“अशोक विजयदशमी” अर्थात धम्मचक्र प्रवर्तन दिन सभी सरकारी कार्यालयों पर धम्म ध्वज फहराया जाना चाहिए: डॉ. राजन माकणीकर
मुंबई, (संवाददाता) कलिंग युद्ध में सम्राट अशोक की जीत के दसवें दिन तक मनाया जाने वाला त्योहार है। इसी दिन सम्राट अशोक को बौद्ध धर्म में दीक्षा दी गई थी। ऐतिहासिक तथ्य यह है कि कलिंग युद्ध के बाद, महाराजा अशोक ने हिंसा को त्यागकर बौद्ध धर्म अपनाने की घोषणा की थी। इस संबंध में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया डेमोक्रेटिक के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. राजन माकणीकर ने मांग की है कि सरकार हर साल सरकारी कार्यालयों में पंचशील धम्म ध्वज फहराने का आदेश जारी करे।
बयान में डॉ. माकणीकर आगे कहते हैं कि सम्राट अशोक के बौद्ध बनने के बाद उन्होंने बौद्ध स्थलों का दौरा करना शुरू किया। तथागत गौतम बुद्ध के जीवन की स्मृति में हजारों स्तूप, शिलालेख और धम्म स्तंभ बनाए। 10 दिनों तक उत्साह के साथ कार्यक्रम जारी रहा, दसवें दिन महाराजा ने शाही परिवार के साथ पूज्य भंते मोगिलिपुत्त से धम्म दीक्षा ली।
धम्म की दीक्षा के बाद महाराजा ने संकल्प लिया कि आज से मैं न केवल विज्ञान से बल्कि शांति और अहिंसा से भी जीवों का दिल जीतूंगा। इसलिए पूरा बौद्ध जगत अशोक विजय दशमी मनाता है।
अशोक विजयादशमी के अवसर पर, १४ अक्टूबर १९५६, भारत भाग्य विधाता डॉ. भीमराव अम्बेडकर तथागत भगवान गौतम बुद्ध के तत्वावधान में अपने 5 लाख अनुयायियों के साथ नागपुर के दीक्षा मैदान में आए और उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया, इसलिए यह दिन "धम्म चक्र परिवर्तन" दिन के रूप में मनाया जाता है।
सम्राट अशोक महाराजा के नाम से देश की सात बारा है, और भारत का असली धर्म बौद्ध धर्म है, सभी सरकारी कार्यालयों में बौद्ध धर्म का झंडा फहराया जाना चाहिय, सरकार द्वारा प्रशासन को यह आदेश दिया जाना चाहिए। यह मांग विद्रोही पत्रकार डॉ. राजन माकणीकर ने देश के प्रथम नागरिक, महामहिम राष्ट्रपति माननीय रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ईमेल के जरिए की है।
ताज़ातरीन ख़बरें पढ़ने के लिए आप वतन समाचार की वेबसाइट पर जा सक हैं :
https://www.watansamachar.com/
उर्दू ख़बरों के लिए वतन समाचार उर्दू पर लॉगिन करें :
http://urdu.watansamachar.com/
हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें :
https://www.youtube.com/c/WatanSamachar
ज़माने के साथ चलिए, अब पाइए लेटेस्ट ख़बरें और वीडियो अपने फ़ोन पर :
आप हमसे सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं- ट्विटर :
https://twitter.com/WatanSamachar?s=20
फ़ेसबुक :
यदि आपको यह रिपोर्ट पसंद आई हो तो आप इसे आगे शेयर करें। हमारी पत्रकारिता को आपके सहयोग की जरूरत है, ताकि हम बिना रुके बिना थके, बिना झुके संवैधानिक मूल्यों को आप तक पहुंचाते रहें।
Support Watan Samachar
100 300 500 2100 Donate now
Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.