गेम्स में 100 मीटर रेस के बाद 200 मीटर रेस हुई। दिन के लिए आयोजित अन्य आउटडोर खेलों में बास्केटबॉल, वॉलीबॉल और टग-ऑफ-वॉर थे।
समापन टिप्पणी में प्रोवोस्ट प्रोफेसर शीबा ने एक सफल हॉल फंक्शन के लिए वार्डन की टीम की सराहना की।
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बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, मलप्पुरम ने दो पुरस्कार जीते
अलीगढ़, 23 मार्चः एएमयू मलप्पुरम सेंटर, केरल के बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के छात्रों ने एमईएस मम्पाद कॉलेज द्वारा आयोजित साउथ इंडियन मैनेजमेंट फेस्ट वोकाजा 5.0 में बिजनेस क्विज प्रतियोगिता और मार्केटिंग प्रमोशन प्रतियोगिता जीती।
बिजनेस क्विज प्रतियोगिता में एमबीए फाइनल ईयर के छात्र नवेद अब्बास और हारिस शहाब ने बाजी मारी। अली फैजान, हंजला ताहिर, मोहम्मद दानिश, फैज खान ने मार्केटिंग प्रमोशन प्रतियोगिता जीती।
विभाग को ‘सर्वश्रेष्ठ कॉलेज पुरस्कार‘के लिए चुना गया जिसमें एनआईटी, कालीकट विश्वविद्यालय, पांडिचेरी विश्वविद्यालय जैसे प्रमुख संस्थानों और 35 कॉलेजों ने भाग लिया था।
एक अन्य कार्यक्रम में बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के छात्रों ने 20 मार्च को एमईएस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, केरल द्वारा आयोजित साउथ इंडियन मैनेजमेंट फेस्ट में सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन टीम और सर्वश्रेष्ठ प्रबंधक टीम का पुरस्कार भी जीता।
एमबीए के अंतिम वर्ष के छात्र मोहम्मद सुबूर ने बिजनेस क्विज प्रतियोगिता जीती और मोहम्मद अरिश खान, हंजला ताहिर, मोहम्मद दानिश, फैज खान ने सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन टीम का पुरस्कार जीता। इन दो प्रथम पुरस्कारों ने उन्हें मैदान में कई शीर्ष संस्थानों को हराते हुए समग्र सर्वश्रेष्ठ कॉलेज पुरस्कार जीतने में मदद की।
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मदरसा शिक्षाकें के लिए आयोजित कार्यशाला सम्पन्न
अलीगढ़ 23 मार्चः अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के सेंटर फार प्रोमोशन आफ साइंस द्वारा मदरसों के शिक्षकों के लिए 10 दिवसीय आनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें रिसोर्स पर्सन्स ने मदरसों शिक्षकों को आधुनिक शिक्षा तथा शैक्षिक प्रोद्योगिकी आदि के बारे में बताया।
सेंटर के निदेशक श्री नसीम अहमद खान ने कहा कि भारतीय मुसलमानों में विज्ञान की शिक्षा प्रदान करने और उनके पिछड़ेपन को दूर करने के उद्देश्य से एएमयू एक्ट के तहत 1985 में इस केन्द्र की स्थापना की गई थी।
उन्होंने कहा कि तब से लेकर आज तक यह केन्द्र मदरसा शिक्षकों के आधुनिक करण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
कार्यशाला में प्रोफेसर मोहममद रिज़वान ने कुरान और विज्ञान, प्रोफेसर अब्दुल कय्यूम ने सौर मण्डल, प्रोफेसर मसरूर आलम ने जीवन शैली, प्रोफेसर हिसामुद्दीन ने पौधों से होने वाले लाभ, प्रोफेसर एम आबिद सिद्दीकी ने प्रभावी शिक्षण कार्य, डाक्टर शारिक अकील ने जन स्वास्थ्य, प्रोफेसर असमर बेग ने भारतीय राजनीति, प्रोफेसर मोहम्मद रिहान ने उर्जा के इस्तेमान, डाक्टर फैसल अनवर ने वेब संसाधान, प्रोफेसर अफीफउल्लाह ने पर्यावरण प्रबंधन, प्रोफेसर तारिक उस्मानी ने प्राकृर्तिक संसाधन, डाक्टर बच्चन अली खान ने मानव शरीर तथा प्रोफेसर आसिम सिद्दीकी ने वर्तमान समय में आईटी का इस्तेमाल पर व्याख्यान प्रस्तुत किये।
केन्द्र के डिप्टी डायरेक्टर प्रोफेसर मसरूर आलम ने आभार जताया कार्यक्रम का संचालन कार्यशाला के कनवीनर डाक्टर रेहान अख्तर कासमी ने किया।
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