पिछले तीन दिनों से प्रतिदिन लगातार 3000 या उससे अधिक कोरोना पाजिटिव मामले आ रहे है, जो राजधानी में खतरे की घंटी है। क्या केजरीवाल सरकार के पास कोविड महामारी के इस संकट से निपटने के लिए कोई प्रमुख योजना या रोड मैप है? - चौ0 अनिल कुमार
नई दिल्ली, 22 जून, 2020 - दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि कांग्रेस पिछले कई सप्ताह से कह रही है कि कोरोना फैलने के स्रोतों का पता लगाने के लिए मरीजों के टेसि्ंटग और कान्टेक्ट ट्रेसिंग का पता लगाना आवश्यक है। डा0 वी.के. पॉल कमेटी ने भी कोविड-19 पर नियंत्रण के लिए उन्हीं तथ्यों को जरुरी माना है जिन पर कांग्रेस पार्टी लगातार जोर दे रही है। उन्होंने कहा कि पॉल कमेटी ने कांटेन्मेन्ट जोन रणनीति पर सरकार से कहा है कि वह कांटेन्मेन्ट जोन का सीमांकन करके उन सभी कांटेन्मेन्ट जोन की गतिविधियों पर सख्ती से नियंत्रण करके वहां देखरेख करे।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि कोविड मामले जो मार्च में बहुत कम थे, कल लगभग 60,000 तक पहुच गए है, जिसका प्रमाण पिछले तीन दिनां में लगातार 3000 या उससे भी अधिक कोरोना मामले बढ़ रहे है। यह राजधानी दिल्ली में खतरे की घंटी है जिस पर नियंत्रण करने के लिए केजरीवाल सरकार ने जमीनी स्तर पर कोई रणनीति या रोड़मेप तैयार नही किया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोविड-19 महामारी अब असहनीय स्थिति की ओर बढ़ रही है और भाजपा की केन्द्र सरकार और दिल्ली की केजरीवाल सरकार बैठकें करके कोविड से आक्रामक रुप में निपटने की बजाय अपने होठ सिए हुए बैठी है और एक दूसरे की पीठ थपाथ्पा रहे है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि डॉ पॉल कमेटी ने पूरी दिल्ली में सीरोलॉजीकल सर्वे का प्रस्ताव किया है जिसमें 27 जून से 10 जुलाई तक 20,000 सैम्पल लेकर परीक्षण किए जाऐंगे, जिससे यह आंकलन किया जा सकेगा कि कोविड का किसी भी प्रकार सामुदायिक फैलाव तो नही है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया को बहुत पहले किया जाना चाहिए था, अगर पहले किया गया होता तो दिल्ली में कोरोना की स्थिति नियंत्रण से बाहर नही होती।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि कांग्रेस ने घर में जगह और सुविधाओं की कमी के चलते होम आइसोलेशन का हमेशा विरोध किया है जबकि केजरीवाल होम आइसोलेशन की वकालत करने के बाद अब यह कहना शुरु कर दिया कि कोविड संदिग्ध मरीजां को संस्थागत आईसोलेशन में रखना चाहिए, जिसे पहले उपराज्यपाल ने भी आदेश देकर वापस ले लिया था। उन्होंने कहा कि अब गृहमंत्री श्री अमित शाह भी कोविड-19 मरीजों को पहले कोविड सेन्टर भेजने की बात कह रहे है क्योंकि घर पर प्रर्याप्त सुविधाऐं उपलब्ध नही होती और बिना लक्षण के अन्य रोगियों को होम आइसोलेशन में रहने की इजाजत है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि केन्द्र में भाजपा की सरकार और दिल्ली में केजरीवाल सरकार कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए विरोधाभास स्थिति में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे कोरोनो यौद्धा डाक्टर, नर्सें, पेरामेडिकल स्टाफ व अन्य फ्रंटलाईन कर्मचारी अत्यधिक काम के बोझ के कारण कोरोना वायरस से ग्रसित हो रहे है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में अप्रर्याप्त सुविधाऐं भी कोविड योद्धाओं की मुश्किलों का कारण है।
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