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चीन का सतह से सतह की ओर मारने वाली मिसाइल इस्टेब्लिश करना खतरनाक : कांग्रेस का आरोप

चीन जो है सतह से सतह की ओर मारने वाली मिसाइल के सारे साधन इस्टेब्लिश कर रहा है, वहाँ पर वो सुविधाएं बना रहा है और ये हमारे लिए बहुत खतरनाक है, क्योंकि उसके जरिए उनका जो मिसाइल का सिस्टम होगा, वो सीधे-सीधे भारत की सीमाओं और भारत के लिए बहुत खतरनाक बनने जा रहा है। ये पिक्चर्स पर देख सकते हैं और ये दो जगह विशेष रुप से हैं, Doka La और Naku La पास, Naku La पास जैसे आपको पता है, ये जो है 9 मई को हमारी भारत और चीन की सेनाओं के बीच में यहीं पर झडप हुई थी, हमारे 7 लोग जख्मी हुए थे और चीन के भी सोल्जर जख्मी हुए थे और ये जो हैं Doka La और Naku La पास, ये सबसे ज्यादा यहाँ कर रहे हैं, उसके अलावा ये हमें चारों तरफ से घेरने की कोशिश कर रहे हैं, जो बहुत चिंता की बात है।

By: Press Release
  • चीन का सतह से सतह की ओर मारने वाली मिसाइल इस्टेब्लिश करना खतरनाक : कांग्रेस का आरोप

 

चीन जो है सतह से सतह की ओर मारने वाली मिसाइल के सारे साधन इस्टेब्लिश कर रहा है, वहाँ पर वो सुविधाएं बना रहा है और ये हमारे लिए बहुत खतरनाक है, क्योंकि उसके जरिए उनका जो मिसाइल का सिस्टम होगा, वो सीधे-सीधे भारत की सीमाओं और भारत के लिए बहुत खतरनाक बनने जा रहा है। ये पिक्चर्स पर देख सकते हैं और ये दो जगह विशेष रुप से हैं, Doka La और Naku La पास, Naku La पास जैसे आपको पता है, ये जो है 9 मई को हमारी भारत और चीन की सेनाओं के बीच में यहीं पर झडप हुई थी, हमारे 7 लोग जख्मी हुए थे और चीन के भी सोल्जर जख्मी हुए थे और ये जो हैं Doka La और Naku La पास, ये सबसे ज्यादा यहाँ कर रहे हैं, उसके अलावा ये हमें चारों तरफ से घेरने की कोशिश कर रहे हैं, जो बहुत चिंता की बात है।

 

 

राजीव शुक्ला ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आज रविवार के दिन आपको तकलीफ दे रहे हैं, लेकिन मुद्दा ऐसा है कि तकलीफ देना बनता ही है। इसमें राजनीति की कोई बात नहीं है, दलगत राजनीति की कोई बात नहीं है, हम सब राष्ट्रवाद की बात करते हैं, हम सब राष्ट्रवादी हैं, इसलिए जब राष्ट्र के लिए ही कहीं अगर कोई खतरा पैदा हो रहा हो तो हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम आप लोगों के माध्यम से उसे देश के सामने रखें, सरकार के सामने रखें। या तो हमें धोखे में रखा जा रहा है, हमें गुमराह किया जा रहा है या सरकार खुद शुतुरमुर्ग की हालत में है कि बालू में सिर दिया हुआ है, उसको पता ही नहीं कि क्या हो रहा है।

 

