लखनऊ में शुरू हुई डिजिटल इकोनॉमी वर्किंग ग्रुप की बैठक, भारत ने दिया मजबूत यूपीआई इकोसिस्टम पर जोर
- कार्यक्रम में लगी प्रदर्शनी में उत्तर प्रदेश की डिजिटल पहलों को प्रदर्शित किया गया
- सीएम योगी और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने डिजिटाइजेशन में भारत के बढ़ते कदमों को सराहा
लखनऊ, 13 फरवरी। भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत सोमवार को लखनऊ में पहली डिजिटल इकोनॉमी वर्किंग ग्रुप की बैठक शुरू हुई, जिसमें भारत ने जी20 सदस्य देशों के बीच एक मजबूत यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) इकोसिस्टम बनाने पर जोर दिया।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की मेजबानी में हो रही इस तीन दिवसीय बैठक के पहले दिन ‘डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर: विभिन्न देशों में डिजिटल आइडेंटिटी के कार्यान्वयन अनुभव साझा करना’ विषय पर एक वर्कशॉप का आयोजन हुआ। इसके अलावा बैठक में ‘एमएसएमई के लिए साइबर सुरक्षा समाधानों को साझा करना’, ‘सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान केंद्रित करना’ और ‘डिजिटल अर्थव्यवस्था में बुनियादी ढांचे और उत्पाद विकास के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियों का उपयोग’ विषय पर भी वर्कशॉप हुई। बैठकों के अलावा जी20 सदस्यों के समक्ष एक प्रदर्शनी के दौरान उत्तर प्रदेश राज्य की डिजिटल पहलों को प्रदर्शित किया गया। बैठक की शुरुआत सुशांत गोल्फ सिटी स्थित एक होटल में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उद्घाटन भाषण के साथ हुई। इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि डिजिटल तकनीक आज की आवश्यकता है और भारत में जिस तेजी से इस क्षेत्र में काम हुआ है, उसने दुनिया के सामने एक नायाब उदाहरण पेश किया है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रदेश में पेंशनार्थियों को पेंशन, छात्रों को स्कॉलरशिप भी इस माध्यम से दी जाती है। पिछले वर्षों से वैश्विक मंच पर सभी के साथ मिलकर भारत को आगे बढ़ाने में आदरणीय प्रधानमंत्री का विजन पूरे पारदर्शी तरीके से काम कर रहा है।’’ कार्यक्रम में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि डिजिटल इकोनॉमी के क्षेत्र में देश आगे बढ़ रहा है।
डिजिटाइजेशन के फायदों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अब इस मॉडल को कृषि क्षेत्र से लेकर लॉजिस्टिक और ई-कॉमर्स के क्षेत्र में भी तेजी से लागू करने पर जोर दिया जाएगा। कार्यक्रम में कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर और भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडे ने भी अपने विचार रखे।
सदस्य देशों के 141 प्रतिनिधियों के साथ ही 33 देशों के मेहमान भी इस बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। डिजिटल इकोनॉमी वर्किंग ग्रुप की बैठक का उद्देश्य लोगों के लिए भू-राजनीतिक संघर्षों और बेहतर सेवाओं को संभालने के लिए आवश्यक डिजिटल वैश्विक गठजोड़ बनाना है। इस वर्किंग ग्रुप को 2017 में जर्मनी की जी20 प्रेसीडेंसी के हिस्से के रूप में एक सुरक्षित, परस्पर और समावेशी डिजिटल अर्थव्यवस्था के कार्यान्वयन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गठित किया गया था। फिलहाल वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था 11 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है, जिसके 2025 तक 23 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
डिजिटल इकोनॉमी वर्किंग ग्रुप (डीईडब्ल्यूजी) डिजिटल स्पेस में वैश्विक नीति संवाद को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि भारत एक मजबूत यूपीआई इकोसिस्टम बनाने के लिए अन्य देशों के साथ साझेदारी करने की कोशिश कर रहा है, जो भारतीयों को विदेशों में भुगतान के लिए यूपीआई प्लेटफॉर्म का उपयोग करने की अनुमति देगा।
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