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देश के लिए कांग्रेस पार्टी के लोगों ने त्याग और बलिदान दिया है: प्रियांका गांधी

देश का नौजवान उठ रहा है, उसकी आवाज उठ रही है, लेकिन सरकार सुनवाई नहीं करना चाहती। सरकार दमन और भय द्वारा उन आवाजों को बंद करना चाहती है। जब-जब देश में महान संकट पैदा होता है, जब-जब दमन की ताकत से लोगों को डराया जाता है, जब-जब भारत माता की आवाज को रोका जाता है, तब-तब कांग्रेस उठती है और संघर्ष की चुनौती स्वीकार करती है।

By: वतन समाचार डेस्क
  • देश के लिए कांग्रेस पार्टी के लोगों ने त्याग और बलिदान दिया है: प्रियांका गांधी

प्रियांका गांधी वाद्रा ने कहा कि श्री अजय कुमार लल्लू जी, श्री पी.एल. पूनिया जी, श्री सलमान खुर्शीद जी, श्री राज बब्बर जी, श्री जतिन प्रसाद जी, श्री प्रमोद तिवारी जी, आदित्य जी, श्री मुकेश सिंह चौहान जी, वरिष्ठ नेतागण, हमारे विधायकगण, सारे पूर्व सांसदगण और विभिन्न संगठनों के पदाधिकारीगण, एआईसीसी के सचिव, मीडिया के भाई-बहन, मेरी बहनें और मेरे भाई, कांग्रेस के तमाम कार्यकर्ता, चाहे अनोखे लाल जैसे, पिछले बीस सालों से हमारा झंडा फहराते हुए, चाहे ईश्वरचंद जी, वालिया जी जैसे अनुभवी कार्यकर्ता और नेता, आप सब यहाँ उपस्थित हैं, आप सबका बहुत-बहुत स्वागत और धन्यवाद कि आप यहाँ पर आए हैं।

आज कांग्रेस का स्थापना दिवस है, हमारी पार्टी का स्थापना दिवस। इसी दिन कांग्रेस की शुरुआत हुई। किन हालातों में हुई, ये आप अच्छी तरह जानते हैं। अंग्रेजी हुकुमत ने देश में हमारे नागरिकों पर दमन और अन्याय किया हुआ था। अपनी ही मातृभूमि, अपने ही भारत में भारतीय लोगों को संघर्ष करना पड़ा। अपने ही अधिकारों के लिए दशकों के लिए ये संघर्ष चला और इसी संघर्ष को उभारने के लिए, इसी संघर्ष के नेतृत्व के लिए कांग्रेस पार्टी बनी।

कांग्रेस पार्टी के लोगों ने त्याग और बलिदान दिया है इस देश के लिए। स्वतंत्रता संग्राम में हिंदू शहीद हुए, मुसलमान शहीद हुए, ईसाई शहीद हुए, बौद्ध और जैन शहीद हुए, कई जातियों के लोग शहीद हुए, पुरुष शहीद हुए, महिलाएं शहीद हुईं। हमारे देश की धरती में हर धर्म, हर जाति का खून मिला हुआ है, इसे अलग कोई नहीं कर सकता।

महात्मा गांधी जी ने अंग्रेजों के शोषण के खिलाफ चम्पारण के किसानों को एकजुट किया। सरदार पटेल ने बारदोली में किसानों को एकजुट किया और जवाहर लाल नेहरु जी ने उत्तर प्रदेश की धरती पर उत्तर प्रदेश के किसानों को एकजुट करके स्वतंत्रता संग्राम को शक्ति दी। इसी तरह से मजदूरों के भी बड़े-बड़े आंदोलन हुए। हमें इस कांग्रेस पर गर्व होना चाहिए, जिसने हमें अपने देश की विभिन्न धाराओं को एकत्रित करके, हमें एक ऐसा स्वतंत्रता संग्राम दिया, जिसके द्वारा आज हम आजाद भारत में खड़े हो सकते हैं। हमें उन सभी शहीदों के बलिदान पर गर्व होना चाहिए, जिन्होंने उस स्वतंत्रता संग्राम में अपना जीवन दिया। लेकिन सबसे बड़ा गर्व हमें इस बात पर होना चाहिए कि जो आंदोलन कांग्रेस पार्टी द्वारा चलाया गया, जिसके जरिए हमें आजादी मिली, वो विश्व में ऐसा पहला आंदोलन था, पूरे विश्व में पहला आंदोलन था, जो अहिंसा और सत्य पर आधारित था। तब तक जितनी हुकुमतें और जितने साम्राज्य का शिकस्त हुआ था, वो सब हिंसक आंदोलन से हुआ था, उनके जरिए हुआ था। ये पहला था, जिसमें अहिंसा के माध्यम से एक साम्राज्य को शिकस्त किया गया।

