एक लाख रुपये के 2015 में कंपनी की शुरुआत हुई और बैकों ने हज़ारों करोड का अनसेकयोर लोन उन्हें जारी कर दिया. बिना इनकम टैक्स फ़ाईल किए गए कंपनी को भी लोन दिया गया. 6 कंपनियाँ एक मेल आई डी यूज करती रही, और उन सभी कंपनियों को लोन सैकशन कर दिया गया.
जिस कंपनियों को स्लम डेवलपमेंट के नाम पर हज़ारों करोड जारी किया गया उन्होंने इससे पहले कभी स्लम डेवलेपमेंट का काम महाराष्ट्र में किया भी नही. बिना अनुभव बिना मुनाफ़े बिना गारंटी के हज़ारों करोड रुपये शेल कम्पनियों को फ़ंड जारी किया गया. भारत से पैसा जारी किए गए और वधावन कंपनी के ज़रिए यूके भेज दिया गया.
इन पैसों से ये कंपनी श्रीलंका में आईपीएल में एक टीम को ख़रीदती है. घाटा दिखा कर हज़ारों करोड की टैक्स चोरी भी की गई. डीएचएफएल और कई सरकारी और प्राईवेट बैंकों ने 57000 करोड का लोन एनबीएफसी को लोन दिया. इन कंपनियों के पीछे दीवान हैं. बिना आरबीआई के अनुमति के पैसा बाहर ले जाया गया.
अब तक 31000 करोड का घोटाला पकड़ा है ये पूरा मामला 97000 करोड का है. किसी भी बैंक ने बिना किसी जांच, सबूत , गारंटी के हज़ारों करोड का लोन दिया है. न खाउंगा न खाने दूँगा का पोल खोल रहा है ये खुलाया. एनबीएफसी बैंक ने 97000 करोड का लोन लिया और पैसे को डूबा हुआ बता दिया. लोन देने वाली कंपनी को लोन दिया गया. पब्लिक सेक्टर बैक ने एनबीएफसी को लोन दिया और आगे शेल कॉपनियों के ज़रिए पैसा विदेश गया.
सरकार शेल कंपनियों को पकड़ने का दावा करती है
दूसरी तरह 31000 करोड के ऊपर का घोटाला किया है
आईएलएफएस के साथ साथ ये घोटाला हो रहा था और रेगुलेशन करने वाली सभी सरकारी और प्राईवेट संस्थाएँ सोयी हुई थी
इन कंपनियों ने ऐसे पेपर तैयार कर रखा जिससे इन्हें पकड़ा जा सकता
बोइंग वाला जहाज़ मेहुल चौकसी को लेने भेजा गया और रास्ते में वो नीरज मोदी को लेते हुए आएगा ऐसी बातें सरकार अखबारो में छपवा रही है
भारतीय पेमेंट सिस्टम धराशायी हो गयी हा
इसलिए सरकार आरबीआई पर दबाव बना रही है ताकि एनबीएफसी को दिया जा सके और इनके ज़रिए पैसों का घोटाला किया जा सकता
रेगुलेशन करने वाले वालों पर किसका दबाव है जिसके चलते इन्होंने अपना काम नहीं किया
दीवान और उसकी कंपनी तो कांग्रेस की देन है,,ये दुनिया जानती है कमसेकम मुम्बई में रहनेवाले बिल्कुल ही जानते है,,
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