नई दिल्ली: बदरपुर थर्मल पावर स्टेशन (बीटीपीएस) के 300 से ज्यादा ठेकाकर्मी बदरपुर थाने के बाहर अपने गिरफ्तार नेताओं और कर्मचारियों को छोड़े जाने तक डटे रहे। एसीसीपी बिरेन्दर सिंह के हस्तक्षेप के बाद, एडवोकेट ओपी गुप्ता, बिरजू नायक और लोकनाथ शुक्ला सहित 22 कर्मचारियों को दोपहर ढाई बजे के बाद छोड़ा गया।
आज बीटीपीएस कर्मचारी न्याय की मांग को लेकर, प्रधानमंत्री निवास तक मार्च करने वाले थे। मथुरा रोड़ स्थित बीटीपीएस गेट न0 1 पर कर्मचारियों के इकट्ठे होने से पहले, कर्मचारियों के नेता ओपी गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें तब छोड़ा गया, जब पुलिस इंस्पेक्टर सतीष चंद्रा को यह आश्वासन दिया गया कि, रैली आपके इलाके में नहीं होगी। उसके बाद, कर्मचारियों ने सफदरजंग मकबरा से लेकर प्रधानमंत्री निवास तक रैली निकालकर, पीएम को ज्ञापन देने का फैसला किया।
आॅटो से सफदरजंग मकबरा की ओर जाते हुए, आश्रम के पास इन उपरोक्त तीन नेताओं को गिरफ्तार करके बदरपुर थाने ले जाया गया। सफदरजंग मकबरा के लिए, 460 बस का स्टैंड पर इंतजार करते कर्मचारियों, बस में चढ़ चुके कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया। नेता सहित 28 कर्मचारी गिरफ्तार हुए।
नेताओं ने बताया कि, प्रधानमंत्री निवास तक रैली निकालने की सूचना दिए 15 दिन हो चुके हैं। हमें अभी तक लिखित में नहीं बताया गया कि रैली की अनुमति नहीं है। एसीसीपी और इंस्पेक्टर ने मौखिक बताया कि रैली की अनुमति नहीं है, लेकिन लिखित में देने से इंकार कर दिया।
ज्ञात रहे कि इस संस्थान को दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का कारण बताकर बंद किया जा रहा है। प्रबंधन अब तक 400 के लगभग ठेका कर्मचारियों को काम से बाहर कर चुकी है। प्रबंधन ने संस्थान को बंद करने से पहले, वर्षों-वर्षों से काम कर रहे इन कर्मचारियों को कोई सूचना नहीं दी है। अचानक ये कर्मचारी रोजगार से बेरोजगार बन गए। यहां तक कि इनमें कई मजदूरों का बकाया बाकी है। 8 नवम्बर को कर्मचारियों ने संस्थान को बंद करने का नोटिस दिए जाने, पर्याप्त मुआवज़ा दिए जाने, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र में वैकल्पिक रोज़गार देकर उनका पुनर्वास किए जाने, सभी देय मज़दूरी और अन्य बकाया राशि का भुगतान तुरंत किए जाने और सभी कर्मियों को काम का अनुभव प्रमाणपत्र दिए जाने की मांग को लेकर मंडी हाउस से लेकर संसद तक मार्च किया था।
अपनी मांगों को केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री, आर.के. सिंह और श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार के समक्ष रखा था। थाने से तीनों नेताओं के छोड़े जाने के बाद, बाहर खड़े कर्मचारियों को संबोधित करते हुए, एडवोकेट ओपी गुप्ता ने बताया कि कल क्षेत्रीय श्रमायुक्त कार्यालय, जीवनद्वीप बिल्डिंग में सुनवाई है। प्रबंधन और यूनियन, दोनों को बुलाया गया है। कानून इन कर्मचारियों के साथ बहुत बड़ा अन्याय हुआ है। प्रबंधन बिना नोटिस दिए, सार्वजनिक उपक्रम को बंद नहीं कर सकती है। न ही बिना नोटिस कर्मचारियों को काम से बाहर कर सकती है। उन्होंने कहा कि, जीत हमारी ही होगी।
मज़दूर एकता कमेटी के सचिव, बिरजू नायक ने अपने संबोधन में बताया कि, सरकार उदारीकरण और निजीकरण की नीति के तहत, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को बंद कर रही है।
ताज़ातरीन ख़बरें पढ़ने के लिए आप वतन समाचार की वेबसाइट पर जा सक हैं :
https://www.watansamachar.com/
उर्दू ख़बरों के लिए वतन समाचार उर्दू पर लॉगिन करें :
http://urdu.watansamachar.com/
हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें :
https://www.youtube.com/c/WatanSamachar
ज़माने के साथ चलिए, अब पाइए लेटेस्ट ख़बरें और वीडियो अपने फ़ोन पर :
आप हमसे सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं- ट्विटर :
https://twitter.com/WatanSamachar?s=20
फ़ेसबुक :
यदि आपको यह रिपोर्ट पसंद आई हो तो आप इसे आगे शेयर करें। हमारी पत्रकारिता को आपके सहयोग की जरूरत है, ताकि हम बिना रुके बिना थके, बिना झुके संवैधानिक मूल्यों को आप तक पहुंचाते रहें।
Support Watan Samachar
100 300 500 2100 Donate now
Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.