आज देश की स्थिति ये है कि देश संकट में है। आपने देखा है कि पिछले दिनों में किस तरह की अराजकता फैली है। हर शहर में, देश के कोने-कोने में नौजवान, विद्यार्थी अपनी आवाज उठा रहे हैं उन कानूनों के खिलाफ, जो इस देश के संविधान को बर्बाद कर रहे हैं, जो इस देश के संविधान के खिलाफ है।

देश का नौजवान उठ रहा है, उसकी आवाज उठ रही है, लेकिन सरकार सुनवाई नहीं करना चाहती। सरकार दमन और भय द्वारा उन आवाजों को बंद करना चाहती है। जब-जब देश में महान संकट पैदा होता है, जब-जब दमन की ताकत से लोगों को डराया जाता है, जब-जब भारत माता की आवाज को रोका जाता है, तब-तब कांग्रेस उठती है और संघर्ष की चुनौती स्वीकार करती है।

जब-जब भय का माहौल फैलाया जाता है, तब-तब कांग्रेस का कार्यकर्ता खड़ा होता है, क्योंकि हम उस विचारधारा से उभरे हैं, जो अहिंसा, करुणा और सत्य पर आधारित है। हमें कभी ये नहीं भूलना चाहिए। कांग्रेस के कार्यकर्ता के दिल में भय के लिए कोई जगह नहीं है। कांग्रेस के कार्यकर्ता के दिल में, उसके कर्मों में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। क्योंकि हमारे दिल में अहिंसा और करुणा बसाई गई है। हम इसी विचारधारा से उभरे हैं, हम इसी विचारधारा की रक्षा करते हैं और इसी विचारधारा को आगे बढ़ाएंगे।

आज देश में बड़ी शक्तियाँ सरकार चला रही हैं, जिनसे हमारी ऐतिहासिक टक्कर रही है। एक दमनकारी विचारधारा है, फूट की विचारधारा है। आज भी हम उसी विचारधारा से लड़ रहे हैं, जिससे हम आजादी के समय लड़े। जिन्होंने आजादी के संघर्ष में कोई योगदान नहीं दिया, आज वही देशभक्ति का नाम लेकर अपने आप को देशभक्त कहकर देशभर में भय फैलाना चाहते हैं, देशभर में फूट फैलाना चाहते हैं। सीएए और एनआरसी जैसे कानून लाते हैं, जो संविधान के खिलाफ है। जब नौजवान आवाज उठाता है, उसे दबाने की कोशिश की जाती है, उसे मारा जाता है, पीटा जाता है।

मैं बिजनौर गई, बिजनौर में 21 साल के लड़के को, जो दूध लेने जा रहा था, प्रदर्शन भी नहीं कर रहा था। दूध लेने जा रहा था, अपने पिता के साथ खड़ा था, पिता ने कहा, बच्चे मत जाओ, वहाँ से आवाजें आ रही हैं, अभी मत जाओ। कॉफी की मशीन चलाता था, उसी के जरिए अपने परिवार की मदद करता था, परिवार की सहायता करता था। उसने कहा, पिता जी मैं पांच मिनट में आता हूँ, गली से निकलकर जाऊँगा। गली से गया, पिता जी को पांच मिनट के बाद पता चला कि किसी लड़के की मौत हुई है, गोली लगी है, एक काला जैकेट पहने हुआ लड़का मर गया है। तब पिता जी उसके भागे, गली के अंदर भागे, तो उनको पता चला कि उनका अपना बच्चा है। अस्पताल ले गए, तो अस्पताल में कोई नहीं था।