जो ताजा हमारे पास सूचनाएं आई हैं और जो इस तरह की जो निष्पक्ष सिक्योरिटी एजेंसी हैं, जो सैटेलाइट तस्वीरें मीडिया में उपलब्ध हैं, जो आपको हमारा मीडिया विभाग शेयर करेगा, उसके हिसाब से भारत-चीन सीमा पर अब चीन जो है सतह से सतह की ओर मारने वाली मिसाइल के सारे साधन इस्टेब्लिश कर रहा है, वहाँ पर वो सुविधाएं बना रहा है और ये हमारे लिए बहुत खतरनाक है, क्योंकि उसके जरिए उनका जो मिसाइल का सिस्टम होगा, वो सीधे-सीधे भारत की सीमाओं और भारत के लिए बहुत खतरनाक बनने जा रहा है। ये पिक्चर्स पर देख सकते हैं और ये दो जगह विशेष रुप से हैं, Doka La और Naku La पास, Naku La पास जैसे आपको पता है, ये जो है 9 मई को हमारी भारत और चीन की सेनाओं के बीच में यहीं पर झडप हुई थी, हमारे 7 लोग जख्मी हुए थे और चीन के भी सोल्जर जख्मी हुए थे और ये जो हैं Doka La और Naku La पास, ये सबसे ज्यादा यहाँ कर रहे हैं, उसके अलावा ये हमें चारों तरफ से घेरने की कोशिश कर रहे हैं, जो बहुत चिंता की बात है।

 

आपको पता है कि जब डोकलाम का ईशू, पार्लियामेंट में हम भी इस बहस में शामिल हुए थे, बहुत समय से चल रहा हैं, उस समय भी सरकार को जो प्रीक्योशन लेने चाहिए थे, वो नहीं लिए। उस समय सुषमा स्वराज जी थी विदेश मंत्री, उन्होंने स्थिति स्पष्ट की थी राज्यसभा में, उसके बावजूद अगर स्थिति देखें तो वहाँ पर उन्होंने अपना ऐसा प्रभाव अब बनाया है, इस तरह से पूरी सेनाएं वहाँ पर डिप्लॉय की हैं, उससे हमारी पूरी अरुणाचल प्रदेश की सीमा के लिए खतरा बढ़ता है औऱ साथ-साथ पूरे नोर्थ ईस्ट के लिए, जो गौरव जी नोर्थ ईस्ट से हैं, आपको बताएंगे कि किस तरह से हमारी नोर्थ ईस्ट की सीमाओं पर चीनी सैनिकों का जमावड़ा बढ़ता जा रहा है।

 

आपको अगर याद हो तो 1 अगस्त, 2018 को हमारे मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला जी ने उठाया था सिलिगुड़ी के ऊपर, इसके ऊपर हम जिसे चिकन नेक भी बोलते हैं, वहाँ पर आप देखें तो वहाँ पर उस समय से वो सारे इन्फ्रास्ट्रक्चर बना रहे हैं, उनकी गतिविधियां वहाँ पर चल रही हैं। अब उन्होंने सारा कुछ बना लिया है, हर तरफ से हमें घेरने का प्रयास चल रहा है। आपको पता है लद्दाख में क्या हुआ था, उत्तराखंड में लिपू लेक, वहाँ पर सड़क बना कर किस तरह से हमें घेरने की कोशिश कर रहे हैं, तो अगर लद्दाख सीमा को देखें, उत्तराखंड सीमा को देखें, पूरे नोर्थ ईस्ट को देखें तो हर जगह चीनी सैनिकों का जमावड़ा बढ़ रहा है और अब साथ-साथ जो मिसाइल के इस्टेब्लिशमेंट बनाने शुरु किए हैं, सरफेस टू सरफेस, सतह से सतह पर वार करने वाली मिसाइल के, ये हमारे लिए बेहद चिंता का विषय है।

 

मैं भारत सरकार से आग्रह करुंगा कि तत्काल इस मामले में राष्ट्र को विश्वास में लिया जाए, राष्ट्र को वस्तुस्थिति से अवगत कराया जाए, क्योंकि हमारा संकट क्या है कि रक्षा मंत्री कुछ बोलते हैं, विदेश मंत्री कुछ बोलते हैं, विदेश सचिव कुछ बोलते हैं, आदरणीय प्रधानमंत्री के यहाँ के कुछ बयान आता है, तो समझ नहीं आता है कि पूरा देश भ्रम की स्थिति में है कि असलियत क्या है। अब 14 सितंबर से पार्लियामेंट सेशन भी शुरु होने जा रहा है, मुझे लगता है कि सरकार को सबसे पहले, कोरोना के बाद इस पर बहस होनी चाहिए और देश के सामने स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। क्योंकि उससे पहले 14 दिन हैं, सरकार को तत्काल देश को ये बताना चाहिए कि क्या ये मिसाइल सरफेस टू सरफेस मिसाइल के सेंटर जो बनाए जा रहे हैं, फैसिलिटी बनाई जा रही है, क्या ये समाचार सही है और ये हमारे लिए कितना घातक है, क्योंकि जो इंडिपेंडेड ऐजेंसी जो वहाँ से सैटेलाइट पिक्चर भेज रही है, ये झूठी तो हो नहीं सकती, तो सरकार को इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए, देश को गुमराह नहीं करना चाहिए और देश को इस मामले में किसी धोखे में नहीं रखा जाना चाहिए।       

