नई दिल्ली स्थित अल्टरनेट प्रेस के द्वारा आयोजित पुस्तक विमोचन समारोह में ‘‘बाबरी मस्जिद की कहानी’’ (दि स्टोरी आफ बाबरी मस्जिद) के नाम से अंग्रेज़ी, उर्दू और हिंदी भाषाओं में एक ऐतिहासिक चित्रकथा का विमोचन किया गया। यह पुस्तक एक ऐसे समय में प्रकाशित की गई है जबकि अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट में लगातार बहस जारी है। भले ही कार्टून और बयानों पर आधारित यह किताब बच्चों के लिए तैयार की गई है, लेकिन साथ ही यह बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद पैदा होने वाली नई नस्ल के लिए भी उनता ही महत्व रखती है।
पुस्तक विमोचन समारोह में उपरोक्त चित्रकथा के साथ-साथ, दो और प्रासंगिक पुस्तकों ‘‘वारियर्स आफ मालाबारः मुस्लिम रिलीजियस स्काॅलर्स’’ (अंग्रेज़ी) और ‘‘बदरः लेसंस आफ दि बैटल’’ (अंग्रेज़ी) का विमोचन भी किया गया।
एड॰ ए. मोहम्मद यूसुफ ने बाबरी मस्जिद पर तैयार की गई चित्रकथा का परिचय प्रस्तुत किया। बक़िया दो पुस्तकों का परिचय ई.एम. अब्दुर्रहमान ने दिया, जिन्होंने बदर के विषय पर लिखी गई पुस्तक के लेखक ए. सईद साहब को श्रद्धांजली भी अर्पित की, जिनका हाल ही में देहांत हो गया।
अपने अध्यक्षीय भाषण के दौरान, अल्टरनेट प्रेस के मैनेजिंग डायरेक्टर ए.एस. इस्माईल ने कहा कि फासीवादी ताक़तों द्वारा इतिहास में हेर-फेर की कोशिशों को सामने रखते हुए, इन किताबों को इस उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है, ताकि युवाओं में इस देश और अपने पूर्वजों के असल इतिहास की सही जानकारी के प्रति जागरूकता लाई जा सके।
पाॅपुलर फ्रंट आफ इंडिया के चेयरमैन ई. अबूबकर ने पुस्तकों पर अपने विचार रखते हुए कहा कि हम बाबरी मस्जिद की याद को लोगों के ज़ेहनों से कभी ओझल नहीं होने दे सकते। उन्होंने आगे कहा ‘‘यह सभी पुस्तकें देश के मौजूदा हालात के मुताबिक हैं और मैं आशा करता हूं कि इस अत्यंत महत्वपूर्ण काम को अंजाम देने वाले लोगों का प्रयास ज़रूर फल लाएगा।’’
समारोह को संबोधित करने वाले अन्य वक्ताओं में रवि नायर (डायरेक्टर, एसएएचआरडीसी), एड॰ एन.डी. पंचोली (फोरम फाॅर सिटिज़ेंस फाॅर डेमोक्रेसी), डा॰ तस्लीम अहमद रहमानी (राष्ट्रीय सचिव, एसडीपीआई) और प्रो॰ राकेश रंजन (दिल्ली विश्वविद्यालय) शामिल हैं।
अल्टरनेट प्रेस के डायरेक्टर परवेज़ अहमद ने वक्ताओं और महमानों का स्वागत किया और सलीम शेख ने सबका धन्यवाद किया।
ई.एम. हारून
मेनेजर, अल्टरनेट प्रेस
नई दिल्ली
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