पुलिस वालों ने धमकाया, कहा कि एफआईआर दर्ज करोगे, तो तुम्हारे खिलाफ हम केस लगाएंगे। उसको अपने शहर में, जहाँ पर वो रहता है, वहाँ पर दफनाने नहीं दिया। 40 किलोमीटर दूर दफनाने को मजबूर किया, ये सरकार है आज की, ये प्रशासन है आज का। उस लड़के की तरह तमाम बच्चों को प्रदेश में मारा गया है। जिसको जान से नहीं मारा, उसे जेल में डाला, उसे लाठियों से पीटा, किसलिए, किसलिए पीटा? क्योंकि आवाज उठा रहा था। क्योंकि आज की नीतियाँ उसे पसंद नहीं आई, क्योंकि देश के संविधान के पक्ष में वो सड़क पर आ गया। किस तरह की सरकार है ये? किस तरह का प्रशासन है ये? आप सोच सकते हैं कि इसके खिलाफ अगर हम आज आवाज नहीं उठाएंगे, तो हम भी कायर साबित होंगे।

देशभर में आंदोलन कब फैला। देखिए जो डरता है, वह दो चीजें करता है। वो अपने दुश्मन को हिंसा द्वारा जीतने की कोशिश करता है, उसका मुँह बंद करने की कोशिश करता है और दूसरी चीज पीछे हटने लगता है। ये दो चीजें कायर की पहचान होती है। इस सरकार को देखिए, जनता ने आवाज उठाई, कायरता से उस आवाज को दबाने की कोशिश की, हिंसा से उस आवाज को दबाने की कोशिश की। उसके बाद क्या किया, पीछे हटने लगे। आज कहते हैं, एनआरसी की कोई चर्चा नहीं हुई, हम तो एनपीआर की बात कर रहे थे। ये कायर की पहचान है, जो देशभर में चर्चा फैलाते हैं, जो देशभर में एनआरसी की चर्चा फैलाते हैं, आज कहते हैं कि चर्चा ही नहीं की। ये देश आपको पहचान रहा है। आपकी कायरता को पहचान रहा है और आपके झूठों से ऊब चुका है। ऊब चुका है ये देश, आखिर झूठ नहीं चाहिए। इस देश को सच्चाई चाहिए, इस देश के नौजवान, उत्तर प्रदेश के नौजवान को सच्चाई चाहिए।

उस असलियत को आप देखिए कि किसान भटक रहा है। आवारा पशुओं से तमाम किसान परेशान है, चुनाव से पहले से हम चीख रहे हैं, चिल्ला रहे हैं, कुछ करिए, कुछ करिए। कुछ किया है? कुछ नहीं किया है। आज उत्तर प्रदेश के गांव-गांव में जाइए, बड़े-बड़े मंचो से भाषण देने के बजाए, गांव-गांव में जाइए, देखिए, किसान रो रहा है। उसका बकाया नहीं दिया, उसे फसल का दाम नहीं दिया, आवारा पशुओं से प्रताड़ित है, सरकार कुछ नहीं कर रही है।