 

Shri Gaurav Gogoi said- As Rajeev Ji said, this is the matter which affects our country’s national security and whenever it has come to matters of national security, Congress party has put India first and since 2014, we have continuously alerted the BJP Government about the threat that we are facing on our border from Chinese expansionism. What we are seeing in recent years, is unprecedented and it has dangerous consequences for the long term. The latest media reports which Rajeev Ji has shown, refers to in two places, Doka La and Naku La, two places which are right on the India-China border. At these two places the Chinese have installed missile sites. Now this is a very dangerous step and we have since 2018 consistently reminded the Indian Government, Prime Minister Modi Ji’s Government that the Chinese are expanding their militarily installations in the Doka La Area. In 2018 itself, we have raised this issue, but, the Indian Government, Prime Minister Modi Ji remains to be quite and silent and this is unfortunate, because India is a country which has both, the wisdom and the might to take on any threat in our neighbourhood.

 

Our Indian Armed Forces are able to extract all forms of gain, whether on land or sea and air. We are able to counter any threat on land, sea and air, but, despite knowing that India has this military might capability, we have seen this strength being undermined by the current Prime Minister and his Government. Both the Foreign Affairs Ministry and the Defence Ministry are only focused on protecting the image of the Prime Minister rather than defending Bharat Mata. It is highly unfortunate that in this climate, I saw a recent interview of the External Affairs Minister, Dr. Jaishankar in a news publication. In that news publication, which appeared in Hindustan Times, he says that he is unaware, he was at a loss for words as to why the Chinese have amassed such large forces. उनको समझ नहीं आ रहा, शब्द नहीं है समझाने के लिए कि चीन की सेना इतनी बड़ी तादाद में हमारे भारत की सीमा पर क्यों खड़ी है, तो इससे साफ-साफ पता चल जाता है कि Indian Government Prime Minister Modi Ji and his External Affairs Ministry, his Defence Ministry are only focused on optics and not on defending the Indian territory. This shows that our Indian Foreign Policy under Prime Minister Modi Ji has been weakened. It is not a 56 inch policy, it is a hollow policy. 56 ईंच की विदेश नीति नहीं है, एक खोखली विदेश नीति आज प्रधानमंत्री मोदी जी की सरकार कर रही है।

 

The Prime Minister and his Government have relied only on lies and misdirection. कभी बोलते हैं कि चीन की सेना घुसी नहीं है, ना कभी घुसी थी, तो instead of sharing the facts with the people of India, taking them into confidence, the Prime Minister and his Government have relied solely on lies and misdirection. Instead of boosting our Defence budget, the Government is only focused on events. Instead of putting strategic cost on China, the BJP Government has only waited and given hollow statements. The Congress Party is saying to the Prime Minister and his Government, time for empty words is over, time is now for concrete actions and concrete measures. भाषण नहीं, अब हमें बताए कि भारत सरकार अपनी सीमा को बचाने के लिए क्या करने वाली है और कब तक करने वाली है? इसलिए हम चाहते हैं जैसा राजीव जी ने कहा कि कुछ अगले दिनों में भारत सरकार ये स्पष्ट करे, खोखले शब्द ना इस्तेमाल करे, कड़ी नीति लें और आने वाले पार्लियामेंट सत्र में इस पर विशेष चर्चा हो और भारत के प्रधानमंत्री किसी मंत्री के पीछे ना छुपें, सामने आएं और बातें बताएं कि वो क्या करने वाले हैं, सच्चाई से बात करें औऱ ईमानदारी से बात करें। 

