नयी दिल्ली: हालात कैसे भी हों, परिस्थितियां कैसी भी हों, आदमी कितना ही परेशान क्यों ना हो अपनी एक मुस्कुराहट से बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान पेश करने वाले देश के दिग्गज नेता और असली चाणक्य अहमद पटेल का गर्चे निधन हो गया है, लेकिन उनके शब्द हमेशा के लिए अमर हो गए हैं. अहमद पटेल का मानना था कि "भारत की विविधता ही उसकी सबसे बड़ी ताकत है - जिससे किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जा सकता है".
यही वजह है कि अहमद पटेल ने जिंदगी में वह तमाम खुशियां देखीं जो लोग सोच भी नहीं सकते. उनके घर के दरवाजे से लोग मंत्री गवर्नर मुख्यमंत्री सांसद विधायक और ना जाने क्या-क्या बन कर के निकलते थे, लेकिन हमेशा एक शालीन और सभ्य नजर आने वाले अहमद पटेल ने कभी किसी को ना डांट लगाई ना कभी किसी को फटकारा, ना कभी किसी पर बरसे, अगर गुस्सा भी हुए तो उसका जवाब मुस्कुरा कर के दिया.
बड़े बड़े दुख्यारे जब उनके दर पर पहुंचे तो उन्होंने उनके दुख को कम कर दिया. उनके दिल को सुकून पहुंचाया. उनकी रूह को ठंडक पहुंचा और कोई भी आदमी किसी भी धर्म का हो किसी भी समुदाय का हो अहमद पटेल ने कभी किसी में कोई भेदभाव नहीं किया. यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी के टॉप लेवल से लेकर बॉटम लेवल तक हर इंसान अहमद पटेल को प्यार से अहमद भाई कहा करता था और वह अपनी मुस्कुराहट से सब का सम्मान करते थे.
रात रात भर वह लोगों से मिला करते थे. जब रात 2:3 बजते तब अहमद पटेल की महफिल जमती थी. वह रात के किसी भी समय कोई भी आए कभी किसी को वापस नहीं लौटाते थे. बड़ी बात यह कि अहमद पटेल पैसों से भी लोगों की खूब मदद करते थे. अगर किसी नेता में कोई खूबी होती तो उसकी प्रशंसा भी करते थे. उसको बढ़ाते भी थे.
यही वजह है कि आज जब अहमद पटेल इस दुनिया से चले गए तो आज सब लोग उनकी प्रशंसा कर रहे हैं. पक्ष हो या विपक्ष सबके लिए अहमद पटेल सम्मानित थे. सब उनका सम्मान करते थे और वह सब से प्रेम करते थे. आज अहमद पटेल के निधन पर कांग्रेस पार्टी की ओर से ट्वीट करते हुए उनके एक शब्द को कोट किया गया और अहमद पटेल के यह शब्द हमेशा के लिए अमर हो गए कि "भारत की विविधता ही भारत की शक्ति है, जिससे किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जा सकता है".
यह वह सोच है जो देश के महानुभावों की थी. यह उन लोगों की सोच थी जो देश के स्वतंत्रता संग्राम के आंदोलन की अगुवाई कर रहे थे. चाहे वह फिर गांधीजी हों या युसूफ मेहर अली या फिर पंडित नेहरू हों या मौलाना अबुल कलाम आजाद और सरदार पटेल सभी लोगों की यही सोच थी. फिर वह शहीद भगत हों बिस्मिल हों या अशफ़ाक़.
अहमद पटेल के निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कांग्रेस को मजबूत करने में अहमद पटेल के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता. अब अहमद पटेल के जाने के बाद यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या कांग्रेस पार्टी कमजोर होगी? क्या कांग्रेस पार्टी टूट-फूट की शिकार होगी? क्या कांग्रेस पार्टी बिखराव की शिकार होगी? यह और इस जैसे अनेकों सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि सियासी जानकारों का यह मानना है कि अहमद पटेल सभी दुखों की दवा थे और वह पार्टी के सबसे बड़े संकटमोचक थे.
Ahmed ji's uncompromising belief in our nation's composite diverse culture ensured that it was protected against any divisionary onslaught. We will deeply miss a leader who understood & fought for our nation's strength. pic.twitter.com/MwINVkQpZQ
— Congress (@INCIndia) November 26, 2020
पार्टी जब भी संकट में आती थी तो वह उसको संभाल लिया करते थे, लेकिन अब संकटमोचक कौन बनेगा? सीनियर और जूनियर के बीच में समन्वय का काम कौन करेगा? कांग्रेस पार्टी में गांधी परिवार के बाद सबसे पावरफुल कौन होगा?
अभी इसका सबको इंतजार है. अहमद पटेल जैसे विनम्र कुछ वरिष्ठ नेता जरूर हैं लेकिन पार्टी क्या उन पर विश्वास करेगी या कुछ ऐसे नए चेहरों को आगे लाएगी जो जहां जाते हैं वहीं पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी कर देते हैं, लेकिन उसके बावजूद पार्टी उन पर भरोसा उसी तरह कर रही है जिस तरह महाराष्ट्र में 10 15 साल पार्टी के प्रभारी रहने के बावजूद कांग्रेस के एक नेता ने पार्टी को वहां पूरी तरह से खत्म कर दिया लेकिन पार्टी उन पर भरोसा करती रही.
तो क्या अब पार्टी कुछ सोचेगी या उसी ढर्रे पर आगे चलेगी? यह एक सवाल है इसका जवाब बहरहाल कांग्रेस नेतृत्व और शीर्ष नेतृत्व के पास है, जिसका समय आने पर सब को जवाब मिल जाएगा. हालांकि यह समय काफी करीब है, जवाब का सबको इंतजार है.
ताज़ातरीन ख़बरें पढ़ने के लिए आप वतन समाचार की वेबसाइट पर जा सक हैं :
https://www.watansamachar.com/
उर्दू ख़बरों के लिए वतन समाचार उर्दू पर लॉगिन करें :
http://urdu.watansamachar.com/
हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें :
https://www.youtube.com/c/WatanSamachar
ज़माने के साथ चलिए, अब पाइए लेटेस्ट ख़बरें और वीडियो अपने फ़ोन पर :
आप हमसे सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं- ट्विटर :
https://twitter.com/WatanSamachar?s=20
फ़ेसबुक :
यदि आपको यह रिपोर्ट पसंद आई हो तो आप इसे आगे शेयर करें। हमारी पत्रकारिता को आपके सहयोग की जरूरत है, ताकि हम बिना रुके बिना थके, बिना झुके संवैधानिक मूल्यों को आप तक पहुंचाते रहें।
Support Watan Samachar
100 300 500 2100 Donate now
Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.