महिलाओं से पूछिए, उन्नाव की उस लड़की के पिता से पूछिए, उसके पिता से पूछिए, जो मेरे सामने रोया है, जिसने मुझे बताया है कि उसके परिवार पर क्या गुजरी। प्रशासन ने क्या किया उसके साथ। जब उसकी बेटी ने कहा कि वो मुकदमा दायर करेगी। जब वो गई, रायबरेली जाना पड़ा उसको, क्योंकि वहाँ उसकी एफआईआर फाइल नहीं हो रही थी। रायबरेली हर रोज सुबह उठकर वो बच्ची अकेले ट्रेन में जाती थी। उसके पिता को पीटा गया, उसके खेत जलाए गए। नौ साल की उसके भाई की बेटी है, उसको धमकाया गया कि तुम्हारा नाम स्कूल के रजिस्टर से हम निकाल देंगे, तुम घर से बाहर नहीं निकलो। एक नौ साल की बच्ची को धमकाया गया। अंत में क्या हुआ? उस लड़की को किसी ने जलाया, वो जलते हुए पैदल एक किलोमीटर तक चली और उसके बाद गिर पड़ी। सरकार ने क्या किया, कोई गया वहाँ उसकी आवाज सुनने? उसके परिवार से मिलने? क्यों नहीं गया? किसकी सरकार है? इस जनता की सरकार है। महिलाओँ की सुरक्षा का जिम्मेदार कौन है इस प्रदेश में, सरकार है, प्रशासन है। हर रोज महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं, हर रोज बलात्कार हो रहे हैं। हर रोज नौजवान लड़कियाँ डर रही हैं। अपने घर से निकलने के लिए डर रही हैं, पाठशाला जाने के लिए डर रही हैं कि उनके साथ कोई अत्याचार न हो, और कोई उनकी रक्षा करने वाला नहीं है।

इस प्रदेश के मजदूरों के हालात देखिए, कर्मचारियों के हालात देखिए। हमने सबकी आवाज उठाई चुनाव के आह्वान से, नौ महीने गुजर गए हैं, क्या किया है? शिक्षामित्रों को नौकरी से निकाला, पुलिसमित्रों को आपने लगाया और सब आरएसएस में दाखिल किए, ये क्या बात हुई? आप सोचिए कि इस प्रदेश की सरकार, इस देश में जो सरकार चल रही है, दोनों के खिलाफ अगर हम आवाज नहीं उठाएं, तो हम अपने कर्तव्य का पालन नहीं करेंगे।

आप सब कांग्रेस के कार्यकर्ता है, अगर आज यहाँ मौजूद हैं, तो ये बहुत बड़ी बात है क्योंकि कांग्रेस के लिए ये बहुत बड़ा संघर्ष का समय है, खासतौर से उत्तर प्रदेश में। मैं आप सबको धन्यवाद देना चाहती हूँ कि जो रास्ता हमने पकड़ा है, उसमें आप मेरा और जो प्रदेश की नई कार्यकारिणी हैं, इसका पूरी तरह से समर्थन कर रहे हैं।

मैं यहाँ खड़े होकर ये कहना चाहती हूँ कि जहाँ नौजवान की ऊर्जा महत्वपूर्ण है, वहाँ बुजुर्गों के अनुभव भी महत्वपूर्ण है। मैंने हर नए अध्यक्ष को, हर जिले के नए अध्यक्ष को, कार्यकारिणी के हर सचिव, हर महासचिव को यही कहा, सबसे पहले आप बुजुर्गों के पास जाइए। सबसे पहले आप उनके अनुभव से सीखिए, उसके बाद आप नौजवानों को जोड़िए।

हमारा मकसद है कि जिस तरह से महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरु, सरदार पटेल ने जनता को एकजुट किया और जनता की आवाज उठाई, उसी तरह से हम भी उत्तर प्रदेश की जनता को एकजुट करें, उनकी आवाज उठाएं और हम भी उनके संघर्ष में शामिल हों।

जब तक आप सब यहाँ बैठे हैं, जब तक आप जनता से संपर्क नहीं रखेंगे, जब तक आप घर-घर नहीं जाएंगे, जब तक आप दुख-दर्द नहीं बांटेगे, जब तक आप उनकी समस्यांओं को समझेंगे नहीं और उनको सुलझाने के लिए संघर्ष नहीं करेंगे, तब तक, न आप आगे बढ़ पाएंगे और न पार्टी आगे बढ़ पाएगी, इस बात को ठीक तरह से समझ लीजिए। हमारा एक ही कार्य है, एक ही कर्तव्य है और वो जनता के प्रति है।