 

एक प्रश्न पर कि क्या आप ये चाहते हैं कि इस चर्चा के दौरान या तो प्रधानमंत्री इसमें भाग लें या उसका जवाब दें? श्री गोगोई ने कहा कि जैसे राजीव जी ने कहा और मैंने अपने बातों में रखा कि सबसे पहले भारत सरकार से तुरंत आज के कांग्रेस ने जो वार्तालाप रखा है, संवाद रखा है, इसका जवाब दें और भारत के लोगों के सामने सारी जो सच्चाई है, उसको रखें और पार्लियामेंट के सत्र में प्रधानमंत्री किसी मंत्री के भाषण के पीछे नहीं, प्रधानमंत्री स्वयं आकर पार्लियामेंट के अंदर अपनी बातें रखें, जिस प्रकार से वो रखना चाहें, चर्चा की शुरुआत में रखें या चर्चा के अंत में रखें, पर हम चाहते हैं कि आज के संवेदनशील समय में भारत के प्रधानमंत्री संसद के भीतर वो ये बात रखें कि वो क्या करने वाले हैं, जो लाल आंख की बात की थी, वो बातें अब खोखली हो चुकी हैं। अब वो बताएं कि भारत को किस प्रकार से वो आने वाले समय में भारत की सीमा को सुरक्षित रखेंगे।

 

श्री शुक्ला ने कहा कि गौरव जी का ये कहना है कि संसद में इस पर बहस हो और सरकार बहस स्वीकार करे और उस बहस का जवाब प्रधानमंत्री दें ना कि कोई और मंत्री।

 

एक अन्य प्रश्न पर कि विपक्ष पर उल्टा आरोप लगाने वाली भाजपा सरकार क्या आपकी बात सुनेगी, श्री शुक्ला ने कहा कि विपक्ष का काम है हर बात को उठाना, जो देश के मुतलिक है और देश के हित में। हम अपना काम कर रहे हैं, बात उठा रहे हैं, अगर सरकार जवाब नहीं देती तो दो ही वजह हो सकती है कि या तो उनके पास जवाब नहीं है, जो देश के सामने रख सके और या फिर जानबूझ कर जवाब नहीं देना चाहते हैं, इस पूरे मामले से बचना चाहते हैं, तो हमारा काम है कि देशहित की जितनी समस्याएं हैं, मुद्दे हैं, उनको उठाते रहें, इसलिए इस मुद्दे पर लगातार राहुल जी ने हर समय लोगों को आगाह करते रहते हैं, सब प्रकार से पूछते रहते हैं और हम पूरा विपक्ष है जो पूरा सहयोग करने के लिए भी तैयार है क्योंकि राष्ट्र का मुद्दा है, पर सरकार सहयोग मांगे तो, अगर सरकार संसद में बहस कराएगी तो अच्छी बात है। लोगों के सामने इस पर सारे दल शामिल होंगे, सब देशहित की ही तो बात करेंगे, देश से बाहर की बात तो कोई नहीं करेगा। तो ये सरकार अगर बच कर भागती है तो ये सरकार की जिम्मेदारी बनती है। विपक्ष का काम है अपनी बात रखना और आप लोगों के माध्यम से रखना, हमें लगता है कि वो फर्ज हम पूरा कर रहे हैं।

 

