नोएडा- राष्ट्रीय हरित न्यायालय द्वारा दिए गए आदेशों के बाद कई नए इंकेशाफ़ात हुए हैं जो आम जनता के लिए अति महत्व्पूर्ण हैं. रंजन तोमर ने यह जानने की कोशिश की थी कि क्या दस वर्ष से पुराने डीजल एवं 15 वर्ष से पुराने पेट्रोल वाहन दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में आ जा सकती हैं अथवा नहीं , इसके जवाब में दिल्ली सरकार के जन सूचना अधिकारी ने कई चौंकाने वाले इंकेशाफ़ात किये हैं.
सर्वप्रथम वह कहते हैं आदरणीय राष्ट्रीय हरित न्यायालय के आदेश अनुसार दस वर्ष से पुराने डीजल वाहन एवं 15 वर्ष से ऊपर कैसे भी वाहन दिल्ली एवं एनसीआर क्षेत्र में चलने नहीं दिए जाएंगे, एवं दस वर्ष से पुराने डीजल वाहनों को दूसरे शहरों में चलने के लिए भी एन ओ सी लेनी होगी।
इसके साथ साथ जवाब में एक सरकारी आदेश भी भेजा गया है जो 30 अक्टूबर 2018 को जारी किया गया था, जिसके अनुसार वर्धमान कौशिक बनाम भारत सरकार केस में राष्ट्रीय हरित न्यायालय के आदेशानुसार 10 वर्ष से पुराने डीजल एवं 15 वर्ष से पुराने पेट्रोल वाहनों को दिल्ली एनसीआर पर चलने की मनाही है एवं यदि ऐसे कोई वाहन यहाँ पकडे जाते हैं तो उनके खिलाफ सीज़ करने की कार्यवाही की जायेगी।
इसके साथ ही पब्लिक रोडों पर 15 वर्ष से पुराने वाहन खड़े भी नहीं होने दिए जाएंगे। इसी प्रकार के आर्डर उच्चतम न्यायालय ने एम सी मेहता बनाम भारत सरकार रिट संख्या 13029/1985 में 29 अक्टूबर 2018 को आये आदेश में कहा है कि राष्ट्रीय हरित न्यायालय के 7 /4 /2015 के आदेशानुसार डीजल के दस एवं पेट्रोल के पंद्रह वर्ष पुराने दिल्ली क्षेत्र में नहीं चलने दिए जाएंगे।
साथ ही माननिय उच्चतम न्यायालय ने आदेश दिए कि इन मानकों का पालन नहीं करने वाले वाहनों को ज़ब्त कर लिया जाएगा, इन सभी वाहनों की लिस्ट दिल्ली ट्रांसपोर्ट विभाग एवं सीपीसीबी की वेबसाइट पर डाली जाएंगी। जहा यह जानकारियां पर्यावरण प्रेमियों के लिए ख़ुशी की खबर लेकर आयी हैं, वहीँ दूसरी ओर उन वाहन मालिकों के लिए झटका है जो यह सोच कर बैठे थे के उच्चतम न्यायालय से कुछ राहत उन्हें मिल सकती है अथवा किसी बाहरी क्षेत्र में रजिस्टर करवा एनसीआर में गाडी चलाकर बच पाएंगे। देखना यह है कि सरकार किस तरह बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए इस प्रकार के कड़े कदम उठाती है।
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