यहाँ महिला सुरक्षित नहीं है। ठीक है, हम सरकार में नहीं हैं, हम प्रशासन नहीं चला रहे हैं, लेकिन हम मौजूद तो हो सकते हैं, हम उसके लिए खड़े तो हो सकते हैं, हम उसके परिवार की सुनवाई तो कर सकते हैं। जहाँ-जिस हद तक हम उनको सुरक्षा दे सकते हैं हम करेंगे, यही हमारा मकसद होना चाहिए।

जहाँ किसान को प्रताड़ित किया जा रहा है, हम खड़े हो सकते हैं। जहाँ मजदूरों के साथ समस्या है, हम उसके कंधे से कंधा मिलाकर उसकी आवाज उठा सकते हैं। जहाँ विद्यार्थी परेशान है, सड़क पर आ रहा है, हम उसके साथ सड़क पर खड़े होकर उसकी आवाज उठा सकते हैं।

हमेशा हम ये मन में लक्ष्य उठाएं कि हम अहिंसा की विचारधारा से उभरे हैं। हिंसात्मक कार्य कुछ नहीं करना है। चाहे हम नाराज भी हों, वो नाराजगी अहिंसा के द्वारा, सत्य के द्वारा, लोगों को समझाने के द्वारा आगे आनी चाहिए। यही हमारा कार्य है, यही हमारा कर्तव्य है।

यहाँ पर हमारा प्रयास है, कि हम संगठन को मजबूत करें। बहुत लंबा काम है, समय लगता है। हर जिले में जा-जाकर, हर गांव में, हर ब्लॉक में जा-जाकर कांग्रेस की आवाज मजबूत करना, कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को ढूंढ़ना, नौजवानों को जोड़ना, ये आपका और हमारा काम है। हमने छोटी सी शुरुआत की है, आपके समर्थन और आपकी सहायता के बिना ये कार्य पूरा नहीं हो सकता। तो मैं आपसे आग्रह करना चाहती हूँ कि आप सब दिन-रात संघर्ष करें, समर्पित हों।

आपने देखा है कि उत्तर प्रदेश में दूसरी विपक्ष की पार्टियाँ कुछ ज्यादा कह नहीं रही हैं, (जनता ने कहा डर रही हैं) अब डर रही हैं या क्या है, ये मुझे नहीं मालूम, लेकिन जैसे मैंने कहा हम डरने वाले नहीं हैं। हम आवाज उठाते रहेंगे। चाहे हमें अकेले चलना हो और हमें ये तैयारी करनी है कि हम उत्तर प्रदेश के अगले चुनाव में अकेले चलें, इसके लिए हमें बहुत मजबूती चाहिए। इसके लिए हमें अनोखे लाल भी चाहिए, आप भी चाहिए (जनता की ओर इशारा करते हुए) आप भी चाहिए कि आप सब जितने भी कार्यकर्ता हैं, जितने भी नेतागण इस मंच पर बैठे हैं, आप सब संघर्ष करें, संगठन को मजबूत बनाएं और इस पार्टी की आवाज को आगे लाएं। ताकि देश की जनता की आवाज उठे, ताकि हमारा प्रदेश, उत्तर प्रदेश, जिसमें से सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण स्वतंत्रता सेनानी आए। उस प्रदेश की जो खोई हुई गरिमा है, उसको हम लौटाएं। उस प्रदेश को मजबूत बनाएं, जिसने इस देश को इतना दिया है। आज इस हालत में नहीं होना चाहिए उत्तर प्रदेश को। ऐसी अराजकता नहीं फैलनी चाहिए इस प्रदेश में। मिसाल होना चाहिए था, पूरे देश के लिए ये मिसाल होना चाहिए था, विकास का मिसाल होना चाहिए था, उन्नति का मिसाल होना चाहिए था, आपसी प्रेम का मिसाल होना चाहिए था, उसको बनाने के लिए कांग्रेस पार्टी इस प्रदेश में खड़ी होगी और आप सब हमारे साथ इसको खड़ा करेंगे।

आप सबको आज की बहुत-बहुत शुभकामनाएं और एक बार फिर धन्यवाद कि आप यहाँ आए।

जय हिन्द! जय हिन्द! जय हिन्द!

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