एक अन्य प्रश्न पर कि संसद सत्र से पहले क्या सरकार को ऑल पार्टी नहीं बुलानी चाहिए? श्री गोगोई ने कहा कि हमारी ये मांग है कि सरकार सच्चाई सामने रखे। राजनीतिक दलों के सामने, देश की जनता के सामने वो हम ऑल पार्टी मीटिंग कर सकते हैं, सबको बुला सकते हैं, बातें रख सकते हैं, इससे पहले भी जब कांग्रेस की सरकार हुई है, विभिन्न संवेदनशील बातों में हमने विभिन्न विपक्षी दलों को साथ लिया है, क्योंकि जैसा राजीव जी ने कहा है कि ये देश का मामला है, पर सवाल उठता है कि अगर बार-बार हम अपना समर्थन व्यक्त कर रहे हैं, बार-बार हम चेतावनी दे रहे हैं, बार-बार सबूत दे रहे हैं कि हमारी सीमा पर किस प्रकार चीन की सेना बढ़ रही है, उसके बावजूद भी मोदी जी की सरकार चुप क्यों है, तो चुप इसलिए हो सकती है क्योंकि उनका पर्दाफाश हो जाएगा कि उनको पता नहीं था वो अपने they were sleeping on the job या पर्दाफाश हो जाएगा, जैसे उनके आज एक मंत्री ने खुद कहा इंट्रव्यू में कहा कि that he has loss of words, उनके पास नीति नहीं है, काउंटर प्लान नहीं है, तो इसलिए ना वो राजनीतिक दलों को विश्वास में ले रहे हैं, ना देश के आवाम को विश्वास में ले रहे हैं।

 

एक अन्य प्रश्न पर जब सरकार इसे स्वीकार ही नहीं कर रही कि कब्जा हुआ है, मोदी जी कह चुके हैं कि हमारी सीमा में किसी प्रकार का कोई अतिक्रमण नहीं हुआ, लेकिन आप मीडिया में छपि रिपोर्ट के आधार पर सरकार के समक्ष रखते है तो ये इंटरनेशनल लेवल पर इस्टेब्लिश कैसे होगा? श्री शुक्ला ने कहा कि मैं फिर आपको ये बात कहता हूं कि विपक्ष का काम है कि कोई जानकारी अगर मिलती है तो मीडिया के माध्यम से देश के साथ शेयर करे और सरकार को आगाह करे, वही काम हम कर रहे हैं। हम तो आपको सैटेलाइट इमेज दिखा रहे हैं, वो कांग्रेस पार्टी ने तो इमेज क्रियेट नहीं की हैं, वो इमेज तो इंटरनेशनल एजेंसी से आई हैं और न्यूट्रल एजेंसी के आई हैं, सरकार स्थिति स्पष्ट कर दे कि गलत है, सरकार बताए कि क्या स्थिति है। तो अगर कहीं से कोई चीज आ रही है, कोई सूचना आ रही है तो हमारा काम उसको रखना और उसको सरकार से पूछना और देशहित में पूछना। तो वो काम हम कर रहे हैं, सरकार में सुन रही है तो ये हमारी गलती थोड़े ना है, सरकार की गलती है, सरकार को सुनना चाहिए। हमारा काम है हम अपनी बात रखें, उसे उठाएं और जनता ये ना कहे कि विपक्ष चुप बैठा है, हाथ पर हाथ धरे बैठा है कि विपक्ष अपना रोल नहीं प्ले कर रहा है, तो विपक्ष अपना रोल प्ले कर रहा है और देशहित में सारी चीजें रख रहा है, जो कांग्रेस पार्टी ने हमेशा किया है। चाहे जो मामला है, आप 1971 का युद्ध भी देख लीजिए, आप 1965 का भी देख लीजिए, जब भी जो मामला आया, हमने अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए अपनी जान अडाई है, तो इसलिए इस मुद्दे को हम बार-बार चिंतित होकर रख रहे हैं, सरकार अगर इस पर हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहेगी, कोई इस पर रिस्पोंस देने को तैयार नहीं है तो उसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी। उसके अलावा हम संसद की बात कर रहे हैं, पहले आप कोरोना पर बात करें, फिर इस मामल पर भी चीन पर बात होनी चाहिए क्योंकि लोगों को वस्तुस्थिति का पता चलना चाहिए, उसके बाद तमाम विषय हैं, बेरोजगारी का विषय है, ये सारी चीजें संसद में आनी चाहिएं। आर्थिक व्यवस्था का सवाल, ये सारी चीजें आनी चाहिएं, लेकिन आज हम इस प्रेस वार्ता के माध्यम से जो लेटेस्ट डेवलपमेंट हुआ है भारत-चीन सीमा पर मिसाइल लगाने का, तो ये तो जो बातचीत चल रही है, एक तरफ बातचीत चल रही है, दूसरी तरफ चुपके से ये काम हो रहा है, इसलिए हम लोगों को आगाह कर रहे हैं और घंटी बजाकर देश को भी आगाह कर रहे हैं।

