नई दिल्ली: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने शनिवार को दिल्ली दंगों के आरोप में जेल में बंद ताहिर हुसैन की तीन मामलों में जमानत अर्जी पर सुनवाई टाल दी है। दिल्ली पुलिस ने बताया कि वकील मनोज चौधरी चांदबाग पुलिया के पास हुई हिंसा के सभी मामलों की पैरवी करेंगे। सुनवाई के दौरान मनोज चौधरी ने शनिवार तीनों मामलों की सुनवाई टालने की मांग की जिसके बाद एडिशनल सेशंस जज विनोद यादिव ने 5 अक्टूबर को सुनवाई करने का आदेश दिया।
ताहिर हुसैन पर दिल्ली दंगों को लेकर कई एफआईआर दर्ज किए गए हैं। आज कोर्ट में जो मामले लिस्ट किए गए थे वे तीनों मामले दयालपुर थाने के हैं। एक मामला दयालपुर थाने में दर्ज एफआईआर नंबर 120 का है। एफआईआर में ताहिर हुसैन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 149, 427, 436 और 120बी के तहत आरोप दर्ज किए गए हैं। दूसरी एफआईआर भी दयालपुर थाने में दर्ज एफआईआर नंबर 117 का है जिसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 149, 427, 436 और 120बी के तहत आरोप दर्ज हैं। तीसरा मामला भी दयालपुर थाने का ही है। तीसरा एफआईआर नंबर 80 का है जिसके तहत भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148,149,427,436 और 120बी के अलावा प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट की धारा 3 और 4 के तहत मामला दर्ज है।
कड़कड़डूमा कोर्ट ने पिछले 21 अगस्त को ताहिर हुसैन के खिलाफ एक एफआईआर में दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। चार्जशीट में ताहिर हुसैन समेत 15 लोगो को आरोपी बनाया गया है। चार्जशीट में ताहिर हुसैन को मास्टरमाइंड बताया गया है। करीब एक हजार पन्नों की इस चार्जशीट में पार्षद ताहिर हुसैन के भाई शाह आलम समेत 15 लोगों को आरोपी बनाया गया है। क्राईम ब्रांच ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि हिंसा के वक्त आरोपी ताहिर हुसैन अपनी छत पर था। ताहिर हुसैन पर हिंसा की साजिश रचने का आरोप है। चार्जशीट में कहा गया है कि हिंसा कराने के लिए ताहिर हुसैन ने एक करोड़ 30 लाख रुपये खर्च किए थे।
ताहिर हुसैन के खिलाफ ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी दर्ज किया है। ताहिर हुसैन के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और आपराधिक साजिश रचने का आरोप है। ईडी ने कई स्थानों पर छापा मारा जिसमें कई दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस मिले। ताहिर हुसैन के पास से व्हाट्स ऐप चैट, फर्जी बिल बरामद किए गए। ईडी ने कहा है कि ताहिर हुसैन ने आपराधिक साजिश रचते हुए कई कंपनियों के खाते से पैसे ट्रांसफर किए। इन पैसों से अपराध को अंजाम दिया गया।
दरअसल पहले की सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने बताया कि चांदबाग पुलिया के पास हुई हिंसा को एक ही पब्लिक प्रोसिक्युटर उनकी पैरवी करेगा। दिल्ली पुलिस की अभियोजन शाखा ने चांदबाग पुलिया के पास हुई हिंसा के सभी मामलों की सुनवाई के लिए वकील मनोज चौधरी को नियुक्ति किया। आज तीनों मामलों में मनोज चौधरी दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए और उन्होंने आज सुनवाई टालने की मांग की। उसके बाद कोर्ट ने तीनों मामलों की सुनवाई 5 अक्टूबर को करने का आदेश दिया।
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