भारत के 70 साल के इतिहास में जो कभी ना हुआ वह अब हो रहा है। अभी चीन के साथ टेंशन चल ही रही थी कि भारत के सबसे निकट करीबी और मित्र दोस्त व पड़ोसी देश नेपाल ने भी अब आंखें खुल कर दिखानी शुरू कर दी है। पहले भारत की मनमर्जी के खिलाफ नेपाली संसद ने उस मानचित्र को मंजूरी दी जिस पर भारत अपना विरोध जताते आया है, अब खबर यह है कि पड़ोसी देश मित्र नेपाल ने हमें एक बड़ी टेंशन देने की शुरुआत कर दी है। बिहार से सटी भारत-नेपाल सीमा के पास से गोलीबारी की बुरी खबरें आ रही हैं।
बताया जा रहा है कि शुक्रवार (12-06-2020) को नेपाल की तरफ से 15 राउंड फायरिंग की गई। इस "India-Nepal Border, One Dead 2 Injured In Firing From Nepal Side: फायरिंग में एक भारतीय की मौत हो गई जबकि 3 जख्मी हो गए। बिहार के सीतामढ़ी से सटी सीमा पर हुई इस गोलीबारी के बारे में जनसत्ता के अनुसार यह मामला सोनबरसा थाना क्षेत्र के भारत-नेपाल की सीमा पीपरा परसाइन पंचायत के लालबंदी जानकीनगर बॉर्डर का है। नेपाल की तरफ से की गई इस फायरिंग के बारे में जानकारी देते हुए एसएसबी के डीजी कुमार राजेश चंद्र ने बताया कि सुबह करीब 8.40 मिनट पर एक परिवार नेपाल जा रहा था।
इन लोगों को नेपाल बॉर्डर पर मौजूद नेपाल के सैनिकों ने रोका और वापस जाने के लिए कहा। इसके बाद परिवार के सदस्यों और नेपाली सैनिकों के बीच बहस शुरू हो गई। नेपाल के सुरक्षाकर्मियों ने करीब 15 राउंड फायरिंग की। इस फायरिंग में 3 लोग जख्मी हो गए जबकि एक शख्स की जान चली गई। बताया जा रहा है कि एक शख्स को नेपाल के सैनिकों ने पकड़ लिया है। हम उस शख्स की रिहाई के लिए उनके बातची कर रहे हैं। यह सबकुछ नेपाल में हुआ भारतीय सीमा में नहीं। बॉर्डर पर नेपाल की तरफ से की गई इस फायरिंग के बाद बॉर्डर के पास खेतों में काम कर रहे श्रमिक दहशत में आ गए और जान बचाने के लिए इधऱ-उधर भागने लगे। बताया जा रहा है कि गोलीबारी में घायल लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
आपको बता दें कि इस गोलीबारी के बाद सीमा पर तनाव का माहौल हो गया है। भारतीय सीमा पर एसएसबी के जवानों ने मोर्चा संभाल लिया है तो नेपाल में शस्त्र बल के जवान तैनात हैं। इस घटना के बाद गांव वालों ने स्थानीय थाने में जाकर हंगामा भी किया। आपको बता दें कि 8 मई को देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड में 80 किलोमीटर की एक सड़क का उद्घाटन किया था। यह सड़क लिपुलेख को उत्तराखंड में धारचूला से जोड़ती है। भारत की यह कामयाबी नेपाल को रास नहीं आई थी। इसपर प्रतिक्रिया देते हुए नेपाल ने दावा किया था कि भारत ने सड़क बनाने में अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करते हुए उसके सीमा में घुसपैठ की है।
हालांकि भारत ने नेपाल के इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया। इसके बाद नेपाल ने एक नक्शा दिखाया जिसमें भारतीय सीमा वाले क्षेत्रों को नेपाल में दिखाया था। भारत ने इस नक्शे का पुरजोर विरोध किया।" नेपाल की ओर से भारत विरोधी हरकतों पर रक्षा विशेषज्ञों ने चिंता प्रकट की है। विदेश मामले के जानकारों का मानना है कि जब से नेपाल में कम्युनिस्ट सरकार आई है तब से उसने भारत के साथ हजारों साल अपनी पुरानी दोस्ती को अहमियत ना देकर चीन की कम्युनिस्ट नीति को आगे बढ़ाने की कोशिश की है। जानकारों का मानना है कि नेपाली सरकार को लगता है कि अगर वह भारत को टेंशन देगा तो चाइना से उसके यहां इन्वेस्टमेंट होगा। विदेश मामलों के जानकारों का कहना है कि अगर नेपाल को सच में भारत से कोई प्रॉब्लम थी विवादित नक्शे को लेकर या किसी मसले पर तो उसे भारत के साथ संवाद स्थापित करना चाहिए था बजाय इसके कि उसने बिना किसी संवाद स्थापित किए अपनी संसद से भारत विरोधी मानचित्र को मंजूरी दे दी।
जानकारों का मानना यह भी है कि इसमें चाइना की साज़िश हो सकती है और चाइना की ओर से इस बात का नेपाल को सिग्नल मिला हो कि वह भारत को अगर टेंशन देता है तो चाइना उसके यहां इन्वेस्टमेंट करेगा। जानकारों का मानना है कि नेपाल को ऐसा नहीं करना चाहिए, क्योंकि नेपाल से भारत के ना सिर्फ लंबे पुराने गहरे संबंध है बल्कि धार्मिक आर्थिक सामाजिक सभी तरह के संबंध हमेशा से नेपाल से रहे हैं। नेपाल के लोगों को भारत ने हमेशा मान सम्मान दिया है। ऐसे में नेपाल सरकार की ओर से भारत विरोधी गतिविधियां न सिर्फ निंदनीय बल्कि चिंताजनक भी हैं। अब देखना यह है कि आने वाले दिनों में नेपाल सरकार की ओर से इस मामले में क्या नीति अपनाई जाती है, हालांकि जानकार मान रहे हैं कि शायद नेपाल को समझ में आए और वह अपनी ऐसी हरकतों से बाज आए जो उसके पड़ोसी देश और मित्र भारत विरोधी हो।
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