 

श्री गौरव गोगोई ने कहा कि जैसे मैंने कहा पूरी विदेश नीति और रक्षा नीति व्यक्ति विशेष नीति बन गई है, प्रधानमंत्री मोदी जी की छवि की रक्षा होनी चाहिए, उसमें ये जुट गई है ये सरकार और इसलिए सच्चाई को आगे नहीं रख रही। देश के लिए खतरा है कि आज देश की सरकार प्रधानमंत्री की छपि के बारे में चिंता करती है, लेकिन भारत की सेना, भारत की सीमा पर जो आक्रमण हो रहा है, जो काले बादल मंडरा रहे हैं, उसके लिए ठोस नीति, ठोस कदम नहीं बना रही।

 

एक अन्य प्रश्न पर कि क्या इस पर वाइट पेपर मांगा जाएगा ताकि पता चल सके कि असलियत में हो क्या रहा है? दूसरा जीरो ऑवर की बात सुनने में आ रही है कि शायद इस बार संसद में जीरो ऑवर नो हो? वहीं देश में कोरोना वायरस के केस 35 लाख के पार हो चुके हैं? Shri Gaurav Gogoi said- Congress Party through this Press Conference is making a very specific demand that please give us road map of what actions will the Government take, because so far we have only heard words which have proved to be empty, so, we want an action plan as to how to boost our Defence Personnel, how to boost our security and that should come immediately and the Prime Minister himself should outline that plan in the Parliament, that is our clear demand. It is unfortunate that what they are doing gradually, is reducing the importance of Parliament by delaying the session, by curtailing question hour, by curtailing the rights of Standing Committees, by telling Standing Committees’ what to discuss, what not to discuss, the role of democracy, the pillars of democracy are being gradually eroded only to promote one person’s ego.

 

श्री शुक्ला ने कहा कि मेरा मानना है कि हमने जैसा पहले ही कहा कि जो आज हमने मुद्दा उठाया है, इस पर सरकार स्टेटमेंट दे, बयान दे क्योंकि अभी सत्र में 14 दिन है। पहले इस पर सरकार स्थिति स्पष्ट करे कि सरकार का पक्ष क्या है? दूसरी मांग कि संसद में बहस हो। जहाँ तक कोरोना का मामला है, कोरोना के मामले में पहले से ही आपको पता है कि राहुल जी ने फरवरी में ही इसकी चेतावनी दी थी, इसका लगातार हम कह रहे थे कि इसका इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाईए, ये आगे बढ़ेगा, ये कोई एक महीने, दो महीने, तीन महीने में नहीं जाने वाला, ये संकट है, सबके लिए संकट है और इसमें कांग्रेस पार्टी के साथ, सभी राज्य सरकारों को और केन्द्र सरकार को सबको मिलकर इससे लड़ना है। तो हम हर किस्म से हमारी पार्टी सहयोग देने के लिए तैयार है। केसेस बढ़ रहे हैं, ये खतरा था, संभावना थी, आसार थे, लेकिन जो सरकार को इसके लिए पहले से चेतना चाहिए था। अभी भी हम कहते हैं, इसकी सुविधाएँ बढ़ाई जाएं, लोगों के लिए टेस्ट की सुविधाएँ बढ़ाई जाएं और इसके अलावा आम जनजीवन है, गतिविधियाँ हैं, उनको प्रिक्योशन के साथ शुरु करने के लिए जो पहलू हैं वो लोगों को बताने चाहिएं, उजागर करने चाहिएं, क्योंकि ये एक-दो महीने में जाने वाली समस्या नहीं है, लोगों को इसके साथ जीना पड़ेगा, तो इसलिए सरकार को इसके लिए व्यवस्था करनी चाहिए कि जो आम गतिविधियाँ भी सूचारु रुप से चलें और इसके साथ-साथ जो प्रिक्योशन है, वो भी लिए जाएं।

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